#3 केएल राहुल
3 साल पहले जब दुलिप ट्रॉफ़ी में साउथ ज़ोन और सेंट्रल ज़ोन के बीच मुक़ाबला चल रहा था तो केएल राहुल ने एक के बाद एक शतक लगाए थे। राहुल साउथ ज़ोन की तरफ़ से खेल रहे थे, हेमांग बदानी साउथ जोन के कोच थे। उनकी बल्लेबाज़ी की तकनीक बेहद लाजवाब और सटीक थी, वो बिना कोई ग़लती किए शॉट लगाए जा रहे थे। उनके फ़ैंस चाह रहे थे कि राहुल और ज़्यादा बल्लेबाज़ी कर पाते और इस तरह वो मैच में ज़्यादा रन बना पाते। ये बात सोचने पर मजबूर करती है कि वो मैच में अच्छी शुरुआत करते हैं और अर्धशतक भी बनाते हैं लेकिन कई बार इन अर्धशतक के बाद लंबी पारी नहीं खेल पाते हैं। कहीं न कहीं उनके एकाग्रता में कमी है, वो साल 2017 में 10 अर्धशतक बना चुके हैं, ऐसे में उनको अपने खेल को और बेहतर बनाना होगा। देर तक बल्लेबाज़ी करना और अनुशासन बनाकर खेल दिखाना किसी भी खिलाड़ी के लिए अहम होता है। केएल राहुल ने अगस्त 2016 में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ शानदार शतक लगाया था, लेकिन राहुल के लिए अहम ये है कि वो संयम के साथ लय में खेलें और ध्यान लगाकर शॉट लगाएं। ये भी ज़रूरी है कि वो ख़तरों से भरे शॉट न लगाएं। उनकी क़ाबिलियत पर किसी को भी शक नहीं, लेकिन वो एक अच्छी शुरुआत को लंबी पारी में बदलने नाकाम रहे हैं। राहुल को नई गेंद पर शॉट लगाने पर ध्यान देना होगा नहीं तो ये भारतीय क्रिकेट के लिए सही नहीं होगा। टीम इंडिया के लिए राहुल कई और विकल्प पैदा कर सकते हैं, उन्हें नंबर 5 या नंबर 6 पर बल्लेबाज़ी करने भेजा जा सकता है। बेहद मुमकिन है कि टीम मैनेजमेंट रहाणे की जगह राहुल को मौक़ा दे दे, क्योंकि रहाणे फ़िलहाल अच्छी फॉम में नहीं चल रहे हैं। हांलाकि वो टीम इंडिया के लिए टेस्ट में ओपनिंग कर सकते हैं, लेकिन उम्मीद है कि टीम के सलामी बल्लेबाज़ के तौर पर मुरली विजय और शिखर धवन पहली पसंद होंगे।