ऑल टाइम टॉप-5 भारतीय ओपनिंग बल्लेबाज

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पिछले कुछ वर्षों में बल्लेबाजी करने के तरीके में काफी बदलाव आया है, और इसी को क्रिकेट की सुंदरता कहा जाता है। बल्लेबाजी का मतलब सिर्फ रनों का अंबार लगाना नहीं है, बल्कि अपनी गजब की बल्लेबाजी करने के स्टाइल से दर्शकों को मोह लेना भी एक कला है। अलग-अलग बल्लेबाजी क्रम बल्लेबाज को अलग चुनौती देता है, लेकिन सबसे मुश्किल चुनौती होती है नई गेंद से पारी की शुरुआत करना। एक ओपनिंग बल्लेबाज में पारी की शुरुआत करने का हुनर होना चाहिए, क्योंकि उससे पास मौका होता है कि वो नई गेंद से अपनी तकनीक दिखा सके। भारत ने जब से क्रिकेट की शुरुआत की है, उसने कई ऐसे महान ओपनिंग बल्लेबाज दिए हैं जिनका योगदान भारतीय क्रिकेट में अमूल्य है। जिसमें सुनील गावस्कर, के. श्रीकांत, नवजोत सिंह सिद्धू का नाम भी शामिल है। ऑल टाइम टॉप-5 भारतीय ओपनिंग बल्लेबाजों पर एक नजर : #5 रोहित शर्मा एक औसतन मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज से शानदार ओपनिंग बल्लेबाज बनने के सफर तक, रोहित ने ओपनिंग स्पॉट पर कब्जा करने के लिए लम्बा रास्ता इख्तियार किया है, जिसके लिए भापतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का शुक्रिया करना चाहिए क्योंकि धोनी ने ही रोहित पर भरोसा दिखाकर उन्हें टीम में बनाए रखा। मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी करते वक्त उनकी औसत 30 के करीब रही, बाद में 42 हुई, और बतौर ओपनिंग बल्लेबाज उनकी औसत 50 पर पहुंच गई है, जो बेहद शानदार है। 2013 चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान, पहली बार रोहित शर्मा का जौहर बतौर ओपनिंग बल्लेबाज के रुप में देखा गया, जहां उन्होंने अपने बल्ले से खूब कमाल दिखाया, और उसके बाद इस मुम्बई इंडियंस के खिलाड़ी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। अपने शानदार तकनीक और उम्दा बैटिंग स्टाइल के दम पर उन्होंने न सिर्फ कई रिकॉर्ड्स तोड़े बल्कि इस युग के सर्वश्रेष्ठ ओपनिंग बल्लेबाजों की लिस्ट में खुद के लिए मुकाम हासिल करने में कामयाब भी हुए। 29 वर्षीय इस खिलाड़ी ने अपने वनडे करियर में काफी ऊंचा मुकाम हासिल कर लिया है, और वनडे में दो दोहरे शतक लगाकर उन्होंने इस फॉर्मेट में अपनी एक अलग पहचान बनाई है, ये कारनामा आजतक कोई खिलाड़ी नहीं कर पाया है। #4 गौतम गंभीर 138933041-gautam-gambhir-of-india-bats-during-the-one-gettyimages-1476533803-800 दिल्ली के ओपनिंग बल्लेबाजों के चेहरे पर भले ही खुशी बेशक कम ही देखने को मिले, लेकिन उनके बल्ले से रनों की बारिश ज्यादातर देखने को मिली है। गौतम गंभीर ने स्पिन गेंदबाजों को खेलने की तरीका ही बदल दिया था, और वो उनके खेल का सबसे बड़ा हथियार है। गौतम गंभीर के अंदर आक्रामक खेल दिखाने के साथ-साथ डटकर खेलने की लाजवाब क्षमता है, और इस 35 वर्षीय खिलाड़ी ने ये साबित कर दिया है कि वो बड़े मौकों पर खरे उतरने वाले खिलाड़ियों में से एक हैं। भारतीय प्रशंसकों को आज भी 2011 वर्ल्ड कप फाइनल में गौतम गंभीर का योगदान याद होगा, जब भारत के दो विकेट गिरने के बाद गौतम गंभीर ने जिस तरह पारी को संभाला और भारत की जीत में अहम रोल निभाया था। ये पारी 2011 वर्ल्ड कप की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक है। इस बाएं हाथ के बल्लेबाज ने अपने करियर में 5238 रन बनाएं है जिसमें 11 वनडे शतक शामिल हैं और उनकी औसत 39.68 की रही है। अगर आंकड़ों के मामले में उनकी तुलना किसी और खिलाड़ी से कि जाए, तो उनका प्रभाव एक ओपनिंग बल्लेबाज के तौर पर काफी बड़ा था। #3 वीरेंदर सहवाग 138511980-virender-sehwag-of-india-drives-for-four-gettyimages-1476533981-800 वीरेंदर सहवाग का नाम सुनते ही हर क्रिकेट फैन के जहन में निडर, बेबाक, धाकड़, धुएंधार इस तरह के शब्द सबसे पहले आते हैं। सहवाग के पास न तो शानदार तकनीक थी और न ही बेहतरीन फुटवर्क लेकिन उनके हाथ और आंख के तालमेल से जिस तरह के शॉर्ट्स निकलते थे वो खुद अपनी कहानी बयां करते थे। अपने शानदार करियर में, इस