विराट कोहली की सेना के लिए हाल का समय काफी अच्छा गुजर रहा है। कुछ ही दिनों पहले समाप्त हुए श्रीलंका दौरे में टीम में खेल के तीनों प्रारूपों में एकतरफा जीत हासिल की और मेजबान को एक भी मैच नहीं जीतने दिया, अब ऑस्ट्रेलिया की टीम भारत दौरे पर पहुँच चुकी है।
कोहली और टीम प्रबंधन को यह बात अच्छे से पता है कि उनके लिए यह चुनौती बिल्कुल आसान नहीं होने वाली जैसा श्रीलंका के दौरे पर था। खिलाड़ियों को भी पता है कि अगर ऑस्ट्रेलिया पर जीत हासिल करनी है तो उन्हें अव्वल दर्जे का प्रदर्शन करना पड़ेगा।
चयनकर्ताओं ने भी श्रीलंका गयी टीम में ज्यादा बदलाव नहीं किये हैं। जहाँ बल्लेबाजी में कोई परिवर्तन नहीं है वहीं गेंदबाजी में कुछ ही परिवर्तन किया गया है।
आज हम यहाँ उन 5 खिलाड़ियों की बात करेंगे जिनके इस सीरीज के प्रदर्शन पर चयनकर्ताओं की पैनी नजर होगी क्योंकि इससे इनके भविष्य का भी फैसला हो जायेगा
मनीष पांडे
कर्नाटक का यह युवा बल्लेबाज पिछले कुछ समय से लगातार टीम से अंदर-बाहर होता रहा है। श्रीलंका के दौरे पर भी उन्हें शुरूआती मैचों में खेलने का मौका नहीं मिला पर जब मौका मिला तो उन्होंने उसे दोनों हाथों से पकड़ लिया और दो अच्छी पारियां खेली।
श्रीलंका में उनके प्रदर्शन को मद्देनजर रखा गया तो उन्हें इस सीरीज में आसानी से चौथे क्रम पर बल्लेबाजी करने का मौका मिल जायेगा। एक और बात मनीष पाण्डेय का साथ देते है कि वह काफी तेजतर्रार फ़ील्डर भी हैं।
इस सीरीज में अच्छा प्रदर्शन करके पाण्डेय के पास मौका होगा कि वह भविष्य के लिए टीम में अपनी जगह पक्की कर सके क्योंकि 2019 विश्वकप भी ज्यादा दूर नहीं है।
अक्षर पटेल
अक्षर की वजह से रविन्द्र जडेजा एक बार फिर टीम से बाहर होना पड़ा और यह बात साबित हो गयी कि सीमित ओवरों के खेल में वह टीम के मुख्य अस्त्र हैं।
अक्षर ने पिछले कुछ समय से लगातार अच्छा प्रदर्शन देकर यह जगह हासिल की है, लेकिन उन्हें भी पता है कि उनका एक ख़राब प्रदर्शन जडेजा के टीम में आने का रास्ता खोल सकता है।
गेंदबाजी के साथ-साथ बल्लेबाजी में भी अक्षर काफी उपयोगी साबित होते हैं जिस वजह से वो लम्बे समय तक टीम का साथ निभा सकते हैं।
लोकेश राहुल
राहुल भारतीय टीम के सबसे प्रतिभाशाली युवा बल्लेबाज में एक हैं। टेस्ट क्रिकेट में उनके आंकड़े उनकी प्रतिभा और क्षमता को दर्शाते हैं, लेकिन सीमित ओवरों के मैच में वह टेस्ट मैच के प्रदर्शन को दोहराने में सफल नहीं हो पा रहे हैं।
सीमित ओवरों के खेल में सबसे बड़ी परेशानी उनके बल्लेबाजी क्रम को लेकर है, क्योंकि टीम प्रबंधन किसी कीमत पर रोहित-धवन की सलामी जोड़ी के साथ छेड़छाड़ नहीं करना चाहता है और यहीं राहुल के लिए सबसे बड़ी परेशानी है।
राहुल को इसी वजह से मध्यक्रम में बल्लेबाजी करनी पड़ती है, जहाँ उन्हें सफलता नहीं मिल रही। राहुल को अगर लम्बे समय तक टीम में बने रहना है तो उन्हें हर क्रम पर रन बनाना सीखना पड़ेगा और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिले मौके को भी भुनाना पड़ेगा।
उमेश यादव
ऑस्ट्रेलिया की सीरीज के लिए टीम में जो दो परिवर्तन किये गये हैं उसमें एक उमेश यादव भी हैं। उमेश पर जिम्मेदारी होगी कि पिछले सत्र में टेस्ट मैचों में किये अपने प्रदर्शन को इस बार एकदिवसीय मैचों में भी दिखाएँ।
टेस्ट मैचों में विराट कोहली के लिए उमेश सबसे कारगर हथियार रहे हैं। एकदिवसीय सीरीज में आराम के बाद वापसी कर रहे उमेश पर इस बार सभी की नजरें होगी और सभी यही उम्मीद करेंगे कि वह पूरी सीरीज में अच्छा प्रदर्शन करें और टीम को जीत दिलाने में मदद करें।
मोहम्मद शमी
ऑस्ट्रेलिया सीरीज के लिए टीम में हुआ दूसरा परिवर्तन है शमी को जगह मिलना और उन्हें इस मौके का पूरा फायदा उठाना पड़ेगा।
शमी में पूरी क्षमता है कि वह खेल के तीनों प्रारूपों में टीम के प्रमुख गेंदबाज बन सकते हैं लेकिन बार-बार चोटिल होने की वजह से वो टीम में स्थायी नहीं रह पाते हैं।
कोहली और टीम प्रबंधन को शमी पर हमेशा विश्वास रहा है और इस सीरीज में शमी के पास उनके विश्वास पर खड़े उतरने का सबसे बड़ा मौका भी है। शमी जहाँ नई गेंद से गति से साथ स्विंग हासिल करते हैं वही पुरानी गेंद से सटीक यॉर्कर भी मारते हैं।
शमी को अच्छे प्रदर्शन के साथ ही अपने फिटनेस का भी पूरा ध्यान रखना पड़ेगा क्योंकि आने वाले समय में टीम को उनकी गेंदबाजी और अनुभव की काफी जरूरत पड़ने वाली है।
लेखक- मनीष पाठक
अनुवादक- ऋषिकेश सिंह