एकदिवसीय सीरीज के समाप्त होने के तुरंत बाद भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाले 3 टी20 मैचों की सीरीज के लिए अपनी टीम की घोषणा कर दी। तीनों मैच 7, 10 और 13 अक्टूबर को क्रमशः रांची, गुवाहाटी और हैदराबाद में खेले जायेंगे। विराट कोहली की अगुआई वाली इस टीम में कई आश्चर्यजनक नाम भी हैं, जिसमें आशीष नेहरा और दिनेश कार्तिक शामिल हैं। आपको पता होगा कि अगला टी20 विश्वकप 2020 में ऑस्ट्रेलिया में आयोजित होने वाला है और उसमें 3 साल से भी कम का समय बचा है और चयनकर्ताओं को उन्हीं खिलाड़ियों को मौका देना चाहिए जिन्हें वो 2020 टी20 विश्वकप में खेलते देखना चाहते हैं। आज हम आपको उन 5 खिलाड़ियों के बारे में बतायेंगे जिन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाले टी20 सीरीज में मौका नहीं मिल पाया: #5 सुरेश रैना 65 अन्तरराष्ट्रीय टी20 मैच खेलने वाले रैना को सीमित ओवरों के खेल का अच्छा खासा अनुभव है। उनका हालिया फॉर्म भले ही पहले के मुकाबले नीचे गया हो लेकिन वो अपने बल्लेबाजी कौशल से मध्यक्रम को मजबूती प्रदान करा सकते थे। मध्यक्रम की अनुभवहीनता को देखते हुए बल्लेबाजी का पूरी दबाव ऊपर के तीन बल्लेबाजों पर रहेगा और उनके ऊपर हर मैच में अच्छे रन बनाने की चुनौती भी रहेगी। हर टीम के लिए छोटे प्रारूप के खेल में चौथे क्रम का बल्लेबाज काफी महत्वपूर्ण होता है इसलिए अन्यों के मुकाबले रैना इस स्थान पर ज्यादा सटीक विकल्प हो सकते थे। इसके साथ ही रैना की फील्डिंग और कामचलाऊ गेंदबाजी भी टीम के लिए फायदेमंद साबित हो सकती थी। #4 मोहम्मद शमी इस बात को ध्यान में रखते हुए की अगले टी20 विश्वकप कप तक आशीष नेहरा की उम्र 40 पार हो जायेगी, उनका चयन थोड़ा सोचने को मजबूर करता है। यह भी संभव है कि चयनकर्ता ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय मैचों से विदाई देने के लिए ऐसा किया हो। जो भी हो लेकिन इस वजह से एक युवा तेज गेंदबाज को मौका नहीं मिल पाया। श्रीलंका के खिलाफ टी20 सीरीज में शामिल शार्दुल ठाकुर को बिना पूरा मौका दिए टीम से बाहर कर दिया गया। चयनकर्ता अगर ऐसा सोचते हैं कि ठाकुर छोटे प्रारूप के लिए योग्य नहीं हैं तो अनुभवी मोहम्मद शमी को मौका मिलना चाहिए था। टेस्ट मैचों में टीम के नियमित सदस्य इस 27 वर्षीय को तीनों ही प्रारूपों में टीम के प्रमुख गेंदबाज बनने की पूरी क्षमता है। अभी तक शमी ने सिर्फ 7 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच ही खेले हैं जो उसके कद से काफी कम है। #3 क्रुणाल पांड्या पठान बन्धुओं की तरह ही पांड्या बन्धुओं में भी क्षमता है की दोनों एक साथ भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व कर सके। जहाँ हार्दिक लगातार अपने दमदार प्रदर्शन से तीनों ही प्रारूपों में बड़े खिलाड़ी बनते जा रहे हैं वहीं क्रुणाल को अभी भी राष्ट्रीय टीम में मौका मिलने का इंतजार कर रहे है। अपने छोटे भाई की तरह ही क्रुणाल भी काफी तेज बल्लेबाजी कर सकते हैं। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज के पास ताबरतोड़ बल्लेबाजी के साथ ही परिस्थिति के अनुरूप खेलने की भी क्षमता ह।. गेंद के साथ भी क्रुणाल काफी कामयाब रहे हैं। आईपीएल में क्रुणाल ने सीमित ओवरों के सबसे खतरनाक बल्लेबाज माने-जाने वाले दक्षिण अफ्रीका के एबी डिविलियर्स को 4 मौकों पर आउट किया है। मुंबई इंडियन्स का यह खिलाड़ी जरूरत के समय अपना सबसे अच्छा खेल दिखाता है। एकदिवसीय और टी20 दोनों में ही क्रुणाल टीम के लिए तुरुक का इक्का साबित हो सकते हैं। #2 ऋषभ पंत पंत वर्तमान घरेलू बल्लेबाजों में सबसे ज्यादा प्रतिभाशाली खिलाड़ी माने जाते हैं। विपक्षी गेंदबाजों पर कभी भी हमला बोलने की क्षमता के साथ ही विकेटकीपिंग में भी लगातार अपना प्रदर्शन निखार रहे हैं। 19 वर्षीय के इस पास देश के लम्बा करियर खेलने की पूरी काबिलियत है। वर्तमान में टीम के विकेटकीपर और पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अपने करियर के अंतिम दौर में हैं और चयनकर्ताओं उनके विकल्प की तलाश शुरू करने की जरूरत है। पंत अगर लगातार ऐसा ही प्रदर्शन करते रहे तो 2020 टी20 विश्वकप के लिए अपना दावा मजबूत कर सकते हैं। इस युवा बल्लेबाज के लिए जरूरी है कि भले ही मैच एकादश में मौका नहीं मिले लेकिन उन्हें टीम में शामिल रखना चाहिए, इससे वो अपने आप को घरेलू मैचों से अंतरराष्ट्रीय मैचों के माहौल में ढाल सके। पंत ड्रेसिंग रूम में सीनियर खिलाड़ियों के साथ रहेंगे तो उन्हें काफी अनुभव भी प्राप्त होगा। #1 रविचंद्रन अश्विन हालांकि रविचंद्रन अश्विन और रविन्द्र जडेजा के सीमित ओवरों के खेल से अनुपस्थिति को आधिकारिक रूप से ‘आराम’ की श्रेणी में रखा गया है, लेकिन सच्चाई यह भी है कि सफ़ेद गेंद से इनके प्रदर्शन में आ रहे लगातार गिरावट की वजह से चयनकर्ताओं का भरोसा इनसे उठ गया है। सपाट पिच होने के कारण सफ़ेद गेंद से कलाई के गेंदबाज ज्यादा सफलता हासिल कर रहे हैं। कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल अब तक मिले सभी मौकों को दोनों हाथ से पकड़ रहे हैं, ऐसे में अगर अश्विन को टीम में शामिल भी किया जायेगा तो तीसरे स्पिनर के रूप में ही उन्हें मौका मिल पायेगा। 50 ओवरों के खेल में भले ही अश्विन अपना प्रभाव नहीं छोड़ पाये हैं लेकिन टी20 में उनका प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। अब तक खेले 46 मैचों में अश्विन ने 22.94 की औसत से 52 विकेट हासिल किये हैं, इसके साथ ही वो टी20 में सबसे ज्यादा विकेट हासिल करने वाले भारतीय गेंदबाज भी हैं। कई मौकों पर दबाव में अच्छा प्रदर्शन करने वाले अश्विन को खेल के सबसे छोटे प्रारूप में टीम में जगह मिलनी चाहिए थी। लेखक- राम कुमार अनुवादक- ऋषिकेश सिंह