16 अक्टूबर से न्यूज़ीलैंड के साथ शुरू होने वाली वन-डे सीरीज के पहले तीन मैचों के लिए भारतीय टीम का चयन हो गया है। जहां रविंद्र रवीन्द्र जडेजा और आर आश्विन को लंबे क्रिकेट सीजन को देखते हुए विश्राम दिया गया है। तो टीम में सुरेश रैना की वापसी हुई है। इसके अलावा धोनी को कप्तान के रूप में बरकरार रखा गया है। लेकिन हैरानी की बात ये है कि कई खिलाड़ियों का चयन टीम में नहीं हुआ, जबकि वह इसके हकदार थे। ये रहे वह 5 खिलाड़ी जिनका चयन होना चाहिए था:
रॉबिन उथप्पा
आईपीएल में बीते दो साल से लगातार उथप्पा रन बना रहे हैं, जिसको देखते हुए ऐसा लग रहा था कि उनके ढलते करियर को नई जान मिल सकती है। लेकिन उनका चयन नहीं हुआ।
30 वर्ष के उथप्पा ने जुलाई 2015 में अपना अंतिम वन-डे मैच खेला था। लेकिन आईपीएल में वह लगातार रन बना रहे हैं। केएल राहुल और शिखर धवन के चोटिल होने की वजह से ऐसा लग रहा था कि टीम में उथप्पा को जगह मिल जाएगी।
हालांकि चयनकर्ताओं ने उनके बजाय मंदीप सिंह को टीम में जगह दी है। जो साल की शुरू में ज़िमबाब्वे दौरे पर गये थे।
कुलदीप यादव
जडेजा और आश्विन को आराम देने के बाद ऐसा लग रहा था कि टीम में कुलदीप यादव को जगह मिलेगी। लेकिन उनके बजाय अमित मिश्रा को टीम में शामिल किया गया।
कुलदीप यादव ने हाल ही में हुए दिलीप ट्रॉफी में कमाल का प्रदर्शन किया था। लेकिन इशांत की जगह टेस्ट टीम में जयंत यादव को शामिल किया गया। लेकिन कुलदीप को वन-डे टीम में भी जगह नहीं मिली।
जयंत यादव कुलदीप से ज्यादा अनुभवी हैं, इसी वजह से उन्हें टीम में शामिल किया गया।
अंबाती रायुडु
भारतीय टीम के चयन में अगर किसी खिलाड़ी को ज्यादा उपेक्षा झेलनी पड़ी है तो वह हैं अंबाती रायुडु। ऐसा लगता है कि वह सिर्फ ज़िम्बाब्वे दौरे पर जाने के लिए ही बने हैं।
आईपीएल के अलावा रायुडु ने अब तक भारत के लिए 34 वन-डे मैच भी खेले हैं, जिसमें उन्होंने 50 से ज्यादा के औसत से 1 हजार से ज्यादा रन बनाये हैं। लेकिन चयनकर्ताओं ने हर बार उन्हें झटका दिया है।
युज़वेंद्र चहल
जून में हुए ज़िंबाबवे दौरे पर चहल ने काफी प्रभावित किया था। इसके अलावा भारत ए के लिए भी उन्होंने सबसे ज्यादा विकेट लिए थे। इसके बावजूद चहल को टीम इंडिया में मौका नहीं मिला।
जहां मनीष पांडे और धवल कुलकर्णी उसी सीरीज के प्रदर्शन के दम पर टीम में जगह बनाने में कामयाब हुए हैं। लेकिन वहीं 26 वर्षीय चहल को टीम में जगह नहीं मिली है।
माना जा रहा था कि अगर जडेजा और आश्विन को आराम दिया जाएगा तो चहल को टीम में जगह जरुर मिलेगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
युवराज सिंह
युवराज सिंह को टीम में मौका न देकर चयनकर्ताओं ने इस विश्वकप विजेता आलराउंडर को ये सन्देश दे दिया है कि वह टीम के प्लान में अब नहीं हैं। जबकि अगले साल इंग्लैंड में चैंपियंस ट्रॉफी होना है।
हालाँकि ये भी एक तथ्य है कि दिसम्बर 2013 में युवराज ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना आखिरी वन-डे मैच खेला था। इसके अलावा उन्हें बेंगलुरु में पिछले महीन फिटनेस टेस्ट देने के लिए बुलाया गया था।
34 वर्ष के इस खिलाड़ी के साथ गौतम गंभीर को टीम के कोच अनिल कुंबले ने दुलीप ट्राफी के बाद राष्ट्रीय टीम में वापस बुलाने के संकेत दिए थे। वहीं जहाँ गंभीर की टेस्ट टीम में जगह मिली है। लेकिन युवराज को वनडे टीम में जगह नहीं मिली।
लेखक-श्रीधर, अनुवादक-जितेन्द्र तिवारी