भारतीय टीम मौजूदा समय में जिम्बाब्वे दौरे (IND vs ZIM) पर है। इस दौरे पर तीन मैचों की वनडे सीरीज की शुरुआत हो चुकी है। हालाँकि, पूर्व भारतीय खिलाड़ी आकाश चोपड़ा (Aakash Chopra) ने सीरीज के आयोजन के उद्देश्य पर सवाल उठाये हैं। चोपड़ा का मानना है कि दोनों टीमों के बीच काफी ज्यादा अंतर है।
हरारे में खेले गए पहले वनडे में ज़िम्बाब्वे पहले बल्लेबाजी करते हुए पूरे ओवर भी नहीं खेल पाई थी और महज 189 रन के स्कोर पर सिमट गई थी। लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय बल्लेबाजों के सामने विपक्षी गेंदबाज असहाय नजर आये और टीम ने बिना किसी परेशानी के 10 विकेट से मैच अपने नाम किया। शनिवार को दोनों टीमों के बीच दूसरा मुकाबला होना है। उम्मीद है कि इस मुकाबले में ज़िम्बाब्वे संघर्ष करने का प्रयास करेगी।
अपने यूट्यूब चैनल पर मुकाबले का प्रीव्यू करते हुए चोपड़ा ने दोना टीमों के बीच भारी अंतर को दर्शाया। उन्होंने कहा,
कुछ मैच ऐसे होते हैं जब वे शुरू होने वाले होते हैं तो आप कहते हैं कि आप क्यों खेल रहे हैं? ऐसा क्या है जो आपको इससे मिलने वाला है? आपको भारत-जिम्बाब्वे के मैचों में ऐसा अनुभव होता है। आखिरी बार जब भारत जिम्बाब्वे से हार गया था, वह साल 2013 था। मैं क्रिकेट खेल रहा था, उसी साल मैंने क्रिकेट खेलना छोड़ दिया था।
भारत को खुद को चुनौती देने का रास्ता ढूंढना होगा - आकाश चपड़ा
चोपड़ा ने कहा कि केएल राहुल की अगुवाई वाली भारतीय टीम को खुद के लिए मुश्किलें तैयार करनी होंगी। उन्होंने टीम को टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने की सलाह दी है। पूर्व ओपनर ने कहा,
हम विपक्ष के बारे में बात नहीं कर रहे हैं, हम इस बारे में बात कर रहे हैं कि हम अपने लिए कार्य को कैसे कठिन बना सकते हैं। आखिरी गेम लगभग एकदम सही मैच था। लोग बल्लेबाजी करने नहीं आए। तो मैं यहाँ क्या उम्मीद करूँ? विरोधी टीम आपको उतनी चुनौती नहीं दे पा रही है, इसलिए खुद को चुनौती देने के तरीके खोजें। मैं कह रहा हूं कि टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करो। अगर आप टॉस हार जाते हैं तो आपको वैसे भी पहले बल्लेबाजी करने का मौका मिलेगा। ऐसे में कुछ मुश्किल सवाल हो सकते हैं क्योंकि नई गेंद मूव होती है। मुझे लगता है कि अगर जिम्बाब्वे को पहले गेंदबाजी करने का मौका मिलता है, तो वे हमें कुछ शुरुआती झटके देंगे।