चौथे टेस्ट मैच में इंडिया ने इंग्लैंड को हरा कर सीरीज़ पर कब्ज़ा कर लिया है । वानखेड़े में चौथे टेस्ट के आखिरी दिन भारत ने पहले ही सेशन में इंग्लैंड की पारी खत्म कर दी और 3-0 से सीरीज पर अपना कब्जा जमा लिया। एक समय ऐसा था जब तीसरे दिन के खत्म होने पर इंडिया का स्कोर 182/6 था। हांलाकि सभी को लग रहा था कि इंडिया मैच तो जीतेगा ही लेकिन किसी को ये अंदेशा नहीं था कि दूसरी पारी में इंग्लैंड की टीम एक बार फिर अश्विन (6 विकेट) की घूमती गेदों के चक्रव्यूह में फंस जाएगी। चौथे टेस्ट में अश्विन ने दोनों में पारियों में शानदार गेंदबाजी की और 12 विकेट झटके। मैच के आखिरी दिन तीसरे ओवर में ही बेयरस्टो इस ऑफ स्पिनर की घूमती गेंद का शिकार बने। उसके अगले ही ओवर में अश्विन ने वॉकर की गिल्लियां बिखेर दी। यही नहीं, जल्द ही रशीद और एंडरसन ने भी अपना विकेट अश्विन को थमा क्रिसमस से पहले ही उन्हें गिफ्ट दे दिया। दूसरी पारी में अश्विन ने 55 रन देकर इंग्लैंड के 6 विकेट झटके। पहली पारी में 400 रन बनाकर भी टेस्ट मैच हारने वाली इंग्लैंड पहली टीम बन गई है। भारत की इस शानदार जीत में विराट कोहली और जयंत यादव का भी अहम योगदार रहा। दोनों के बीच हुई 241 रनों की बेहतरीन साझेदारी ने इंडिया को मजबूत स्थिति में खड़ा कर दिया था। भारत को पारी और 36 रन से मिली इस शानदार जीत ने इंग्लैंड का मनोबल गिरा दिया हैं। इंग्लैंड कप्तान के मुताबिक उनकी बल्लेबाजी तो अच्छी रही लेकिन गेंदबाजों का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा। आइये नजर डालते हैं मुंबई में हुए चौथे टेस्ट की पांच महत्वपूर्ण बातों पर .. #5 भारत को मिला अश्विन का विकल्प इंडियन टीम को अब जयंत यादव के रूप में अश्विन के विकल्प माना जा रहा हैं और यही नहीं हरियाणा का यह युवा खिलाड़ी देश से बाहर होने वाले मैचों में जडेजा के लिए खतरा भी बन सकता है। इसमें कोई दो राय नहीं कि जयंत के इस शानदार ऑल राउंड प्रदर्शन को देखते हुए भविष्य में अमित मिश्रा को किनारे कर दिया जाए। यादव ने तीसरे टेस्ट में प्रभावशाली खेल तक प्रदर्शन किया था और मुंबई में हुए चौथे टेस्ट में कई बेहतरीन शॉट मारे औऱ शानदार शतक भी जड़ा। बात करें गेंदबाजी की तो पहली पारी में यादव को कोई विकेट नहीं मिला। सारे 10 विेकेट अश्विन और जडेजा के खाते में गए, लेकिन बल्ले से जयंत ने शानदार 104 रनों की पारी खेली और कप्तान की साथ मिलकर बड़ी और अहम साझेदारी की। जिसने भारत को एक मजबूत स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया। दूसरी पारी में जयंत ने जो रूट का एक अहम विकेट भी झटका जो 77 रन बनाकार भारत के लिए खतरा बनते नजर आ रहे थे। इस खास विकेट के गिरने के बाद अश्विन ने इंग्लैंड का निचला क्रम एकदम से ध्वस्त कर दिया। #4 जेनिंग्स की शानदार शुरूआत केटन जेनिंग्स ने पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में ही घूमती गेंदों का बखूबी सामना करते हुए बेहतरीन शतक बनाया। अपने शानदार फुटवर्क और डिफेंस के जरिए जेनिंग्स ने कई खूबसूरत शॉट्स खेले और पहले ही मैच में सैकड़ा जड़ा। एलिस्टेयर' कुक के जल्दी ऑउट होने के बाद जेनिंग्स ने इंग्लैंड की शुरूआत को ठोस बनाया। हांलाकि पहली पारी में शानदार खेल के बाद जेनिंग्स दूसरी पारी में बिना रन बनाए ही आउट हो गए। उन्हें भुवनेश्वर कुमार ने अपना शिकार बनाया। पहले ही मैच में यह शानदार प्रदर्शन उनके टेस्ट कैरियर के भविष्य के लिए काफी