काफी समय पहले, करीब 70 साल और कुछ महीने पहले अब भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान और बांग्लादेश एक बड़े (और बेहतर) भारत का हिस्सा थे। हालांकि 1947 में विभाजन का मतलब था कि देश का दो भागों में विभाजन यानि एक भारत और एक पाकिस्तान। फिर 1971 में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के बाद बांग्लादेश का गठन किया गया। विभाजन ने तीनों देशों की एकता, अखंडता और संस्कृति, लोगों सभी को विभाजित कर दिया लेकिन सिर्फ एक दृष्टिकोण इनको विभाजित नहीं कर पाया और वो था क्रिकेट। लोग विभाजित हुए लेकिन क्रिकेट के प्रति उनका प्रेम कभी विभाजित नहीं हुआ। क्रिकेट ने समय समय पर कई मुश्किल परिस्थितियों में भी इन देशों को आपस में जोड़ कर रखा। तीनों देशों ने अपनी क्रिकेट की प्रतिभा के दम पर क्रिकेट में कई नये आयाम जोड़े हैं। पाकिस्तान पिछले साल टेस्ट क्रिकेट के शिखर पर पहुंचा तो वहीं भारत ने इस साल एक बार फिर से क्रिकेट जगत में अपना डंका बजाया और बांग्लादेश ने खेल के सबसे लंबे प्रारूप में कई बड़े कारनामे किए हैं। इसी के मद्देनजर हमने भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के तत्कालीन खिलाड़ियों को मिलाकर एक टेस्ट एकादश बनाने का फैसला किया है जो भारतीय टीम लाइन अप का एक हिस्सा होते अगर इन देशों के बीच विभाजन नहीं हुआ होता। आईये नजर डालते हैं आखिर किन खिलाड़ियों ने पायी है वर्तमान संयुक्त टेस्ट एकादश में जगह: ओपनर- केएल राहुल
कर्नाटक के इस बल्लेबाज ने 2014 में अपने करियर की शुरुआत के बाद से लगातार अच्छा प्रदर्शन करके भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए चयनकर्ताओं को मजबूर कर दिया है। पहले तीन टेस्ट मैचों में तीन शतक और 2016 में आरसीबी के लिए आईपीएल में उन्होंने 400 रनों से अधिक रन बनाए और खेल के सभी तीन प्रारूपों में अपनी स्थिति सुनिश्चित की। सभी तीन प्रारूपों में कम से कम एक शतक के साथ राहुल ने टेस्ट की 30 पारियों में 46.27 औसत से चार शतक और नौ अर्धशतक बनाए हैं। उन्होंने पिछले नौ टेस्ट मैचों की पारी में आठ अर्धशतकीय पारियां खेली हैं और बेहतरीन निरंतरता के साथ वह पूरी तरह से ओपनिंग स्लॉट में फिट होते हैं। अजहर अली
क्रिकेट जगत में सबसे कम आंके जाने वाले बल्लेबाजों में से एक अजहर अली ने बिना किसी कठिनाई के रनों का अंबार लगा दिया है। 62 मैचों में 46.62 की औसत से दो दोहरे शतक और एक तिहरा शतक लगाने वाले अजहर की काबिलियत को बताने के लिए उनके आंकड़ें काफी है। पिछले साल टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंचने वाले पाकिस्तान के मुख्य खिलाड़ियों में से एक अजहर अली भी थे। हालांकि पाकिस्तानी टीम की इस साल रैंकिंग में गिरावट आई है, लेकिन अजहर अली ने पिछले सात मैचों में तीन अर्धशतक, दो शतक और एक दोहरा शतक लगाकर अपने बेहतरीन फॉर्म को जारी रखा। वह बिना किसी दोराय के इस टीम में जगह बनाने में सफल रहे हैं। चेतेश्वर पुजारा
