आईसीसी महिला अंडर-19 वर्ल्ड कप (ICC Under-19 Women's T20 World Cup) के पहले संस्करण को भारत ने जीत लिया है। भारत ने फाइनल मैच में इंग्लैंड को 7 विकेट से हराकर वर्ल्ड कप अपने नाम कर लिया। मैच में भारत के गेंदबाजों ने काफी शानदार गेंदबाजी की। भारत की तरफ से लेग स्पिनर पार्श्वि चोपड़ा ने इंग्लैंड के खिलाफ 4 ओवर में सिर्फ 13 रन देकर दो महत्वपूर्ण विकेट लिए। उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में 11 विकेट चटकाए और सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में दूसरे स्थान पर रहीं।
16 साल की पार्श्वि ने खुलासा किया कि उन्होंने इस वर्ल्ड कप के लिए कैसे तैयारी की और अपनी लेग स्पिन को बेहतर किया। पार्श्वि ने बताया कि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज दिवंगत लेग स्पिन गेंदबाज शेन वॉर्न की वीडियो देखकर आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप की तैयारी की थी। पार्श्वि ने बताया कि उनके करियर की शुरुआत एक मध्यम तेज गेंदबाज के रूप में हुई थी, जब उन्होंने युवराज सिंह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में ट्रेनिंग शुरू की तो उनके कोच विशाल भाटिया ने सुझाव दिया कि वह लेग स्पिन गेंदबाजी करने की कोशिश करें।
पार्श्वि चोपड़ा ने इंडिया टुडे से बातचीत के दौरान बताया कि वह पहले एक एथलीट बनना चाहती थीं लेकिन बाद में उन्होंने क्रिकेट ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि क्रिकेट ट्रेनिंग में मेरे कोच ने मेरी काफी मदद की। मैं लेग स्पिन सीखने के लिए शेन वॉर्न के वीडियो देखा करती थी, क्योंकि कोई भी उनसे बेहतर नहीं है।
शैफाली वर्मा और ऋचा घोष का अनुभव आया काम
पार्श्वि चोपड़ा ने बताया कि भारतीय टीम ने फाइनल मैच का कोई दवाब लिए बिना गेम को सिर्फ एन्जॉय करने का प्लान बनाया था और हम ट्रॉफी उठाने के बाद ही उत्साहित हुए थे।
उन्होंने आगे बताया कि टीम में लड़कियों को इस बात से भी मदद मिली कि उनकी टीम की दो खिलाड़ी पहले से ही खुद को भारतीय टीम में सीनियर खिलाड़ियों के साथ स्थापित कर चुकी हैं। कप्तान शैफाली वर्मा और ऋचा घोष ने अपने अनुभव से हमारे सफल अभियान में काफी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।