भारत के 1999 वर्ल्ड कप को करारा झटका तब लगा, जब सचिन तेंदुलकर को अपने पिता की मौत के कारण वर्ल्ड कप को बीच में छोड़कर वापस भारत आना पड़ा। एक खिलाड़ी जो सचिन को टीम में न देख कर बहुत खुश हुआ, वो थे हेनरी ओलंगा, क्योंकि हमेशा ही सचिन इनपर भारी पड़े हैं और आखिरी बार जब यह दोनों आमने सामने थे, तो सचिन ने 92 गेंदों पर 124 रन बनाए थे। भारत जब 252 रनों का पीछा कर रहा था, तो उसकी परी पर लगाम लगाई, हीथ स्ट्रीक और नील जॉन्सन ने, जो भारत को 175-6 तक ले आए थे। उस समय पिच पर मौजूद थे, नयन मोंगिया और रॉबिन सिंह। भारत को 2 ओवर्स में 9 रन की दरकार थी और उनकी 3 विकेट हाथ में थी। तभी एलिस्टर कैंपबैल ने गेंद थमाई ओलंगा के हाथ में और उन्होंने अगले ही ओवर में रिज़ल्ट ज़िम्बाब्वे के पक्ष में लाकर रख दिया। ओलंगा ने एक ही ओवर में 3 विकेट हासिल किए और ज़िम्बाब्वे मुक़ाबला 3 रन से जीत गया।