भारत और ज़िम्बाब्वे के बीच तीन मैचों की सीरीज़ दूसरा मैच सोमवार को हरारे में खेला गया। पहले मैच की तरह ही इस मैच में भी धोनी ने टॉस जीत कर पहले गेंदबाज़ी करने का फैसला किया। धोनी ने इस मैच कोई बदलाव ना करते हुए सेम टीम खिलाई, वहीं ज़िम्बाब्वे की तरफ से एक बदलाव किया गया। क्रेग एरविन की जगह टीम में सीन विलियम्स को जगह दी गई। पहले बल्लेबाज़ी करते हुए ज़िम्बाब्वे की शुरुआत काफी धीमी रही। चामू चिभाभा और हैमिल्टन मसाकाद्ज़ा ने पारी की शुरुआत की। ज़िम्बाब्वे की शुरुआत काफी धीमी चल रही थी तभी मैच के पांचवें ओवर में सरान ने मसाकाद्ज़ा को थर्ड मैन पर कैच करवा कर ज़िम्बाब्वे को पहला झटका दिया। उसके बाद बल्लेबाज़ी करने आए पीटर मूर। मूर भी ज़्यादा देर टिक नहीं पाये और एक रन बनाकर सरान का दूसरा शिकार बने। मूर के आउट होने के बाद क्रीज़ पर बल्लेबाज़ी करने आए वूज़ी सिबांडा। सिबांडा ने चिभाभा के साथ मिलकर साझेदारी करनी चाही पर मैच के 10वें ओवर में कुलकर्णी ने चिभाभा को 21 रन पर चलता कर ज़िम्बाब्वे को तीसरा झटका दे दिया। तब ज़िम्बाब्वे का स्कोर मात्र 39 रन ही था। चिभाभा के आउट होने के बाद क्रीज़ पर आए सिकंदर रज़ा। सिबांडा और रज़ा ने मिलकर टीम को संभाला और पारी को धीरे धीरे आगे बढ़ाने लगे। पारी को संभालते हुए इन दोनों ने टीम को 100 रन के आंकड़े के पार पहुंचाया। टीम का स्कोर 106 था तभी मैच के 26वें ओवर में गेंदबाज़ी करने आए चहल ने ने लगातार 2 गेंदों पर 2 विकेट लेकर ज़िम्बाब्वे को फिर से बैकफूट पर ढकेल दिया। चहल ने पहले रज़ा और फिर अगली ही गेंद पर एल्टन चिगुंबुरा को चलता कर ज़िम्बाब्वे की कमर तोड़ दी। उसके बाद तो जैसे विकटों की झड़ी सी लग गयी। एक के बाद एक ज़िम्बाब्वे के विकेट पत्तों की तरह गिरने लगे। एक वक़्त 106 रन पर 3 विकेट के बावजूद पूरी ज़िम्बाब्वे टीम मात्र 126 रन पर ऑलआउट हो गई। सीन विलियम्स उंगली में चोट की वजह से बल्लेबाज़ी करने नहीं आ पाए और ज़िम्बाब्वे को 9 विकटों पर ही पारी घोषित करनी पड़ी। दूसरी पारी में 127 रनों का पीछा करने उतरी भारत की शुरुआत काफी मजबूत दिखी। सलामी बल्लेबाज़ी करने आए लोकेश राहुल और करुण नायर ने समझ बूझ के साथ बल्लेबाज़ी की। हालांकि नायर को 5वें ओवर में एक जीवनदान ज़रूर मिला जब गेंद बल्ले का बाहरी किनारा लेकर कीपर के दस्तानों में गई पर अंपायर ने उसे गेंदबाज का पैर बाहर होने की वजह से नो बॉल करार दिया। उसके बाद जैसे दोनों ने जिता कर ही वापस जाने का फैसला कर लिया। 13 ओवर और पहले लंच के बाद भारत ने बिना विकेट खोये 48 रन बना लिए थे। लंच तक राहुल 25 और नायर 21 रन पर बल्लेबाज़ी कर रहे थे। भारत को पहला झटका राहुल के रूप में लगा। राहुल 33 रन बना कर चिभाभा का शिकार हुए। राहुल के आउट होने के बाद रायडू और नायर ने मिलकर भारत की पारी को संभाला और 27वें ओवर में टीम को जीत के लिए जब दो रन चाहिए था तो नायर 39 रन बना कर रज़ा का शिकार हुए। मनीष पांडे के बल्ले से निकले चौके ने भारत को 8 विकेट से जीत दिला दी, और इसी के साथ 3 मैचों की सीरीज़ को भारत ने 2-0 से जीत लिया। स्कोरकार्ड: ज़िम्बाब्वे: 126/9 (सिबांडा 53, चहल 3/25) भारत: 129/2 (रायडू 41*, करुण 39)