संभवतः उपमहाद्वीप का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज, पुजारा इस टीम के लिए एक स्वाभाविक पसंद होंगे। इस 29 वर्षीय खिलाड़ी ने समय के साथ कद में इजाफा किया है और खुद को विशेषज्ञ बल्लेबाज के रूप में विकसित कर लिया है। 51 टेस्ट मैचों में इस सौराष्ट्र के बल्लेबाज ने 52.65 के एक बेहतरीन औसत से 4000 से अधिक रन बनाये हैं, जिसमें तीन दोहरे शतक, 13 शतक और 15 अर्धशतक शामिल हैं। इस साल सिर्फ आठ टेस्ट मैचों में पुजारा के बल्ले से चार अर्धशतक, दो शतक और एक दोहरा शतक निकले हैं, जो उनकी अद्वितीय प्रतिभा को दर्शाता है। विराट कोहली (कप्तान)
आज विश्व क्रिकेट में कई सर्वश्रेष्ठ एकादश हैं और ऐसा कोई एकादश नहीं होंगा जिसका विराट कोहली हिस्सा नहीं होंगे। कोहली पहले से ही सीमित ओवरों के प्रारूपों के एक महान खिलाड़ी हैं, साथ ही वह टेस्ट क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक हैं। 51 मैचों में धुंआधार बल्लेबाजी से 4658 रन बनाने वाले इस 28 वर्षीय बल्लेबाज में रनों की भूख दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। तीनों फॉर्मेट में अपने बल्लेबाजी का लोहा मनवाने वाले भारतीय टीम के कप्तान कोहली का टेस्ट में औसत 49.50 जोकि तीनों फॉर्मेट में सबसे कम है। ना सिर्फ एक बल्लेबाज बल्कि भारत के कप्तान के तौर पर उन्होंने रिकॉर्ड की झड़ी लगाना शुरु कर दिया है इसलिए वब निश्चित रुप से टीम को एक सर्वश्रेष्ठ नेतृत्व प्रदान करेंगे। अजिंक्य रहाणे
भारतीय मध्यक्रम को पूरा करने का काम अंजिक्य रहाणे का होता है, जो सीमित ओवरों प्रारूप में आलोचनाओं के बावजूद भी टेस्ट मैच में अपनी अहमियत बनाए रखे हैं । इसका मतलब यह नहीं है कि वह 20 ओवर और 50 ओवर के खेल में वह छोटे खिलाड़ी है बल्कि उन्होंने सफेद जर्सी में खुद को एक अलग स्तर पर पहुंचने कामयाब हुए हैं। 40 मैचों में उन्होंने 9 शतकों और 12 अर्धशतकों की मदद से 47.61 के औसत से 2809 रन बनाए हैं। साथ ही वह स्लिप में एक बेहतर क्षेत्ररक्षक भी हैं जो उनके लिए एक बोनस है। ऑलराउंडर/ विकेटकीपर शाकिब उल हसन
बांग्लादेश का झंडा ऊंचाई पर लहारते हुए शाकिब इस खेल में दो सर्वोत्तम ऑलराउंड में से एक है। बेन स्टोक्स के साथ हाल ही में कुछ विवाद हुआ इसकी वजह से शाकिब निश्चित रुप से शीर्ष पर रहेंगे। वह एक ऐसे परफेक्ट खिलाड़ी हैं जो बल्ले और गेंद दोनों के साथ ही माहिर हैं। वह निश्चित रूप से इस एकादश में एक अलग आयाम जोड़ने में कामयाब रहेंगे। शाकिब ने 51 टेस्ट मैचों में 5 शतक और 22 अर्धशतकों के साथ 3594 रन बनाये, साथ ही वह 188 विकेट लेकर शीर्ष पर रहे हैं, शाकिब का पूर्व-विभाजन-बंगाल राज्य से खिलाड़ियों की सूची में सबसे ज्यादा नाम होगा। सरफराज अहमद (विकेटकीपर)
वर्तमान पाकिस्तानी टीम के कप्तान सरफराज अहमद इस टीम के विकेटकीपर के रूप में काम करेंगे, साथ ही अपनी बल्लेबाजी क्षमता के साथ टीम को अतिरिक्त बढ़त प्रदान करेंगे। उन्होंने 38 टेस्ट मैचों में 40 की औसत से 2200 रन बनाए हैं। तीन शतक और 14 अर्धशतक के साथ 100 कैच और 18 स्टंपिंग करने वाले सरफराज ने इस स्पॉट के लिए रिद्धिमान साहा और मुशफिकुर रहीम को पीछे छोड़ा है। इसकी मुख्य वजह सरफराज की नेतृत्व करने की क्षमता है ( उन्होंने हाल ही में इंग्लैंड में खेली गयी चैंपियन्स ट्रॉफी में पाकिस्तान का नेतृत्व किया है) और स्थिति के अनुसार खुद को ढ़ालने की क्षमता उन्हें बेहतर बनाती है। स्पिनर रविचन्द्रन अश्विन
