भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शनिवार से शुरू हो रहे धर्मशाला टेस्ट से बाहर हो गए हैं। शमी अभी चोट से पूरी तरह नहीं उबरे हैं तथा फिजियो पैट्रिक फर्हार्ट की निगरानी में उनका उपचार चल रहा है। एक सूत्र के हवाले से पीटीआई ने कहा, 'रांची में शमी टीम के साथ थे और फर्हार्ट उनकी प्रगति पर निगरानी रखे हुए थे। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 25 मार्च से शुरू होने वाले चौथे व अंतिम टेस्ट के लिए तेज गेंदबाज को 15 सदस्यीय टीम में शामिल नहीं किया गया था। शामिल को रिहैबिलिटेशन योजना के अंतर्गत विजय हजारे ट्रॉफी का फाइनल खेलने के लिए भेजा गया था।' भारतीय टीम लंबे और थकाऊ घरेलू सत्र में खिलाड़ियों की चोटों से परेशान चल रही है। कप्तान विराट कोहली की फिटनेस भी संदेह के घेरे में हैं क्योंकि उन्होंने अभ्यास सत्र में हिस्सा नहीं लिया। कोहली के साथ शमी भी फिट नहीं है कि वह शनिवार को अंतिम एकादश में जगह पक्की कर सके। तेज गेंदबाज शमी को टीम के शामिल करने के बाद अफवाहों का बाजार गर्म हो चला था कि उन्हें अंतिम एकादश में शामिल किया जाएगा। विराट कोहली ने भी रांची टेस्ट की प्रेस कांफ्रेंस में शमी की फिटनेस की प्रगति पर विश्वास जाहिर किया था। हालांकि, सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद शमी मैच फिट नहीं हुए और अब वह धर्मशाला टेस्ट बाहर बैठकर ही देख सकेंगे। इंग्लैंड के खिलाफ 2016 नवंबर में घुटने में चोट लगने के बाद से शमी क्रिकेट के मैदान से दूर हैं। हालांकि, उन्होंने ट्विटर पर घोषणा करते हुए कहा कि वह तेजी से फिट हो रहे हैं और जल्द ही राष्ट्रीय टीम में वापसी करेंगे।
धर्मशाला के क्यूरेटर ने जब से जानकारी दी है कि पिच तेज गेंदबाजों के लिए मददगार होगी तब से भारतीय टीम शमी को शामिल करने के लिए बेक़रार दिखी। अगर शमी खेलते तो उनके साथ इशांत और उमेश की अच्छी जोड़ी बनती तथा इसका फायदा मेजबान टीम को मिलता। शमी के बाहर होने की वजह से भुवनेश्वर कुमार को मौका मिलने की उम्मीद है। अगर पिच तेज गेंदबाजों के लिए मददगार रही तो भारतीय टीम 5 विशेषज्ञ गेंदबाजों के साथ मैदान संभाल सकती है। हालांकि, अगर मैच से पहले घास हटा दी गई तो मेजबान टीम तीसरे टेस्ट वाली टीम के साथ मैदान संभाल सकती है। वहीं विराट कोहली के कंधे में भी चोट है और इसे ध्यान में रखते हुए भारतीय टीम ने युवा बल्लेबाज श्रेयस अय्यर को उनके विकल्प के रूप में शामिल किया है।