पूर्व श्रीलंकाई कप्तान कुमार संगकारा ने कहा कि गत चैंपियन भारत चैंपियंस ट्रॉफी के अपने ख़िताब की रक्षा कर सकता है क्योंकि उनके पास संतुलित टीम है और तेज गेंदबाजी आक्रमण लाजवाब है। संगकारा ने आईसीसी वेबसाइट के लिए अपने कॉलम में लिखा, 'इस वर्ष चैंपियंस ट्रॉफी में चार एशियाई टीमें हैं और मौजूदा समय में भारतीय टीम का तेज गेंदबाजी आक्रमण सर्वश्रेष्ठ है। भारतीय टीम ने 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी का ख़िताब जीता था और इस वर्ष भी उसमें जीतने की क्षमता है।' महान श्रीलंकाई विकेटकीपर बल्लेबाज ने आगे लिखा, 'भारतीय टीम इसलिए मजबूत है क्योंकि उसकी टीम बेहद संतुलित है और तेज गेंदबाजी विभाग लाजवाब है। रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा वन-डे क्रिकेट में बेमिसाल हैं और मुझे विश्वास है कि विराट कोहली निराशाजनक आईपीएल के बाद दमदार वापसी करना चाहेंगे।' यह भी पढ़ें : 5 कारण आखिर क्यों भारतीय टीम जीत सकती है टूर्नामेंट संगकारा का हालांकि मानना है कि भारतीय टीम के चयन में बदलाव हो सकते थे जो नहीं किये गए। उन्होंने लिखा, 'टीम इंडिया के लिए मुझे चिंता का विषय चयन लगा, जहां बदलाव हो सकते थे, लेकिन नहीं किये गए। मगर यह अब भी बड़ी मजबूत टीम है।' 39 वर्षीय संगकारा ने भारत को पसंदीदा टीम मानते हुए आगामी टूर्नामेंट के लिए सेमीफाइनलिस्ट टीमों का चयन किया है। चैंपियंस ट्रॉफी की शुरुआत 1 जून से होगी। चैंपियंस ट्रॉफी 2002 और वर्ल्ड टी20 2014 की विजेता श्रीलंका टीम के सदस्य संगकारा ने कहा, 'मेरे ख्याल से फाइनलिस्ट का चयन करना मुश्किल होगा, लेकिन सेमीफाइनल के लिए मेरी पसंदीदा टीमें ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, भारत और दक्षिण अफ्रीका हैं।' दो वर्ष पहले अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने वाले संगकारा ने सभी प्रारूपों में कुल मिलाकर 28,016 रन बनाए हैं। उन्होंने कहा कि चैंपियंस ट्रॉफी के लिए प्रतिस्पर्धा तगड़ी होगी क्योंकि 4-5 टीमों में फाइनल में पहुंचने का दम है। उन्होंने कहा, 'एक ऐसा भी समय था जब एक या दो देश प्रारूप में हावी रहते थे, लेकिन पिछले कुछ सालों में हमने देखा कि कई टीमों ने प्रगति की है और अब प्रमुख ख़िताब जीतने के लिए 4-5 दावेदार होते हैं।' संगकारा ने इंग्लैंड को वन-डे प्रारूप की ताजा खोज मानते हुए कहा, 'इंग्लैंड की वन-डे टीम ने पिछले दो वर्षों में गजब की प्रगति की है। वह पहले रणनीति और मानसिकता के मामले में अन्य टीमों से पिछड़ी नजर आती थी, लेकिन अब वह बदल चुकी है। इंग्लैंड की टीम अब आक्रामक और उत्साहजनक क्रिकेट खेल रही है और इसमें कुछ विश्व स्तरीय खिलाड़ी भी शामिल हैं।'