टीम इंडिया हमेशा से अपने घरेलू मैदान पर अच्छा प्रदर्शन करती रही है। इसके पीछे भारत की पिचों का स्पिन फ्रेंडली होना है, जिसका फायदा न केवल स्पिनर बल्कि हमारे बल्लेबाज भी उठाते रहे हैं, लेकिन पुणे टेस्ट में स्पिन गेंदों को खेलने में माहिर माने जाने वाले भारत के बल्लेबाज ऑस्ट्रेलिया की फिरकी के सामने संघर्ष करते हुए नजर आए। सिर्फ बल्लेबाज ही नहीं गेंदबाज भी सही ढंग से गेंदबाजी नहीं कर पाए, जिससे भारत को हार का सामना करना पड़ा। इस जीत के साथ ही ऑस्ट्रेलिया ने विराट की कप्तानी में टीम इंडिया के 19 टेस्ट मैचों से अजेय रहने के रथ को रोक दिया। पहले टेस्ट मैच में मिली करारी हार के बाद अब टीम इंडिया पलटवार करने की तैयारी में है। ऐसे में ये देखने वाली बात होगी कि कोहली दूसरे टेस्ट में किस रणनीति के साथ उतरेंगे। बेंगलुरु टेस्ट में हमें प्लेइंग इलेवन में भी कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं। हमारी लिस्ट में प्लेइंग इलेवन में करुण नायर को टीम में जगह मिली है, जबकि जयंत यादव को टीम से बाहर बैठना पड़ सकता है। #5 बैटिंग में और ज्यादा गहराई होनी चाहिए पुणे में मिली करारी हार के बाद टीम इंडिया को बैटिंग लाइन अप में नंबर 6 पर एक विशेषज्ञ बल्लेबाज की जरूरत है। करूण नायर तिहरा शतक बनाने के बाद भी प्लेइंग इलेवन से बाहर हैं, उनकी जगह अजिंक्य रहाणे की वापसी हुई। जो चोट की वजह से टीम से बाहर हैं। लेकिन जिस तरह से पुणे टेस्ट में भारतीय बैटिंग लाइन अप लड़खड़ाई, उससे देखते हुए नायर को मौका देने पर वो छठे नंबर पर अपनी दमदार तकनीक के चलते स्पिनर्स और रिवर्स स्विंग का बखूबी सामना कर सकते हैं। बल्लेबाजी में गहराई होने की वजह से टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज भी खुलकर अपने शाट्स खेल सकेंगे। #4 अश्विन और जडेजा के कंधों का बोझ कम होगा रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा पिछले 15 महीनों से निरंतर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। दोनों ही खिलाड़ियों ने टीम की जरूरत के हिसाब बल्ले और गेंद दोनों से अहम योगदान दिया है। हालांकि पुणे टेस्ट में ये दोनों स्पिनर्स उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए। भारतीय स्कोर बोर्ड पर ज्यादा रन भी नहीं थे, जिसके चलते गेंदबाज दबाव में आ गए। लोअर ऑर्डर में अच्छी बल्लेबाजी कर विशेषज्ञ बल्लेबाज करूण नायर, अश्विन और जडेजा पर दबाव कम कर सकते हैं। जिससे वो सिर्फ अपनी गेंदबाजी पर ज्यादा ध्यान दे सकें। #3 कोई भी गेंदबाज कम ओवर नहीं डालेगा विराट कोहली हमेशा 5 गेंदबाज खिलाने के पक्ष में रहते हैं। हालांकि 5 गेंदबाज खिलाने पर किसी 1 गेंदबाज को ज्यादा ओवर गेंदबाजी करने का मौका नहीं मिल पाता। जैसे पुणे टेस्ट में भारतीय टीम ने 182 ओवर गेंदबाज़ी की और इनमें से ईशांत शर्मा को सिर्फ 14 ही ओवर डालने को मिले। लिहाजा 5वें गेंदबाज को ज्यादा मौके नहीं मिल पाए। पुणे टेस्ट में विराट अश्विन, जडेजा और जयंद यादव के रूप में तीन स्पिनर्स के साथ मैदान पर उतरे थे। अब बेंगलुरु टेस्ट में विराट अपने दो स्पिनर अश्विन और जडेजा के साथ ही मैदान पर उतरना चाहेंगे क्योंकि स्पनिर्स लंबे स्पैल करवा सकते हैं, ऐसे में तीसरे स्पिनर जयंत को शायद ही दूसरे टेस्ट में मौका मिले। इस स्थिति में विराट के पास करुण नायर को मौका देने का चांस है। वैसे भी करुण के टीम में आने से भारतीय बल्लेबाजी और मजबूत होगी। #2 फॉर्म में करुण नायर अजिंक्य रहाणे के चोट से उबरने के बाद बांग्लादेश के खिलाफ हैदराबाद टेस्ट में करूण नायर को टीम से बाहर बैठना पडा। करुण नायर ने इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई टेस्ट में शानदार तिहरा शतक जड़ा था। ये करुण के टेस्ट करियर का तीसरा मैच था और उन्होंने नाबाद 303 रन की पारी खेलकर खूब वाहवाही बटोरी थी। भारत की तरफ से टेस्ट में तिहरा शतक लगाने वाले वो दूसरे बल्लेबाज बने थे। हालांकि उनके इस शानदार प्रदर्शन के बाद भी उन्हें बांग्लादेश के खिलाफ एकलौते टेस्ट से बाहर रखा गया। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले दो टेस्ट के लिए वो टीम में तो हैं मगर उन्हें पहले टेस्ट में मौका नहीं मिला। अच्छे बल्लेबाज होने के साथ- साथ करूण एक अच्छे फील्डर भी हैं। वो स्लिप में अच्छे कैच पकड़ते हैं। लिहाजा बेंगलुरु टेस्ट में टीम इंडिया की स्लिप पोजीशन में एक एलर्ट स्लिप फील्डर की कमी भी पूरी हो जाएगी। #1 विराट कोहली की कप्तानी का होगा टेस्ट घरेलू टेस्ट सीजन के बाद टीम इंडिया को विदेशी सरजमीं पर साउथ अफ्रीका, न्यूजीलैंड , इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के साथ खेलना है। जिसका मतलब है कि भारत विदेशी धरती पर 7-4 के कॉम्बिनेशन के साथ उतरेगा। ऐसे में बेंगलुरु टेस्ट में कोहली के पास ये मौका है कि इस कॉम्बिनेशन को यहीं पर अपना कर देखें। अब ही ये देखने वाली होगी कि अगर बेंगलुरु टेस्ट में कोहली 4 गेंदबाजों के साथ उतरेंगे, तो किस तरह से इनका इस्तेमाल करेंगे और इस पर उनकी रणनीति क्या रहेगी। 4 गेंदबाजों के साथ उतरना विराट कोहली की कप्तानी का भी टेस्ट होगा ताकि वो कुछ नया ट्राई करें और इसमें कामयाबी हासिल करें। जो कि भविष्य में होने वाली सीरीज में भी मेजबान टीम ते काम आएं।