दाएं हाथ के बल्लेबाज ने 35.05 की औसत से 8273 रन जड़े जिसमें 15 शतक भी शामिल हैं। वीरु के खेल की सबसे अहम बात है उनका बल्लेबाजी करते वक्त आक्रामक 104.33 का स्ट्राइक रेट, जो उन्हें सबसे अलग बनाती है। वीरेंदर सहवाग ने गौतम गंभीर के साथ एक अच्छी ओपनिंग जोड़ी बनाई, जिसने भारत को ज्यादातर मौकों पर एक सधी हुई शुरुआत दिलाने में अहम रोल निभाया। जहां सहवाग अपनी धुएंधार बल्लेबाजी से विरोधी गेंदबाजों की क्लास लगाते तो दूसरी ओर गौतम अपने शांत स्वभाव की तरह स्कोरबोर्ड पर भारत का स्कोर आगे बढ़ाते। सचिन तेंदुलकर के बाद 37वर्षीय वीरेंद्र सहवाग वनडे में दोहरा शतक जड़ने वाले दूसरे भारतीय बल्लेबाज बने। ये कारनामा वीरु ने 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ इंदौर में किया था। भारतीय क्रिकेट टीम के लिए सहवाग जैसे ताबड़तोड़ बल्लेबाज की रिप्लेसमेंट ढूंढ़ पाना कोई आसान बात नहीं है। #2 सौरव गांगुली 77222487-sourav-ganguly-of-india-cuts-during-the-gettyimages-1476534168-800 भारतीय क्रिकेट का इतिहास बदलने वाले सौरव गांगुली को दादा के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने बतौर कप्तान न सिर्फ टीम इंडिया में आत्मविशास भरा बल्कि एक बल्लेबाज के तौर पर टीम की अगुवाई भी की। एक ऐसा बल्लेबाज, जिसके पास शानदार टाइमिंग और बेहतरीन क्रिकेट की समक्ष है, सौरव गांगुली की सबसे बड़ी ताकत थी ऑफ साइड पर शानदार पकड़, और वो ऑफ साइड पर लगे फील्डर्स को भी छका देते थे। पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली स्पिन के खिलाफ गजब का प्रदर्शन करते थे और ज्यादातर स्पिन गेंदबाजों की गेंद को वो स्टैंड में पहुंचाने में कामयाब होते थे। 16 साल लम्बे करियर में, सौरव गांगुली का भारतीय क्रिकेट में सराहनीय योगदान रहा है। आंकड़ों पर नज़र डालें तो सौरव गांगुली ने 311 मैचों में 11363 रन बनाए हैं जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 183 रन रहा है। सौरव गांगुली और सचिन तेंदुलकर की ओपनिंग जोड़ी को क्रिकेट के मैदान की सुपरहिट जोड़ी कहा जाता था और गेंदबाजों पर कहर छाने के लिए ये जोड़ी किसी मिसाईल से कम नहीं थी। सौरव गांगुली ने कई युवा खिलाड़ियों के प्रदर्शन को सुधारने में अपना योगदान दिया, जिसकी वजह से आज वो युवा खिलाड़ी क्रिकेट जगत में अच्छे मुकाम पर पहुंचने में कामयाब हुए हैं। #1 सचिन तेंदुलकर 139301938-sachin-tendulkar-of-india-bats-during-game-gettyimages-1476534530-800 भारतीय क्रिकेट को विश्व में सबसे ज्यादा लोकप्रिय बनाने में सबसे बड़ी भूमिका सचिन तेंदुलकर की रही है। विश्व के सबसे महान खिलाड़ियों में से एक, सचिन न सिर्फ एक दिग्गज खिलाड़ी हैं बल्कि उन्होंने क्रिकेट के ज्यादातर सारे रिकॉर्ड्स तोड़ डाले और नया इतिहास रचा। उनका 24 वर्ष का अभूतपूर्व अंतर्राष्ट्रीय करियर लोगों के लिए प्ररेणा है। सचिन की महानता सिर्फ बल्लेबाजी तक सीमित नहीं है, बल्कि जिस तरह से सचिन ने खुद को अपने खेल की तरह बदला और कई पीढ़ी के खिलाड़ियों के साथ वो 22 गज की पिच पर खेल दिखाते रहे। 1998 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सचिन ने जिस तरह अपने बल्ले से तुफान खड़ा किया वो उनकी प्रतिभा का एक अच्छा उदाहरण है। मास्टर ब्लास्टर अपनी शानदार तकनीक से मुश्किल गेंद को भी स्टैंड में पहुंचाना जानते थे। सचिन ने एक ओपनिंग बल्लेबाज के रूप में कमाल का प्रदर्शन किया है और सौरव गांगुली के साथ उन्होंने भारत के लिए बेतहाशा रन बनाए हैं। वनडे में सचिन तेंदुलकर से ज्यादा किसी भी खिलाड़ी के रन नहीं हैं। इस दाएं हाथ के बल्लेबाज ने 463 मैचों में 44.83 की औसत से रनों का अंबार लगाते हुए कुल 18426 रन बनाए हैं। उन्होंने 2010 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ नाबाद 200 रन बनाकर वो वनडे में दोहरा शतक जड़ने वाले पहले खिलाड़ी का तमगा हासिल किया था। बेहतरीन बल्लेबाजी करने के अलावा, सचिन ने गेंदबाजी में भी अपना हुनर दिखाया है, जिसमें 154 विकेट उनके नाम हैं और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 5/32 रहा है।