अच्छा हो सकता है। हांलाकि इतनी जल्दी कुछ भी कहना सही नहीं रहेगा। इसमें कोई शक नहीं कि जेनिंग्स के रूप में इंग्लैंड को एक अच्छा ओपनर बल्लेबाज मिल सकता है। एलिस्टेयर कुक की तरह जेनिंग्स भी कम उम्र में ही टेस्ट मैच में अपनी खास जगह बना सकते है। हांलाकि इसके लिए जेनिंग्स को अभी युवा हसीब हमीद की चुनौती का सामना करना पड़ेगा। #3 फॉर्म में आए मुरली विजय इंग्लैड के खिलाफ भारत की शानदार जीत में एक और बल्लेबाज मुरली विजय का भी अहम योगदान रहा। अपने पहले ही टेस्ट मैच में शानदार बल्लेबाजी से मुरली विजय की खासे प्रभावी रहे हैं। कठिन परिस्थितियों के बीच मुरली विजय अपने डेब्यू मैच में ही बेहतरीन शतक बनाया था। हांलाकि राजकोट में शानदार शतक बनाने के बाद अगली पांच पारियों में विजय को अपने फॉर्म के लिए काफी जूझना पड़ा। आखिर में वानखेड़े के मैदान में सकारात्मक दृढसकंल्प के साथ बल्लेबाजी करते हुए तेज गेंदबाजों और स्पिनर्स का डट के सामना किया और बेहतरीन शॉट्स लगाए। पहली पारी में इंग्लैंड के 400 रन के जवाब में खेल रहे मुरली विजय क्रीज पर डटे रहे और शानदार शतक बनाया जिसने भारत के पारी की मजबूत नींव रखी। #2 विराट कोहली का फॉर्म जारी है गेंदबाजों के बीच कोहली का खौफ अब भी जारी है। साल के तीसरे दोहरे शतक और संभवत: वानखेड़े में उनके प्रदर्शन से तो दुनियाभर में गेंदबाज जरूर घबरा गए होंगे। कोहली क्रीज पर तब आए जब इंडिया दो विकेट पर 146 रन के स्कोर था। इसके बाद इंग्लैंड की पहली पारी 400 रन के खिलाफ कोहली ने क्रीज पर ऐसे पैर जमाए कि मैच ना केवल इंग्लैंड के हाथ से दूर होता गया बल्कि इंडिया एक विशाल स्कोर के साथ मजबूत स्थिति में आ गया। पहले मुरली विजय के साथ मिलकर कोहली ने भी अपना सैंकड़ा जमाया और बाद में जयंत के साथ मिलकर शानदार साझेदारी करते हुए अपना दोहरा शतक भी बनाया। बतौर कप्तान कोहली एक साल में तीन दोहरा शतक बनाने वालें की लिस्ट में शामिल हो गए। केवल माइकल क्लार्क ही ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने एक साल में चार दोहरे शतक जड़े है। बेहतरीन 241 रनों की साझेदारी के दौरान कोहली और यादव ने इंग्लैंड के गेंदबाजों को खूब धोया और मैच इंग्लैंड के हाथों से काफी दूर कर दिया। कोहली का टीम पर ऐसा विश्वास युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा है और इस शानदार पारी ने तो ये भी साबित कर दिया कि कोहली का आत्मविश्वास वाकई में काफी प्रभालशाली है। #1 शानदार अश्विन 12 मैंचों में कुल 10 विकेट लेने के साथ भारत में अश्विन का शानदार प्रदर्शन लगातार जारी है। दोनों पारियों में अश्विन ने 6-6 विकेट अपने नाम किए। जिसकी मदद से इंग्लैड की टीम ने टीम इंडिया के सामने घुटने टेक दिए। अच्छी फिल्डिंग के बीच अश्विन ने धैर्य और आक्रमकता के साथ इंग्लैंड की कमजोरियों पर हमला कर शानदार गेंदबाजी की। अपनी गेंदबाजी के दौरान अश्विन एक तरह से कप्तान के जैसे हो गए थे क्योंकि कोहली ने अश्विन को अपने हिसाब से फिल्डिंग लगाने की खुली छूट दे दी थी और इस छूट का बखूबी फायदा उठाते हुए अश्विन ने इंग्लैंड के कई विकेट झटके। पहली पारी में अश्विन ने रूट को जिस प्रकार आउट किया उससे युवा स्पिनर्स के लिए बहुत कुछ सीखने को मिलता हैं। तमिलनाड़ु के इस स्पिनर को भारत में रोकना अब असंभव सा हो गया है जो घूमती पिचों का बखूबी फायदा उठाता है। नि:संदेह वानखेड़े में किसी स्पिनर का यह सबसे बेहतरीन प्रदर्शन है।