वीरेंदर सहवाग का नाम सुनते ही हर क्रिकेट फैन के जहन में निडर, बेबाक, धाकड़, धुएंधार इस तरह के शब्द सबसे पहले आते हैं। सहवाग के पास न तो शानदार तकनीक थी और न ही बेहतरीन फुटवर्क लेकिन उनके हाथ और आंख के तालमेल से जिस तरह के शॉर्ट्स निकलते थे वो खुद अपनी कहानी बयां करते थे। अपने शानदार करियर में, इस दाएं हाथ के बल्लेबाज ने 35.05 की औसत से 8273 रन जड़े जिसमें 15 शतक भी शामिल हैं। वीरु के खेल की सबसे अहम बात है उनका बल्लेबाजी करते वक्त आक्रामक 104.33 का स्ट्राइक रेट, जो उन्हें सबसे अलग बनाती है। वीरेंदर सहवाग ने गौतम गंभीर के साथ एक अच्छी ओपनिंग जोड़ी बनाई, जिसने भारत को ज्यादातर मौकों पर एक सधी हुई शुरुआत दिलाने में अहम रोल निभाया। जहां सहवाग अपनी धुएंधार बल्लेबाजी से विरोधी गेंदबाजों की क्लास लगाते तो दूसरी ओर गौतम अपने शांत स्वभाव की तरह स्कोरबोर्ड पर भारत का स्कोर आगे बढ़ाते। सचिन तेंदुलकर के बाद 37वर्षीय वीरेंद्र सहवाग वनडे में दोहरा शतक जड़ने वाले दूसरे भारतीय बल्लेबाज बने। ये कारनामा वीरु ने 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ इंदौर में किया था। भारतीय क्रिकेट टीम के लिए सहवाग जैसे ताबड़तोड़ बल्लेबाज की रिप्लेसमेंट ढूंढ़ पाना कोई आसान बात नहीं है।