यद्यपि कुलदीप यादव और युजवेन्द्र चहल की जोड़ी ने चेन्नई के गेंदबाज को भारतीय की तरफ से सीमित ओवरों के खेल से बाहर रखा है, ऐसे में कुछ लोग टेस्ट प्लेयर के रूप में उनकी क्षमता पर सवाल उठा सकते हैं। पर उपमहाद्वीप की स्थिति में वह शायद सबसे अच्छे गेंदबाज हैं और इस वजह से वह इस टीम में आसानी से जगह बनाने में कामयाब हुए हैं। 52 मैचों में एक आश्चर्यजनक 292 विकेट अपने नाम करने वाले अश्विन ने 26 बार 5 विकेट लेने के साथ ही बल्लेबाजी में 2000 से अधिक रन बनाये हैं जिसमें चार शतक भी शामिल हैं। अश्विन ने समय-समय पर बल्ले और गेंद दोनों के साथ विरोधियों को चोट पहुंचा सकते हैं। हालांकि वह विदेशी पिचों पर उतने प्रभावी नहीं है, लेकिन इस टेस्ट एकादश से ऑफ स्पिनर को बाहर रखना मुश्किल होगा। यासिर शाह
'कलाई स्पिन-कोटा' के माध्यम से टीम में अपनी जगह बनाना पाकिस्तान के यासीर शाह के नाम होगा। महान गेंदबाज शेन वॉर्न के अनुसार वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ लेग स्पिनर गेंदबाज हैं। हाल ही में उन्होंने सबसे तेज 150 टेस्ट विकेट लेने का कारनामा किया। 28 मैचों के एक संक्षिप्त करिअर में 31 साल के खिलाड़ी ने 13 बार पांच विकेट हासिल किए हैं जो उनकी निरंतरता को दर्शाता है। तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर
18 साल की उम्र में अपने करियर की शुरुआत करने वाले आमिर ने क्रिकेट की दुनिया में तब तूफान ला दिया जब उन्हें स्पॉट फिक्सिंग में संलिप्त पाया गया। जिस वजह से उनके करियर में पूर्ण विराम लग गया। हालांकि, छह साल के अंतराल के बाद बाएं हाथ के गेंदबाज ने पाकिस्तानी टीम में वापसी की और बाद में टीम में अपनी स्थिति को पुनः प्राप्त कर लिया । स्विंग और गति के साथ विपक्ष को परेशान करने की और उनसे जल्द निपटने की उनकी क्षमता उन्हें एक पूर्ण गेंदबाज बनाती है साथ ही साथ जब गेंद पुरानी होती है और रिवर्स होने लगती है। अमीर टेस्ट सर्किट में 100 विकेट से पांच विकेट कम हैं और उन्होंने इसके लिए सिर्फ 30 मैचों में खेले हैं। वर्तमान में उप-महाद्वीप में आमिर सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाज है और साथ ही उम्र के साथ वह अधिक ऊंचाईयों तक पहुंचने की काबिलियत रखता है। अगर वह 2010 में फिक्सिंग घोटाले का हिस्सा नहीं होते, तो वह आसानी से क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजों में से एक होते। हालांकि 25 वर्ष की उम्र में भी वह अभी बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं जो उन्होंने पिछले समय में खोया है और वह एक चैपिंयन टेस्ट गेंदबाज बन सकते हैं। उमेश यादव
अगर हम पांच-छह साल पीछे जाते हैं तो भारत और पाकिस्तान की टीमों में एक मूलभूत अंतर चैपिंयन तेज गेंदबाजों का होगा। हालांकि पिछले कुछ सालों में भारतीय तेज गेंदबाजी में एक बड़ा बदलाव आया है और अब भारत अपने समानांन्तर पाकिस्तान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहा है। विशेष रूप से उमेश यादव, एक शानदार सीजन के साथ भारतीय टेस्ट टीम के एक मजबूत धुरी बन गए हैं। आठ टेस्ट मैचों में 26 विकेट लेकर इस टेस्ट एकादश में अपनी जगह को सुनिश्चित कर दिया है। उमेश के नाम टेस्ट में 34 मैचों में 94 विकेट दर्ज हैं। लेखक- संकल्प श्रीवास्तव अनुवादक- सौम्या तिवारी