28 जुलाई से बर्मिंघम, इंग्लैंड में 22वें कॉमनवेल्थ गेम्स (राष्ट्रमंडल खेल) का आयोजन किया जाएगा। राष्ट्रमंडल उन देशों का समूह है जो किसी न किसी रूप में कभी ब्रिटेन से जुड़े थे। इन देशों पर ब्रिटेन का शासन था और बाद में यह देश स्वतंत्र हुए। इंग्लैंड में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स में कुल मिलाकर 72 देश हिस्सा ले रहे हैं और भारत भी उसमें शामिल है। इन खेलों को पहले ब्रिटिश एम्पायर गेम्स के नाम से भी जाना जाता था और पहली बार इसका आयोजन 1930 में ओंटारियो, कनाडा में किया गया था, लेकिन भारत ने उसमें हिस्सा नहीं लिया था।
1930 से 1950 तक इन खेलों को ब्रिटिश एम्पायर गेम्स, 1954 से 1966 तक ब्रिटिश एंड कॉमनवेल्थ गेम्स, 1970 और 1974 में ब्रिटिश कॉमनवेल्थ गेम्स के नाम से खेला गया और उसके बाद 1978 से इन खेलों का नाम कॉमनवेल्थ गेम्स कर दिया गया। द्वितीय विश्व युद्ध के कारण 1942 और 1946 में राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन नहीं हो पाया था। 1934 और 1938 में भारत ने ब्रिटिश राज के अधीन रहकर और 1954 के बाद से एक स्वतंत्र देश के तौर पर इन खेलों में हिस्सा लिया है। इस दौरान 1930 के अलावा भारत ने 1950, 1962 और 1986 में आयोजित हुए खेलों में हिस्सा नहीं लिया था। भारत ने राष्ट्रमंडल खेलों में अभी तक कुल मिलाकर 181 स्वर्ण, 173 रजत और 149 कांस्य पदक जीते हैं।
अब आइये नज़र डालते हैं राष्ट्रमंडल खेलों (Commonwealth Games) में भारत के अभी तक के सफ़र पर:
1934 में लंदन में आयोजित हुए खेलों में भारत ने ब्रिटिश राज के अधीन रहकर हिस्सा लिया था और अपना पहला पदक जीता। वेल्टरवेट रेसलिंग में राशिद अनवर ने कांस्य पदक जीता था और पदक तालिका में भारत 12वें स्थान पर था।
1938 में सिडनी में आयोजित खेलों में भारत कोई भी पदक नहीं जीत सका।
1954 में वैंकुवर, कनाडा में आयोजित हुए खेलों में भारत ने एक स्वतंत्र देश के तौर पर पहली बार हिस्सा लिया, लेकिन एक भी पदक अपने नाम नहीं कर सका।
1958 में कार्डिफ, वेल्स में आयोजित हुए खेलों में भारत ने स्वर्ण पदक का खाता खोला और दो स्वर्ण एवं एक रजत सहित कुल तीन पदक जीते। अंक तालिका में भारत आठवें स्थान पर रहा। मिल्खा सिंह ने 440 यार्ड की दौर में और लीला राम सांगवान ने हेवीवेट रेसलिंग में स्वर्ण पदक जीता था।
1966 में किंग्स्टन, जमैका में आयोजित हुए खेलों में भारत ने आठ साल बाद वापसी की और नौवें स्थान पर रहा, लेकिन इस बार पदकों की संख्या तीन से बढ़कर 10 (3 स्वर्ण, 4 रजत और 3 कांस्य) हो गई थी। भारत को तीनों स्वर्ण रेसलिंग में मिले थे।
1970 में एडिनबर्ग, स्कॉटलैंड में खेलों का आयोजन हुआ और 12 पदकों के साथ भारत छठे स्थान पर रहा। भारत ने 5 स्वर्ण, 3 रजत और 4 कांस्य पदक अपने नाम किये। इस बार भी भारत के सभी स्वर्ण पदक रेसलिंग प्रतिस्पर्धा में ही आये।
1974 में क्राइस्टचर्च, न्यूजीलैंड में आयोजित खेलों में भारत ने 15 पदक (4 स्वर्ण, 8 रजत और 3 कांस्य) अपने नाम किये और पदक तालिका में छठे स्थान पर रहे। इस बार भी भारत के सभी स्वर्ण पदक रेसलिंग प्रतिस्पर्धा में ही आये।
1978 में एल्बर्टा, कनाडा में खेलों का अयोजन हुआ और 15 पदकों के साथ भारत फिर छठे स्थान पर ही रहा। भारत ने इस बार 5 स्वर्ण, 5 रजत और 5 कांस्य पदक नाम किये। रेसलिंग में तीन स्वर्ण जीतने के अलावा भारत ने एक-एक स्वर्ण पदक बैडमिंटन और वेटलिफ्टिंग में भी जीता।
