विराट कोहली-अनिल कुंबले विवाद पर ओलंपिक विजेता अभिनव बिंद्रा ने रखा अपना पक्ष

5 बार के ओलम्पियन और स्टार शूटर अभिनव बिंद्रा में बिना नाम लिए कप्तान कोहली और कोच अनिल कुंबले के बीच चल रहे विवाद पर अपना पक्ष रखा है। बिंद्रा ने ट्विटर पर लिखा "मेरे सबसे बड़े शिक्षक मेरे कोच उवे थे। मैं उन्हें बिल्कुल पसंद नहीं करता था, फिर भी 20 सालों तक उनके साथ रहा। वो हमेशा मुझे ऐसी बातें बोलते थे जो मैं सुनना नहीं चाहता था"।

यहां अभिनव अपने सलाहकार कोच उवे रीस्टीरर की बात कर रहे हैं, जिनकी निगरानी में उन्होंने बीजिंग ओलंपिक 2008 के एयर राईफल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता था और ओलंपिक में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जितने वाले पहले भारतीय बनने का गौरव प्राप्त किया था। कोच और कप्तान के बीच चला रहा विवाद मंगलवार शाम समाप्त हो गया जब कोच कुंबले में बीसीसीआई को इस्तीफा सौंप दिया। इसके बाद ट्विटर पर कुंबले ने लिखा "बीसीसीआई ने मुझे कल पहली बार यह जानकारी दी कि कप्तान ने मेरी शैली के साथ आरक्षण किया है और मुझे मेरा कोच के तौर पर कार्यकाल जारी रखा है। मैं आश्चर्यचकित था क्योंकि मैंने हमेशा कोच और कप्तान के बीच कि सीमाओं का सम्मान करता आया हूँ। हालांकि बीसीसीआई ने मेरे और कप्तान के बीच गलतफहमी दूर करने कि कोशिश की थी लेकिन यह साफ था कि साझेदारी सही नहीं चल रही थी। इसलिए मेरा मानना है कि मेरे लिए आगे बढ़ना ही ज्यादा सही होता"। कुंबले के कार्यकाल के दौरान टीम ने नये ऊँचाइयों को छुआ है। जहां टीम ने 17 में से 12 टेस्ट मैच जीते वहीं सिर्फ 1 में उसे हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा टीम वन-डे में भी अच्छा प्रदर्शन करते हुए इंग्लैंड और न्यूज़ीलैंड को मात देने में सफल रही, लेकिन चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में उसे पाकिस्तान से हार का सामना करना पड़ा। यह विवाद चैंपियंस ट्रॉफी शुरू होने के 2 दिन पहले सुर्खियों में आया जब यह पता चला कि कप्तान ने बीसीसीआई से कहा है कि खिलाड़ी कोच के 'तानाशाही' जैसे काम करने वाले रवैये के साथ अस्थिर महसूस कर रहे हैं। जिसके बाद बीसीसीआई ने नये कोच के लिए आवेदन मंगवाए थे और कुंबले ने फिर से कोच पद के लिए आवेदन भी डाला था। हालाकि कुंबले का करार चैंपियंस ट्रॉफी के बाद ही समाप्त हो रहा था लेकिन उसका कार्यकाल वेस्टइंडीज दौरे तक बढ़ा दिया गया था, जिससे कोहली खुश नहीं थे इसलिए कुंबले ने इस्तीफा देना ही सही समझा। अनिल कुंबले हमेशा से भारतीय क्रिकेट में एक बड़ा नाम रहे हैं लेकिन उनका यह इस्तीफा साफ करता है कि अब भारतीय क्रिकेट पर विराट कोहली का वर्चस्व हो रहा है।