गेंदबाजों के बीच कोहली का खौफ अब भी जारी है। साल के तीसरे दोहरे शतक और संभवत: वानखेड़े में उनके प्रदर्शन से तो दुनियाभर में गेंदबाज जरूर घबरा गए होंगे। कोहली क्रीज पर तब आए जब इंडिया दो विकेट पर 146 रन के स्कोर था। इसके बाद इंग्लैंड की पहली पारी 400 रन के खिलाफ कोहली ने क्रीज पर ऐसे पैर जमाए कि मैच ना केवल इंग्लैंड के हाथ से दूर होता गया बल्कि इंडिया एक विशाल स्कोर के साथ मजबूत स्थिति में आ गया। पहले मुरली विजय के साथ मिलकर कोहली ने भी अपना सैंकड़ा जमाया और बाद में जयंत के साथ मिलकर शानदार साझेदारी करते हुए अपना दोहरा शतक भी बनाया। बतौर कप्तान कोहली एक साल में तीन दोहरा शतक बनाने वालें की लिस्ट में शामिल हो गए। केवल माइकल क्लार्क ही ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने एक साल में चार दोहरे शतक जड़े है। बेहतरीन 241 रनों की साझेदारी के दौरान कोहली और यादव ने इंग्लैंड के गेंदबाजों को खूब धोया और मैच इंग्लैंड के हाथों से काफी दूर कर दिया। कोहली का टीम पर ऐसा विश्वास युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा है और इस शानदार पारी ने तो ये भी साबित कर दिया कि कोहली का आत्मविश्वास वाकई में काफी प्रभालशाली है।