चैंपियंस ट्रॉफ़ी में अब तक जो दो चीज़ सबसे ज़्यादा चर्चा का केंद्र बनी है वह है बारिश, जिसकी वजह से अब तक 6 में से 2 मैच रद्द हो चुके हैं। और दूसरी बात जिसने सभी को अपनी तरफ़ खींचा वह है भारत-पाकिस्तान की भिड़ंत। बारिश ने जहां ऑस्ट्रेलिया को टूर्नामेंट से बाहर लाने की कगार पर खड़ा कर दिया है तो टीम इंडिया की पाकिस्तान पर शानदार जीत ने उन्हें एक बार फिर ख़िताब का मज़बूत दावेदार बना दिया है। हालांकि जून के महीने में इंग्लैंड में चैंपियंस ट्रॉफ़ी कराने के इस फ़ैसले ने आईसीसी पर कई सवाल भी उठा दिए हैं। ऐसे में उन्हें सवालों के जवाब से तो दो-चार होना ही होगा, साथ ही आर्थिक रूप से भी झटका लग सकता है। लेकिन एक ऐसा मैच है, जो आईसीसी को इन दोनों चीज़ों से बचा सकता है और साथ ही साथ अब तक की तमाम चैंपियंस ट्रॉफ़ी से ज़्यादा सफल और धमाकेदार भी बना सकता है। ज़रा सोचिए, अगर भारत और पाकिस्तान के बीच चैंपियंस ट्रॉफ़ी का फ़ाइनल खेला गया तो क्या होगा ? दरअसल, भारत के ख़िलाफ़ बुरी तरह हारने के बाद भी भारत-पाकिस्तान के बीच ख़िताबी भिड़ंत संभव है। ऐसा हो गया तो क्रिकेट प्रेमियों से लेकर आईसीसी तक गदगद हो जाएंगे। अब ये हो कैसे सकता है, उसके लिए समीकरण कुछ इस तरह है:
- पाकिस्तान अपने अगले लीग मुक़ाबले में दक्षिण अफ़्रीका और श्रीलंका दोनों को शिकस्त दे दे।
- भारत भी अगले दोनों मुक़ाबले में जीत हासिल कर ले, या फिर कोई एक मैच बारिश से रद्द हो जाए।
अगर ये हो गया तो फिर भारत और पाकिस्तान ग्रुप बी में नंबर-1 और नंबर-2 पर रहते हुए सेमीफ़ाइनल में पहुंच जाएंगी। और फिर वहां दोनों ही टीमें अपने-अपने मुक़ाबले जीतते हुए चैंपियंस ट्रॉफ़ी 2017 को यादगार बना सकती हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच आईसीसी के किसी भी इवेंट में सिर्फ़ एक बार ख़िताबी भिड़ंत हुई है। 2007 के टी20 वर्ल्डकप में टीम इंडिया पाकिस्तान को ही शिकस्त देकर टी20 की पहली वर्ल्ड चैंपियन बनी थी। हालांकि पाकिस्तान का मौजूदा फ़ॉर्म देखते हुए और ताक़तवर दक्षिण अफ़्रीका की टीम को ध्यान रखते हुए ये आसान तो नहीं लग रहा, लेकिन क्रिकेट में कुछ भी नामुमकिन नहीं होता। और फिर क्रिकेट फ़ैन्स के लिए इससे बड़ा और कोई मुक़ाबला भी नहीं हो सकता। अगर सच में ये संभव हो गया तो फिर आईसीसी के लिए भी ये चैंपियंस ट्रॉफ़ी के इतिहास का सबसे बड़ा और यादगार फ़ाइनल हो जाएगा, एक ऐसा ड्रीम फ़ाइनल जिससे बढ़कर क्रिकेट फ़ैन्स के लिए और कुछ हो भी नहीं सकता।