वर्ष 2016 में भारतीय टीम ने 12 टेस्ट मैच खेले, जिनमें 9 जीत मिली और 3 मुक़ाबले ड्रॉ रहे। इस वर्ष भारतीय टीम ही एकमात्र ऐसी टीम रही, जो एक भी टेस्ट मैच नहीं हारी। इस लाजवाब प्रदर्शन की बदौलत ही टीम इंडिया की टेस्ट रैंकिंग में उछाल दर्ज हुआ और उसके 120 पॉइंट हो गए, दूसरे नंबर पर 105 पॉइंट के साथ ऑस्ट्रेलिया है। जैसा भी हो, लेकिन विराट कोहली की कप्तानी वाली यह टीम सजग है और यह जानती है कि अच्छी टीमों के खिलाफ शानदार प्रदर्शन के बल पर ही वे एक विरासत अपने पीछे छोड़कर जा सकते हैं। पाँच टेस्ट सीरीज जीतने की शुरुआत श्रीलंका (2015 में 2-1) से जीत के साथ शुरू हुई। उसके बाद वर्ष 2016 में इस टीम ने पीछे मुड़कर नहीं देखा, इस दौरान टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज को 2-0 से हराया। श्रीलंकाई टीम के पूर्व खिलाड़ी कुमार संगकारा ने अपना अंतिम टेस्ट भी भारत के खिलाफ हुई सीरीज के दौरान ही खेला। कैरेबियाई टीम के खिलाफ दो टेस्ट की सीरीज में दोनों मैच भारतीय टीम ने पहली बार जीते लेकिन मेजबान टीम पुराने दौर की इंडीज टीम के मुक़ाबले कमजोर दिखी। महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम का विदेशों में मुश्किल भरा समय रहा, इस दौरान टीम इंडिया ने 2013 से 2015 के बीच 13 टेस्ट देश से बाहर खेले, जिसमें सिर्फ लॉर्ड्स में जीत के अलावा 7 मुकाबलों में टीम ने पराजय का सामना किया। अभी खेल रही भारतीय टीम में एक नया विश्वास उभरकर सामने आया है, और वे अपनी मौजूदा फॉर्म को देश से बाहर भी बरकरार रख सकते हैं। ऑलराउंडर रविन्द्र जडेजा ने वादा किया है कि विदेशी दौरों को लेकर हमारा खासा ध्यान है और प्रदर्शन सुधारने की भूख है। बेंगलुरु में एक स्पोर्ट्स कंपनी के कार्यक्रम के दौरान जडेजा ने कहा "मैं और मेरी टीम प्रशंसकों से वादा करते हैं कि 2017 के विदेशी दौरों पर भारतीय टीम अच्छा प्रदर्शन करेगी, हम खराब खेल के टैग को हटाने के लिए बेताब हैं।" उल्लेखनीय है कि 2017 से 2018 के दौरान भारतीय टीम के लगभग 15 टेस्ट मैच विदेशी धरती पर होना प्रस्तावित है।