मध्यक्रम:
द्रविड़ क्रिकेट इतिहास के सबसे भरोसेमंद और धैर्यवान क्रिकेटर रहे हैं। उनकी बेजोड़ तकनीक और प्रदर्शन में निरंतरता उन्हें विश्व के महान बल्लेबाज़ों की फेहरिस्त में शामिल करती है। एकाग्रता और धैर्य जैसे गुणों की वजह से दुनिया के हर गेंदबाज़ी आक्रमण के सामने वह एक दीवार की तरह खड़े रहे हैं। उन्होंने अपने क्रिकेट जीवन में इन्हीं गुणों की वजह से कई मैराथन पारियां खेली है। तेंदुलकर के बाद द्रविड़ भारतीय टीम के सबसे अहम खिलाड़ी थे। विदेशी दौरों में तेज़ पिचों की वजह से कई खिलाड़ी बल्लेबाज़ी में संघर्ष करते दिखे हैं लेकिन द्रविड़ उन खिलाड़ियों में से हैं जिन्होंने विदेशों में भी अपनी धाक जमाई है। द्रविड़ एक आदर्श खिलाड़ी थे। नियमित सलामी बल्लेबाज की ग़ैरमौजूदगी में उन्हें पारी की शुरुआत करने में भी हिचकिचाहट नहीं थी और ज़रूरत पड़ने पर उन्होंने विकेट कीपर की भूमिका भी बखूबी निभाई है। मैच: 164, रन: 13288, औसत: 52.31 #4 सचिन तेंदुलकर सचिन तेंदुलकर से पहले भी, भारतीय क्रिकेट इतिहास में कई स्टार खिलाड़ी रहे हैं। सुनील गावस्कर उनमें से एक थे जिन्होंने अपने समय के खतरनाक वेस्ट इंडियन गेंदबाज़ी आक्रमण को भी धोया है। उसके बाद, कपिल देव थे, जिन्होंने बल्ले और गेंद दोनों से ही शानदार प्रदर्शन किया है लेकिन, तेंदुलकर क्रिकेट इतिहास के एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जो ना केवल भारत के बल्कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर हैं। 'क्रिकेट के भगवन' के उपनाम ने जाने जाते तेंदुलकर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कई बल्लेबाजी रिकॉर्ड तोड़े हैं। वह खेल के दोनों प्रारूपों में सबसे ज्यादा रन-गेटर है और 200 टेस्ट मैच खेलने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं। उन्होंने हमेशा विश्व स्तरीय गेंदबाजी आक्रमण के खिलाफ उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। अपने करियर के मध्य में ही मास्टर ब्लास्टर दुनिया के महानतम बल्लेबाज़ों की फेहरिस्त में शामिल हो चुके थे। मैच: 200, रन: 15 9 21, औसत: 53.78 #5 केविन पीटरसन वर्तमान समय में इंग्लैंड को अपनी टीम में विश्वस्तरीय बल्लेबाजों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इससे पहले केविन पीटरसन इंग्लैंड के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ों में से एक थे। एलिस्टेयर कुक के टीम में आने से पहले टेस्ट मैचों में टीम को अच्छी शुरुआत दिलाने की ज़िम्मेवारी पीटरसन की थी। इंग्लैंड के यह बेहतरीन कलात्मक बल्लेबाज़ विवादों में घिरे होने की वजह से टेस्ट क्रिकेट में अपने 10,000 रन पूरे नहीं कर सके। हालांकि, विवादों में घिरे होने के बावजूद उन्होंने टीम में अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की। मैच: 104, रन: 8181, औसत: 47.28 #6 एंड्रयू फ्लिंटॉफ अगर यह सर्वकालिक टेस्ट एकादश होती, तो छठे नंबर पर इयान बोथम और कपिल देव के बीच कांटे की टक्कर होती। लेकिन, इस फेहरिस्त में सिर्फ पिछले 25 वर्षों में खेलने वाले खिलाडियों को ही शामिल किया गया है, इसलिए इस नंबर पर इंग्लैंड के हरफनमौला खिलाड़ी एंड्रयू फ्लिंटॉफ का नाम आता है। फ्लिंटॉफ का करियर भी विवादों से घिरा रहा लेकिन अपने लगभग एक दशक लंबे टेस्ट करियर में उन्होंने टीम के लिए बल्ले और गेंद दोनों के साथ उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। सही मायनों में उन्होंने इंग्लिश टीम में इयान बोथम जैसे महान आलराउंडर की कमी को पूरा किया है। 2005 की ऐतिहासिक एशेज श्रृंखला में यादगार प्रदर्शन करने के बाद फ्लिंटॉफ की तुलना बोथम से की जाने लगी थी। सही मायनों में फ्लिंटॉफ के अलावा कोई भी इंग्लिश ऑलराउंडर इस उपलब्धि को हासिल नहीं सकता था। मैच: 79, रन: 3845, बल्लेबाजी औसत: 31.77, विकेट: 226, बॉलिंग औसत: 32.78 #7 एलेक स्टीवर्ट 1990 के दशक और 2000 की शुरुआत में इंग्लैंड टीम में एलेक स्टीवर्ट बेहद अहम विकेट-कीपर बल्लेबाज़ थे। वह इंग्लैंड के सर्वश्रेष्ठ विकेट-कीपर बल्लेबाज़ रहे हैं और अपने समकालीन विकेट-कीपर बल्लेबाज़ जैक रसेल जैसे प्रतिद्वंद्वी की तुलना में उनकी बल्लेबाजी काफी बेहतर थी। उस समय क्रिकेट के दोनों प्रारूपों में वह इंग्लैंड टीम की पहली पसंद थे। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 39 की औसत से रन बनाए हैं और यह प्रदर्शन उनके टीम में बने रहने के लिए काफी था। स्टीवर्ट इंग्लिश क्रिकेट के सबसे महान खिलाडियों में से एक थे। जब उन्होंने क्रिकेट से संन्यास लिया, वह अपनी टीम के लिए सबसे ज़्यादा टेस्ट खेलने का गौरव प्राप्त कर चुके थे। हालाँकि, इस स्लॉट के लिए एकमात्र अन्य दावेदार भारत के महेंद्र सिंह धोनी भी हैं। धोनी स्टीवर्ट से थोड़ी कम बल्लेबाजी औसत (धोनी: 38.0 9) के कारण इस फेहरिस्त में शामिल नहीं हो सके। मैच: 133, रन: 8463, औसत: 39.54, कैच: 263, स्टंपिंग्स: 14