क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में हमेशा ही टेस्ट क्रिकेट को सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता है और दो बार की वर्ल्ड कप विजेता टीम भारत (Indian Team) का प्रदर्शन भी क्रिकेट के सबसे बड़े प्रारूप में काफी अच्छा रहा है। भारतीय टीम इस समय टेस्ट क्रिकेट की टीम रैंकिंग में पहले स्थान पर हैं।
टेस्ट क्रिकेट के सालों पुराने इतिहास में भारतीय टीम के खिलाड़ियों का बोलबाला इस फॉर्मेट में रहा है। इसके अलावा भारतीय टीम कई यादगार टेस्ट मैचों का गवाह भी रही है और कई ऐसे रिकॉर्ड है जोकि भारतीय टीम के नाम दर्ज हैं।
इस समय आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप चल रही है और इसी सिलसिले में हम भारत की ऑलटाइम टेस्ट टीम पर नजर डालेंगे:
सलामी बल्लेबाज
सुनील गावस्कर और वीरेंदर सहवाग
भारतीय टीम के इतिहास में सुनील गावस्कर जैसा खिलाड़ी मिलना काफी मुश्किल है। गावस्कर ने 70 से 80 के दशक में अपना नाम बनाया, जब गेंदबाजों का बोलबाला रहता था। गावस्कर ने अपने टेस्ट करियर में 125 मुकाबले खेले जिसमें 51.12 की औसत से 10,122 रन बनाए। इसमें 34 शतक भी शामिल हैं। इसके अलावा सुनील गावस्कर टेस्ट में 10,000 रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज थे।
एक छोर पर जब गावस्कर हो, तो दूसरे छोर पर वीरेंदर सहवाग जैसा बल्लेबाज होना चाहिए जोकि अपने आक्रमक अंदाज से पूरे मैच का रुख बदल सकता है। सहवाग ने अपने टेस्ट करियर में 104 मुकाबलों में 49.34 की औसत से 8586 रन बनाए। सहवाग ने 23 शतक भी लगाए, जिसमें दो तिहरे शतक भी शामिल हैं।
मध्यक्रम
राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण
भारतीय टीम की बल्लेबाजी का सबसे सुनहरा दौर था जब मध्यक्रम में राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्षमण जैसे दिग्गज बल्लेबाज थे। इन तीनों ही बल्लेबाजों के टेस्ट क्रिकेट में आंकड़े शानदार हैं। इसके साथ ही यह तीनों ही भारत की यादगार जीतों का हिस्सा रहे हैं।
द्रविड़ ने अपने टेस्ट करियर में 164 टेस्ट मुकाबलों में 52.31 की औसत से 13288 रन बनाए, जिसमें 36 शतक शामिल हैं। इसके अलावा द्रविड़ बेहतरीन स्लिप फील्डर भी हैं और उनके नाम टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा कैच (210) लेने का रिकॉर्ड भी हैं।
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का नाम विश्व की किसी भी इलेवन में आएगा ही। सचिन ने 200 टेस्ट में 51 शतक और 53.79 की औसत से 15921 रन बनाए। सचिन के नाम सबसे ज्यादा टेस्ट मैच खेलने, रन बनाना और शतक का विश्व रिकॉर्ड दर्ज हैं।
संकटमोचन वीवीएस लक्ष्मण ने 134 मुकाबलों में 46 की औसत से 8781 रन बनाए, जिसमें 17 शतक शामिल हैं। लक्ष्मण ने अपने करियर में दो दोहरे शतक भी लगाए हैं और उनका सर्वधिक स्कोर 281 रन है।
नंबर 6 और विकेटकीपर
विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी (कप्तान एवं विकेटकीपर)
विराट कोहली मौजूदा दौर के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज हैं और उनका नाम तीनों फॉर्मेट की ऑलटाइम इलेवन में रहेगा ही। कोहली ने 97 टेस्ट मुकाबलों में 50.66 की औसत से 7801 रन बनाए हैं। उन्होंने 27 शतक लगाए हैं, जिसमें 7 दोहरे शतक शामिल हैं।
भारतीय टीम को तीनों फॉर्मेट में नंबर पर पहुंचाने वाले महेंद्र सिंह धोनी के बिना यह टीम अधूरी है। धोनी ने टेस्ट करियर में 90 मैच खेले, जिसमें 38.09 की औसत और 6 शतक की बदौलत 4876 रन बनाए। धोनी ने कीपिंग करते हुए 294 शिकार भी किए हैं। इसमें 256 कैच और 38 स्टंपिग शामिल हैं। धोनी इस टीम के कप्तान भी होंगे।
स्पिनर्स
अनिल कुंबले और हरभजन सिंह
भारतीय टीम के दो दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले और हरभजन ने भारत को साथ मिलकर और अकेले अपने दम पर कई मैच जिताए हैं। दोनों के रिकॉर्ड भी काफी शानदार हैं। इसके अलावा यह दोनों ही खिलाड़ियों का गेंदबाजी के अलावा बल्ले के साथ अहम योगदान रहा है।
कुंबले ने 132 टेस्ट मैचों में 29.65 की औसत से 619 विकेट लिए। इस बीच उनका एक पारी मे सर्वश्रेष्ठ पर 74/10 हैं। बल्ले के साथ कुंबले ने 1 शतक की बदौलत 2506 रन बनाए। कुंबले भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं।
हरभजन सिंह ने अपने टेस्ट करियर में 103 मैच खेले हैं, जिसमें 32.46 की औसत से 417 विकेट लिए हैं। इस बीच उनका एक पारी मे सर्वश्रेष्ठ पर 84/8 हैं। बल्ले के साथ हरभजन ने 2 शतक की बदौलत 2225 रन बनाए।
तेज गेंदबाज
कपिल देव और जहीर खान
विश्व के शानदार ऑलराउंडर में से एक कपिल देव किसी पहचान के मोहताज नहीं है। भारत को 1983 विश्व कप जिताने वाले कपिल देव का प्रदर्शन टेस्ट क्रिकेट में शानदार रहा है। कपिल देव ने 131 टेस्ट मैचों में 29.65 की औसत से 434 विकेट लिए। एक पारी में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 83/9 है। बल्ले के साथ कपिल देव ने 8 शतक की बदौलत 5248 रन भी बनाए।
जहीर खान भारत के ही नहीं बल्कि विश्व के सर्वश्रेष्ठ बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों में से एक हैं। जहीर ने 92 टेस्ट मैचों में 32.95 की औसत से 311 विकेट लिए हैं। एक पारी में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 87/7 हैं।