मुश्किल परिस्थिति में भारतीय विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा के शतक ने रांची टेस्ट की पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया पर बढ़त दिलाने में ख़ासा अहम रहा, इसी को लेकर पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क ने उनकी जमकर तारीफ की है। सोमवार को द टेलीग्राफ से बातचीत करते हुए क्लार्क ने साहा को पूर्व कंगारू विकेटकीपर इयान हिली के समान बताया। उनके अनुसार "उनकी पहल हिली के समान है, वे एक व्यस्त खिलाड़ी हैं। कल भी वे बेहद अच्छा खेले। जब वे शनिवार को खेलने गए, तब मैंने हैडन को कहा था कि वे रन बनाएंगे। निश्चित रूप से उन्होंने रैंक से बढ़कर प्रदर्शन किया।" ऑस्ट्रेलिया के लिए विश्वकप जीतने वाले पूर्व कप्तान ने साहा के अलवा रांची टेस्ट में दोहरा शतक जड़ने वाले चेतेश्वर पुजारा की तारीफ करते हुए कहा "अविश्वसनीय! पुजारा अविश्वसनीय थे, उनकी तकनीक बहुत शानदार थी। टेस्ट क्रिकेट में आपको चमकदार होने की जरुरत नहीं है। आपको अपना कार्य करने की जरुरत होती है, जो रन बनाना है। वे इसे अच्छी तरह कर रहे हैं।" तीसरे टेस्ट में पुजारा और साहा के बीच आठवें विकेट के लिए हुई आठ विकेट की साझेदारी ने भारत को मैच में आगे ला दिया। जहां पुजारा ने 202 रन की मैराथन पारी खेली, वहीँ साहा ने भी 117 रनों की पारी खेल टेस्ट जीवन का अपना तीसरा शतक जमाया। इन दोनों की पारियों की बदौलत भारत ने पहली पारी में 9 विकेट पर 603 रन बनाते हुए पहली पारी में 152 रनों की बढ़त प्राप्त की तथा मेहमान टीम को बैकफुट पर धकेल दिया था। नंबर 8 और 9 के बल्लेबाजों को हमेशा शतक बनाने का मौका नहीं मिलता लेकिन जब मिलता है, तो उन्हें दोनों हाथों से मौके का फायदा उठाना चाहिए। यही ऋद्धिमान साहा ने किया। उन्होंने जितना हो सके, उतना समय क्रीज पर बिताया और ऑस्ट्रेलिया से मैच बहुत दूर ले जाने में अहम भूमिका निभाई। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर इयान हिली को भी अपनी लड़ने की क्षमता के कारण जाना जाता है। उन्होंने भी अपने टेस्ट जीवन का पहला शतक देर से जड़ा, इसके बाद तीन बार और उन्होंने ऐसा किया। इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि क्लार्क ने साहा की हिली से तुलना की है।