भारत ने दो टेस्ट मैचों की सीरीज में वेस्टइंडीज को घरेलू मैदान पर 2-0 से मात दी। इन दोनों मैचों में कहीं भी मेहमान टीम मजबूत नहीं दिखी। हालांकि इससे पहले कुछ ऐसे भी मौके रहे जब भारत मैच जीतते-जीतते हार गया।
उन मैचों में भारत की या तो शीर्ष क्रम या मध्य क्रम लड़खड़ाया और पूरी टीम हार के साथ मैदान से लौट गई। ऐसे ही पांच लम्हों से आपको अवगत कराते हैं:
5. भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया ( स्टीव ओ'कीफ की फिरकी में फंसे भारतीय बल्लेबाज)
2017 में ऑस्ट्रेलिया की टीम भारत दौरे पर आई थी। पुणे में पहले टेस्ट मैच के दौरान मुरली विजय 10 रन बनाकर पवेलियन लौट चुके थे। हालांकि लोकेश राहुल दूसरी तरफ से मोर्चा संभाले हुए थे। भारत 94 रन पर अपने तीन विकेट गंवा चुका था। इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने स्टीव ओ'कीफ को आक्रमण पर लगाया।
ओ'कीफ ने पहले सेट बल्लेबाज राहुल को पवेलियन भेजा और उसके बाद तो विकटों की झड़ी लग गई। ओ'कीफ ने इस पारी में छह विकेट चटकाए। एक समय तीन विकेट पर 94 रन बनाने वाली भारतीय टीम 105 रन के भीतर पवेलियन लौट गई। अंत में भारत यह मुकाबला 333 रनों से जीता।
4. भारत बनाम न्यूजीलैंड, 1999 मोहाली टेस्ट
1999 की बात है जब कीवीयों की टीम भारतीय दौरे पर आई थी। पहला टेस्ट मैच मोहाली में था। यहां की नम पिच पर भारतीय पारी ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। हद तो यह थी की उसके मात्र तीन बल्लेबाज ही दोहरे अंक में पहुंच सके। इसमें सबसे ज्यादा रन जवागल श्रीनाथ (20) ने बनाए थे।
हालांकि भारत इस मैच में हारा नहीं लेकिन इसके पांच बल्लेबाज बिना खाता खोले ही पवेलियन लौट गए थे। श्रीनाथ ने इस पारी मेें छह विकट लिए और इसके बाद दूसरी पारी में सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ ने शतकीय पारी खेली थी। पहला पारी में डीजे नीस ने भारत के छह बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा था।
3. भारत बनाम इंग्लैंड, 2006 (तीसरा टेस्ट मैच मुंबई)
शुरुआत में भारत इस टेस्ट सीरीज में लीड कर रहा था। तीन मैचों की सीरीज में भारत 1-0 से आगे था। यह तीसरा और फाइनल मैच था। भारत ने इस मैच में पहले गेंदबाजी की। पहली पारी में इंग्लैंड ने एंड्रयू स्ट्रॉस की मदद से 400 रन बनाए। हालांकि दूसरी पारी में मेहमान टीम 191 पर पवेलियन लौट गई।
भारत को 313 का लक्ष्य मिला। ·भारत की शुरुआत बेहद खराब रही। उसने 33 रन पर अपने तीन विकेट गंवा दिए। इसके बाद सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ ने जिम्मेदारी संभाली और भारत को 75 रन तक पहुंचाया। इसके बाद सचिन को फ्लिंटॉफ ने आउट किया और राहुल को शॉन उडल ने पवेलियन भेजा और इसके बाद पूरी टीम 100 रन पर आउट हो गई। अंत में भारत इस मैच को 212 रनों से हार गया।
2. भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका, 2008 अहमदाबाद ( डेल स्टेन ने बरपाया कहर)
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच दूसरा टेस्ट अहमदाबाद में खेला गया। इस मैच में भारत पहले बल्लेबाजी के लिए उतरा। हालांकि उसका मनोबल काफी बढ़ा हुआ था। इसका कारण था कि पिछले मैच में चेन्नई में वीरेंद्र सहवाग ने तीहरा शतक जड़ा था। दक्षिण अफ्रीका के पास डेल स्टेन, मखाया एंटीनी और मोर्नी मोर्कल जैसे घातक गेंदबाज थे लेकिन भारत ने पहले खेलना ही सही समझा।
इसके बाद भारतीय टीम कुछ ही देर में ढेर0 हो गई। भारत के पहले पांच बल्लेबाज दोहरे अंक में भी नहीं पहुंच सके। पूरी टीम 20 ओवर में ही 76 रन बनाकर पवेलियन लौट गई। अंत में भारत इस मैच को एक पारी और 90 रन से हार गया।
1 भारत बनाम पाकिस्तान, चेन्नई 1999
भारत और पाकिस्तान के बीच प्रतिद्वंद्वता किसी से छुपी नहीं है। चेन्नई में भारत-पाक के बीच पहला टेस्ट खेला जा रहा था। भारत को दूसरी पारी में जीत के लिए 271 रन बनाने थे। हालांकि वसीम अकरम, वकार युनुस के साथ ही सकलैन मुश्ताक की धारदार गेंदबाजी के आगे भारत के शीर्ष क्रम ने घुटने टेक दिए। महज 82 रन पर भारत के पांच बल्लेबाज पवेलियन लौट गए।
जिम्मेदारी सचिन तेंदुलकर और नयन मोंगिया पर थी। इन दोनों ने 136 रन की साझेदारी की लेकिन यह भारत के लिए नाकाफी रहा। अर्धशतकीय पारी खेलने के बाद मोंगिया पवेलियन लौट गए लेकिन सचिन जमे रहे। जब भारत को जीत के लिए 17 रन की जरूरत थी तब सचिन भी आउट हो गए। इसके बाद महज चार के भीतर तीन विकेट चले गए। भारत इस मैच को 13 रन से हार गया।