#1 विराट कोहली
टीम इंडिया अगले साल विराट की कप्तानी में साउथ अफ़्रीका के दौरे पर जाएगी, साल 2013 के साउथ अफ़्रीकी दौरे पर उनका प्रदर्शन शानदार रहा था। उन्होंने जोहानसबर्ग के वॉनडरर्स मैदान पर शतक भी बनाया था। उनके अंदर रन बनाने की भूख कभी ख़त्म नहीं होती, वो ख़ुद ज़िम्मेदारी उठाते हुए लंबी पारी खेलते हैं जिससे टीम के बाकी बल्लेबाज़ी उनसे प्रेरणा ले सकें। उनकी लंबी पारियों की वजह से टीम इंडिया ने कई बार बड़ा स्कोर खड़ा किया है। अगर टीम इंडिया का स्कोर ज़्यादा होगा तो तेज़ गेंदबाज़ों को भी अच्छी गेदबाज़ी करने में मदद मिलेगी जिससे प्रोटियाज़ बल्लेबाज़ के पसीने छूट जाएं। टेस्ट जीतना और इनमें बड़े स्कोर बना काफ़ी हुनर और संयम का काम है। किसी भी युवा खिलाड़ी के लिए संभल कर खेलना बेहद मुश्किल का सबब बन सकता है, लेकिन विराट कोहली का वो रुतबा है कि वो मैदान में आगे से भी खेल सकते हैं और विपक्षी गेंदबाज़ो के छक्के भी छुड़ा सकते हैं। उनके फ़ैन्स का मानना है कि उनकी आक्रामकता ने ही उन्हें भारत का कप्तान बनाया है। लेकिन कप्तानी की ज़िम्मेदारी के बावजूद उनके खेल में कोई कमी नहीं आई है अब और ज़्यादा बेहतर पारी खेलते हैं, और टीम को ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं। विराट की ताक़त हमें साल 2014-15 के ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर देखने को मिली था जब वो संयम के साथ खेलते हुए आक्रामक शॉट लगा रहे थे। सचिन तेंदुलकर की तरह विराट कोहली भी अकसर नंबर 4 पर बल्लेबाज़ी करते हैं, उन्हें टॉप के बल्लेबाज़ों से काफ़ी रनों का योगदान मिलता है और इस तरह कोहली को बिना डरे खेलने में मदद मिलती है। साउथ अफ़्रीका में सीम और डार्टिंग पिचें हो सकती है जिस पर विराट को अपना हुनर दिखाना है। विराट अपनी दोहरी जिम्मेदारी बख़ूबी निभाते हैं, ऐसा हमें वेस्टइंडीज़ और श्रीलंका के ख़िलाफ़ देखने को मिला था। साउथ अफ़्रीका में विराट के लिए मैदान तैयार है अब देखना होगा कि टीम इंडिया के कप्तान क्या कमाल दिखाते है। लेखक: हेमंग बदानी अनुवादक- शारिक़ुल होदा