अगर बंटवारा नहीं हुआ होता तो ये खिलाड़ी भारतीय टीम की तरफ से खेल रहे होते
चेतेश्वर पुजारा
संभवतः उपमहाद्वीप का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज, पुजारा इस टीम के लिए एक स्वाभाविक पसंद होंगे। इस 29 वर्षीय खिलाड़ी ने समय के साथ कद में इजाफा किया है और खुद को विशेषज्ञ बल्लेबाज के रूप में विकसित कर लिया है।
51 टेस्ट मैचों में इस सौराष्ट्र के बल्लेबाज ने 52.65 के एक बेहतरीन औसत से 4000 से अधिक रन बनाये हैं, जिसमें तीन दोहरे शतक, 13 शतक और 15 अर्धशतक शामिल हैं।
इस साल सिर्फ आठ टेस्ट मैचों में पुजारा के बल्ले से चार अर्धशतक, दो शतक और एक दोहरा शतक निकले हैं, जो उनकी अद्वितीय प्रतिभा को दर्शाता है।
विराट कोहली (कप्तान)
आज विश्व क्रिकेट में कई सर्वश्रेष्ठ एकादश हैं और ऐसा कोई एकादश नहीं होंगा जिसका विराट कोहली हिस्सा नहीं होंगे। कोहली पहले से ही सीमित ओवरों के प्रारूपों के एक महान खिलाड़ी हैं, साथ ही वह टेस्ट क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक हैं।
51 मैचों में धुंआधार बल्लेबाजी से 4658 रन बनाने वाले इस 28 वर्षीय बल्लेबाज में रनों की भूख दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। तीनों फॉर्मेट में अपने बल्लेबाजी का लोहा मनवाने वाले भारतीय टीम के कप्तान कोहली का टेस्ट में औसत 49.50 जोकि तीनों फॉर्मेट में सबसे कम है।
ना सिर्फ एक बल्लेबाज बल्कि भारत के कप्तान के तौर पर उन्होंने रिकॉर्ड की झड़ी लगाना शुरु कर दिया है इसलिए वब निश्चित रुप से टीम को एक सर्वश्रेष्ठ नेतृत्व प्रदान करेंगे।
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अजिंक्य रहाणे
भारतीय मध्यक्रम को पूरा करने का काम अंजिक्य रहाणे का होता है, जो सीमित ओवरों प्रारूप में आलोचनाओं के बावजूद भी टेस्ट मैच में अपनी अहमियत बनाए रखे हैं । इसका मतलब यह नहीं है कि वह 20 ओवर और 50 ओवर के खेल में वह छोटे खिलाड़ी है बल्कि उन्होंने सफेद जर्सी में खुद को एक अलग स्तर पर पहुंचने कामयाब हुए हैं।
40 मैचों में उन्होंने 9 शतकों और 12 अर्धशतकों की मदद से 47.61 के औसत से 2809 रन बनाए हैं। साथ ही वह स्लिप में एक बेहतर क्षेत्ररक्षक भी हैं जो उनके लिए एक बोनस है।