"मुझे लगता है कि वेंकटेश अय्यर को इतनी जल्दी बाहर नहीं करना चाहिए था" - वनडे टीम से बाहर किये जाने को लेकर आई प्रतिक्रिया 

वेंकटेश अय्यर को एक सीरीज खिलाकर ड्रॉप कर दिया गया
वेंकटेश अय्यर को एक सीरीज खिलाकर ड्रॉप कर दिया गया

पूर्व भारतीय विकेटकीपर सबा करीम (Saba Karim) का मानना है कि वनडे स्क्वाड से वेंकटेश अय्यर (Venkatesh Iyer) को इतनी जल्दी बाहर नहीं किया जाना चाहिए था। ऑलरांडर ने दक्षिण अफ्रीका दौरे (IND vs SA) पर अपना वनडे डेब्यू किया था लेकिन वेस्टइंडीज के खिलाफ अगली ही सीरीज (IND vs WI) में उन्हें ड्रॉप कर दिया गया।

वेंकटेश अय्यर को तीन मैचों के शुरूआती दो मैचों में खेलने का मौका मिला था। इस दौरान उनके बल्ले से 24 रन आए तथा गेंदबाजी में पांच ओवर डालते हुए कोई सफलता नहीं हासिल कर पाए थे। इसके बाद उन्हें आखिरी वनडे से भी ड्रॉप कर दिया गया था।

करीम ने कहा कि अय्यर जैसा खिलाड़ी टीम से बाहर होने से पहले अधिक अवसर दिए जाने का हकदार है।

इसके अलावा पूर्व चयनकर्ता ने में पहले वनडे के लिए भारतीय प्लेइंग इलेवन का भी चुनाव किया और कुलचा की जोड़ी को एक साथ रखा।

खेलनीति पॉडकास्ट पर सबा ने कहा,

मुझे लगता है कि वेंकटेश अय्यर को इतनी जल्दी बाहर नहीं करना चाहिए था। मुझे दक्षिण अफ्रीका में उनका दृष्टिकोण पसंद आया। उसने ठीक-ठाक गेंदबाजी की, उसे और मौके देने चाहिए थे। मेरी प्लेइंग इलेवन होगी: रोहित, किशन, कोहली, पंत, यादव, हूडा, ठाकुर, चाहर, सिराज, कुलदीप और चहल। बाएं हाथ के खिलाड़ियों की कमी के कारण सुंदर को मौका मिलते हुए नहीं देखता।

आपको बता दें कि इशान किशन पहले वनडे टीम में शामिल नहीं थे लेकिन भारतीय खिलाड़ियों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उन्हें टी20 के साथ-साथ वनडे में भी जगह दी गई। पूरी संभावना है कि किशन ही पहले वनडे में रोहित शर्मा के जोड़ीदार होंगे।

वेंकटेश अय्यर मिडिल ऑर्डर में सफल नहीं होंगे - मदन लाल

वहीं वेंकटेश अय्यर को लेकर मदद लाल ने बड़ा बयान दिया है। उनके मुताबिक वेंकटेश अय्यर इंडियन टीम में ज्यादा दिन तक नहीं टिक पाएंगे। आज तक पर बातचीत के दौरान उन्होंने कहा,

अगर वो 5वें या छठे नंबर पर बैटिंग करते हैं तो मुझे नहीं लगता है कि वो सफल हो पाएंगे। मैंने उनकी गेंदबाजी भी देखी है और वो भी ज्यादा प्रभावशाली नहीं थी। मेरे हिसाब से वो ज्यादा से ज्यादा 2-3 ओवर गेंदबाजी कर सकते हैं। उन्होंने अपनी गेंदबाजी पर काम भी नहीं किया है। ऐसे में अगर आप ये सोचे कि एक ऑलराउंडर के तौर पर वो इस इंडियन टीम में फिट हो सकते हैं तो ये काफी मुश्किल लगता है। केवल एक ही पोजिशन पर उन्हें खिलाया जा सकता है और वो ओपनिंग है।

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