1982 ब्रिस्बेन, ऑस्ट्रेलिया में आयोजित खेलों में भारत ने 16 पदक जीते और फिर से छठे स्थान पर रहा। भारत ने 5 स्वर्ण के अलावा 8 रजत और 3 कांस्य पदक अपने नाम किये। भारत ने चार स्वर्ण रेसलिंग में जीते और एक स्वर्ण बैडमिंटन में जीता।
1990 में भारत ने आठ साल बाद वापसी की और शानदार प्रदर्शन करते हुए 32 पदक अपने नाम किये। भारत ने ऑकलैंड, न्यूजीलैंड में आयोजित इन खेलों में अंक तालिका में पांचवां स्थान प्राप्त किया। भारत ने 13 स्वर्ण पदक, 8 रजत और 11 कांस्य पदक जीते। वेटलिफ्टिंग में 12 स्वर्ण के अलावा शूटिंग में भी एक स्वर्ण पदक भारत के नाम रहा।
1994 में विक्टोरिया, कनाडा में खेलों का आयोजन हुआ और 25 पदकों के साथ भारत छठे स्थान पर रहा। भारत ने 6 स्वर्ण, 12 रजत और 7 कांस्य पदक जीते। भारत के तीन स्वर्ण शूटिंग और तीन स्वर्ण वेटलिफ्टिंग में आये।
1998 में कुआलालंपुर, मलेशिया में आयोजित खेलों में भारत 25 पदकों के साथ आठवें स्थान पर रहा। भारत ने 7 स्वर्ण, 10 रजत और 8 कांस्य पदक अपने नाम किये। भारत के चार स्वर्ण शूटिंग और तीन स्वर्ण वेटलिफ्टिंग में आये।
2002 में मैनचेस्टर, इंग्लैंड में आयोजित खेलों में भारत ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 69 पदक जीते और अंक तालिका में चौथे स्थान पर कब्ज़ा किया। भारत ने इन खेलों में 30 स्वर्ण, 22 रजत और 17 कांस्य पदक जीते। भारत के 30 में से 14 स्वर्ण शूटिंग में, 11 स्वर्ण वेटलिफ्टिंग में, 3 स्वर्ण रेसलिंग में और एक-एक स्वर्ण बॉक्सिंग एवं हॉकी में आये। भारतीय महिला हॉकी टीम ने इतिहास रचते हुए स्वर्ण पदक पर कब्ज़ा किया था।
2006 में मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया में आयोजित खेलों में भारत 50 पदकों (22 स्वर्ण, 17 रजत और 11 कांस्य) के साथ चौथे स्थान पर रहा। भारत के 22 स्वर्ण में से 16 शूटिंग में, 3 वेटलिफ्टिंग में, 2 टेबल टेनिस में और एक बॉक्सिंग में आये।
2010 में आख़िरकार राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन भारत में हुआ और नई दिल्ली में हुए इन खेलों में भारत ने इतिहास रचते हुए 101 पदक अपने नाम किया और इतना ही नहीं, अंक तालिका में भी अभी तक के सर्वश्रेष्ठ दूसरे स्थान पर रहे। भारत ने नई दिल्ली में 38 स्वर्ण के अलावा 27 रजत और 36 कांस्य पदक जीता।
2010 में भारत के विभिन्न खेलों के स्वर्ण पदक इस प्रकार थे - शूटिंग में 14, रेसलिंग में 10, तीरंदाजी में 3, बॉक्सिंग में 3, एथलेटिक्स, वेटलिफ्टिंग और बैडमिंटन में 2-2 और टेबल टेनिस एवं टेनिस में एक-एक स्वर्ण।
2014 में ग्लासगो, स्कॉटलैंड में आयोजित खेलों में भारत 64 पदकों के साथ पांचवें स्थान पर रहा। इन खेलों में भारत ने 15 स्वर्ण, 30 रजत और 19 कांस्य पदक जीते। 15 स्वर्ण में 5 रेसलिंग, 4 शूटिंग, 3 वेटलिफ्टिंग और एक-एक स्वर्ण बैडमिंटन, एथलेटिक्स एवं स्क्वाश में आये।
2018 में गोल्ड कोस्ट, ऑस्ट्रेलिया में आयोजित खेलों में भारत 66 पदकों के साथ तीसरे स्थान पर रहा। इन खेलों में भारत ने 26 स्वर्ण, 20 रजत और 20 कांस्य पदक जीते थे। 26 स्वर्ण में से 7 शूटिंग, 5-5 वेटलिफ्टिंग और रेसलिंग, 3-3 बॉक्सिंग और टेबल टेनिस, 2 बैडमिंटन और 1 एथलेटिक्स में आये।
2022 में भारत की तरफ से 16 खेलों में 211 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। ऐसे में देखना है कि इस बार अंक तालिका में भारत कौन से स्थान पर रहता है और साथ ही कितने स्वर्ण पदक आते हैं?