आज से 6 साल पहले भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर सीरीज का पहला टेस्ट खत्म हुआ था। दो टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मैच में भारत ने एक रोमांचक मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हराया था। दूसरे टेस्ट में भी भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर सीरीज पर कब्ज़ा किया था। इस सीरीज में सचिन तेंदुलकर को मैन ऑफ़ द सीरीज चुना गया था। लेकिन हम यहाँ बात करेंगे पहले टेस्ट की जब आखिरी दिन वीवीएस लक्ष्मण ने भारत को लगभग हारे हुए मैच में जीत दिला दी थी। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया था। शेन वॉटसन के बेहतरीन शतक और रिकी पोंटिंग के 71 रनों की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 428 रनों का बढ़िया स्कोर खड़ा किया था। विकेटकीपर टिम पेन ने 92 और मिचेल जॉनसन ने 47 रनों की पारी खेलकर टीम को 400 के पर पहुँचाया था। ज़हीर खान ने 5 और हरभजन ने तीन विकेट लिए थे। जवाब में भारत ने गौतम गंभीर, राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर और सुरेश रैना के अर्धशतकों की बदौलत 405 रन बनाये और ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 23 रनों की बढ़त ली। सचिन अभाग्यशाली रहे कि 98 रन बनाकर आउट हुए। 354/4 के स्कोर से भारत 405 रनों पर सिमट गई थी और मिचेल जॉनसन ने 5 विकेट लिए। मैच भारत ने दूसरी पारी में पलटा जब ऑस्ट्रेलिया सिर्फ 192 रनों पर ऑल आउट हो गई। शेन वॉटसन ने 56 रनों की एक और बढ़िया पारी खेली लेकिन ज़हीर खान और इशांत शर्मा ने तीन-तीन विकेट लेकर भारत को टेस्ट जीतने का मौका दे दिया। हरभजन सिंह और प्रज्ञान ओझा ने दो-दो विकेट लिया था। 216 रनों के लक्ष्य के सामने भारत की शुरुआत काफी खराब रही और एक समय स्कोर 76/5 हो गया था। 119 के स्कोर पर सचिन तेंदुलकर भी 38 रन बनाकर आउट हो गए। 124 रनों तक भारत के 8 विकेट गिर गए थे और हार सामने थी। बेन हिल्फेन्हौस और डग बोलिंगर ने तीन-तीन विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया को बेहद मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया था। लेकिन ऑस्ट्रेलिया के लिए अभी सबसे बड़ा खतरा क्रीज़ पर मौजद था और इस खतरे का नाम था - वीवीएस लक्ष्मण। लक्ष्मण ने नौवें विकेट के लिए इशांत शर्मा के साथ 81 रन जोड़ डाले। इशांत ने 31 रन बनाये और लक्ष्मण अपना अर्धशतक पूरा कर चुके थे। लेकिन इशांत के 205 के स्कोर पर आउट होते ही मैच में एक बार फिर रोमांच आ गे। हालांकि हिल्फेन्हौस की गेंद पर इशांत के एलबीडबल्यू का फैसला विवादस्पद लग रहा था। भारत को जीत के लिए अभी भी 11 रनों की जरूरत थी और लक्ष्मण का साथ देने प्रज्ञान ओझा आये। शायद पहली बार लक्ष्मण को इस दौरान गुस्से में भी देखा गया और रन लेने के दौरान वो ओझा पर चिल्ला भी रहे थे। लक्ष्मण की जगह रैना को रनर के तौर पर भेजा गया था। भारत को जब जीत के लिए 6 रन चाहिए था तब ओझा के खिलाफ जॉनसन की गेंद पर एलबीडबल्यू की जोरदार अपील हुई लेकिन अंपायर बिली बोडेन ने उन्हें नॉट आउट करार दिया। गेंद चार रन के लिए चली गई और अगली गेंद जॉनसन ने लेग स्टंप के काफी बाहर फेंकी और विकेटकीपर उसे पकड़ नहीं पाए और बल्लेबाजों ने जीत के लिए जरुरी दो रन ले लिए। लक्ष्मण 73 रन बनाकर नाबाद रहे और चोटिल होने के बावजूद उन्होंने भारत को एक शानदार जीत दिला दी। ज़हीर खान को 8 विकेट लेने के लिए मैन ऑफ़ द मैच चुना गया। देखिये उस मैच के विजयी लम्हों का वीडियो:
Oct 5, 2010 - Batting great @VVSLaxman281 saw India home again while battling pain and batting with tail in Mohali Test #ThisDayThatYearpic.twitter.com/Mx93cOmmiM
— BCCI (@BCCI) October 5, 2016
(वीडियो सौजन्य: बीसीसीआई)