इंडिया ए टीम के कप्तान मनीष पांडे पर ऑस्ट्रेलिया में जारी 4 टीमों की सीरीज के दौरान मैच का 25 फीसदी जुर्माना लगाया गया। रविवार को ऑस्ट्रेलिया की नेशनल परफॉर्मेंस स्कवॉड के खिलाफ मैच के दौरान अंपायर के फैसले पर असहमति जताने की वजह से जुर्माना लगा। घटना भारत की बल्लेबाजी के दौरान पारी के 28वें ओवर में हुई। टीम का स्कोर 2 विकेट के नुकसान पर 152 रन था, जबकि मनीष पांडे 31 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे। स्पिनर मिचेल स्वैपसन की बॉल पर मनीष पांडे को आउट करार दे दिया गया। पांडे ने बॉल को बैकफुट पर खेला, बॉल पैड से टकराकर सेकेंड स्लिप के पास गई। तभी पांडे ने इशारा किया कि बॉल बल्ले से पहले लगी है। लेकिन अंपायर तब तक उन्हें आउट दे चुके थे। ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी विकेट गिरने के बाद जश्न मनाने लगे, लेकिन पांडे क्रीज पर ही थोडे समय के लिए खड़े रहे। अंपायर पांडे की ओर जाने लगे, तभी मनीष पांडे पैवेलियन की ओर चल दिए। साफ जाहिर हो रहा था कि वो अंपायर के फैसले से खुश नहीं है। मैच के दौरान स्टेडियम में गिने चुने कैमरे ही थे और स्नीको मीटर भी मौजूद नहीं था। जिसकी वजह से इस बात का पता नहीं लगाया जा सकता कि आखिर क्या हुआ था। हालांकि मनीष पांडे को पता होना चाहिए था कि अंपायर की उंगली उठने के बाद क्रीज में रुकने का कोई फायदा नहीं है। 26 साल के मनीष पांडे ऑस्ट्रेलिया-ए के खिलाफ अपना खाता भी नहीं खोल पाए थे, लेकिन साउथ अफ्रीका के खिलाफ उन्होंने शानदार शतक लगाया था। ऑस्ट्रेलिया की नेशनल परफॉर्मेंस स्कवॉड के खिलाफ पांडे ने 100 से ज्यादा की औसत से रन बनाए। वो एक बड़े स्कोर की तरफ बढ़ रहे थे, लेकिन अंपायर की फैसले की वजह से आउट हो गए। अंपायर के फैसले का विरोध करने पर पांडे को आईसीसी की आचार संहिता का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया और उन पर 30 फीसदी मैच फीस का जुर्माना लगा। पांडे ने अपना दोष स्वीकार किया, लेकिन फाइन को चैलेंज किया। जिसके बाद मैच रैफरी ने जुर्माने को 5 फीसदी कम करके 25 फीसदी कर दिया। जिसको मनीष पांडे ने स्वीकार कर लिया। इंडिया ए को अभी सीरीज में 5 मैच और खेलने हैं और वो लगातार 2 जीत के बाद दूसरे पायदान पर पहुंच गए हैं। भारतीय टीम को सीरीज का पहला मैच ऑस्ट्रेलिया के हाथों गंवाना पड़ा था।