भारत के महान कप्तानों में से एक कपिल देव (Kapil dev) के संन्यास को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पूर्व दिग्गज खिलाड़ी अंशुमान गायकवाड़ ने बताया है कि कपिल देव को किस तरह संन्यास के लिए उन्होंने राजी किया था।
कपिल देव ने 1994 में क्रिकेट से संन्यास लिया था। उनकी कप्तानी में भारत ने पहली बार 1983 का वर्ल्ड कप जीता था। इसके बाद अगले 11 साल तक वो और खेले फिर संन्यास ले लिया। हालांकि उनके संन्यास के पीछे की कहानी कुछ और ही है।
कपिल देव को रिटायरमेंट के लिए राजी किया गया था - अंशुमान गायकवाड़
अंशुमान गायकवाड़ के मुताबिक कपिल देव संन्यास ले ही नहीं रहे थे लेकिन उन्हें ऐसा करने के लिए कहा गया। मिड-डे की खबर के मुताबिक अंशुमान गायकवाड़ ने कहा,
आप इतने बड़े प्लेयर को टीम से ड्रॉप तो कर नहीं सकते हैं। हमने उन्हें श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में खेलने का मौका दिया और अहमदाबाद में खेले गए टेस्ट मैच में उन्होंने वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया था। हमने सोचा कि वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ने के बाद वो अपने रिटायरमेंट का ऐलान कर देंगे। हालांकि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कह दिया कि वो दो साल और खेलेंगे। अगले दिन गुंडप्पा विश्वनाथ ने मुझसे कहा कि हेडलाइन देखिए कपिल ने कहा है कि वो दो साल और खेलेंगे।
उसी दिन नेशनल सेलेक्शन कमेटी की मीटिंग थी। तब जगमोहन डालमिया बीसीसीआई के सचिव थे। हमने बैठकर फैसला किया कि अब कपिल देव के संन्यास का वक्त आ गया है। गुंडप्पा विश्वनाथ ने कहा कि मैं भी उनके साथ चलकर कपिल देव से बात करूं। चाय के समय हम ड्रेसिंग रूम में कपिल देव के पास गए। मैंने कपिल देव से कहा कि कप्तान हमें आपसे कुछ बात करनी है। सेलेक्टर्स का मानना है कि अब आपको संन्यास ले लेना चाहिए। हम आपके हिसाब से आपको फेयरवेल गेम दे देंगे लेकिन आपको आज ही ऐलान करना होगा। कपिल देव ने बड़ी सहजता से उत्तर दिया। धन्यवाद, आपने जो कहा मैं उसकी तारीफ करता हूं। समय पर ये सब चीजें हो जानी चाहिए।
Edited by सावन गुप्ता