भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच जारी टेस्ट सीरिज में जबरदस्त रोमांचक मुकाबले देखने को मिल रहे हैं। दोनों टीमों ने एक-दूसरे को कड़ी टक्कर दी है। ऑस्ट्रेलिया जब भारत के दौरे आया था। तो विशेषज्ञों टीम को कमजोर करके आंका था। ऐसा इसलिए था क्योंकि भारतीय टीम ने न्यूज़ीलैंड और इंग्लैंड को बुरी तरह से हराया था। साथ ही ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में दक्षिण अफ्रीका ने बुरी तरह से हराया था। लेकिन पुणे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने अपनी कमजोरी को ताकत बनाते हुए भारत को बुरी तरह से हराया। जिससे भारतीय टीम के अलावा क्रिकेट जगत भी सन्न रह गया। लेकिन भारतीय टीम ने वापसी करते हुए तकरीबन हारा हुआ मुकाबला बंगलौर में जीत लिया। भारतीय टीम की तरफ से चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे ने हारी हुई बाज़ी को पलटते हुए मैच में भारत की वापसी करायी और बाकी का काम गेंदबाजों ने पूरा कर दिया। ऐसे में रांची में होने वाला टेस्ट मैच काफी अहम साबित होने जा रहा है। जो बॉर्डर-गावस्कर ट्राफी के लिए निर्णायक होगा। आइये डालते हैं उन 5 खिलाड़ियों पर एक नजर जो बाकी बचे मैचों में अपना प्रभाव छोड़ सकते हैं। आर अश्विन साल 2016/17 में जारी होम सीजन में अश्विन ने जिस तरह का प्रदर्शन किया है। वह वाकई काबिलेतारीफ है। पहले टेस्ट में खराब प्रदर्शन करने के बाद अश्विन ने दूसरे टेस्ट में अपनी लय हासिल करते हुए भारतीय टीम को जीत दिलाने में अहम योगदान दिया। दूसरे टेस्ट की पहली पारी में अश्विन का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा, लेकिन जडेजा ने टीम को मैच में बनाये रखा। लेकिन जब भारत को दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया के विकेट निकालने थे, तो उन्होंने उम्दा प्रदर्शन किया और 41 रन देकर 6 विकेट लिया। विराट कोहली सीरिज शुरूआती दो मैचों में कोहली का बल्ला खामोश रहा है, ऐसे में उम्मीद है कि वह बाकी बचे मुकाबलों में अपनी पसंदीदा विपक्षी टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जोरदार वापसी करें। बाकी सीरिज की तुलना में ये सीरिज कोहली के लिए अच्छी नहीं रही है। ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों ने उन्हें सस्ते में आउट किया है। जबकि कोहली ऐसे कप्तान हैं, जो हमेशा मोर्चे से अगुवाई करते हैं। ग्लेन मैक्सवेल ऑस्ट्रेलियाई थिंक टैंक ग्लेन मैक्सवेल को बाकी बचे दो टेस्ट मैचों में टीम मौका दे सकता है। कप्तान स्टीव स्मिथ को माना जा रहा था कि वह अपने खेल से टीम को प्रेरित करेंगे। पीटर हैड्सकाम्ब ने अपनी क्लोज फील्डिंग से प्रभावित किया है। लेकिन अश्विन-जडेजा कमाल की स्पिन गेंदबाज़ी की है। मिचेल मार्श के चयन पर ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने भी सवाल उठाया है। लेकिन अब मार्श चोटिल हो गये हैं। ऐसे में टीम प्रबन्धन ग्लेन मैक्सवेल को टीम में मौका दे सकता है। वह ऐसे खिलाड़ी हैं, जो खेल को अपने दम पर बदलने की क्षमता रखता है। मैक्सवेल पर लोग सवाल उठा सकते हैं, उन्हें पसंद-नापसंद कर सकते हैं, लेकिन उन्हें ख़ारिज नहीं कर सकते हैं। क्योंकि वह एक बेहतरीन मैच विजेता खिलाड़ी हैं। अजिंक्य रहाणे टेस्ट में अजिंक्य रहाणे का प्रदर्शन निरंतर अच्छा रहा है। रहाणे ने दुनिया के सभी कोने में शतकीय पारियां खेली है। उनकी प्रतिभा पर कभी कोई सवाल नहीं उठा पाया है। लेकिन चोटिल होने की वजह से वह टीम से जब बाहर हुए तो करुण नायर ने उनकी जगह पर टीम में मिले मौके पर तिहरा शतक ठोंक दिया। जिसके बाद मीडिया में नायर को मौका देने की आवाज उठने लगी। लेकिन कुंबले रहाणे के साथ खड़े रहे। रहाणे ने भी टीम प्रबंधन को सही साबित करते हुए चेतेश्वर पुजारा के साथ शानदार साझेदारी की। इस दौरान उन्होंने मैच को बदलने वाली अर्धशतकीय पारी खेली। इस साझेदारी को देखकर लोगों एकबारगी 2001 में हुए कोलकाता टेस्ट की लक्ष्मण और द्रविड़ की यादगार साझेदारी याद आ गयी। डेविड वार्नर डेविड वार्नर ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव स्मिथ के बाद सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं। वार्नर ऐसे आक्रामक बल्लेबाज़ हैं, जो विपक्षी टीम पर टूट पड़ते हैं। ऐसे में बाकी मैचों में वह ऑस्ट्रेलिया को बढ़िया शुरुआत दे सकते हैं। हालांकि अश्विन ने वार्नर की कमजोरी पकड़ ली है, और उन्हें छोटे से टारगेट के बावजूद चौथी पारी में आउट कर दिया था। ऐसे में वार्नर पर ऑस्ट्रेलिया को बाकी दो मैचों में जीत दिलाने का दबाव होगा। उनका किरदार जीत में अहम साबित होगा। वार्नर एक बेहतरीन फाइटर बल्लेबाज़ हैं, अगर वार्नर चले तो सीरिज पर अधिकार ऑस्ट्रेलिया का ही होगा।