विश्व क्रिकेट में बल्लेबाजी के आइकन माने जाने वाले पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने ऑस्ट्रेलिया के सामने भारतीय टीम को घोर आत्म-समर्पण करने वाली टीम करार देते हुए इसे टेस्ट इतिहास में भारत की सबसे बुरी पराजय बताई। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का पहला मैच हारने के बाद गावस्कर भारतीय टीम की बल्लेबाजी पर जमकर बरसे। एक निजी भारतीय चैनल से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा "भारत को ढाई दिन में हारते मैंने कभी नहीं देखा। जिस तरह भारत ने ऑस्ट्रेलिया के स्पिनरों को लिया, यह आश्चर्यजनक था। शायद यह एक बुरा दिन था, भारतीय टीम में संघर्ष की कमी देखकर में निराश हूं। पहली और दूसरी पारी को मिलाकर 75 ओवर ही खेल पाना सही नहीं था।" आगे पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा "भारतीय टीम की बुरी तरह होने वाली पराजयों में से यह एक थी। चाय के आधे घंटे बाद निपट जाना चौंकाने वाला था। वे थोड़े असावधान रहे। बल्लेबाजों को यह अहसास होना चाहिए था कि उन्हें क्रीज पर रुकना है।" मेहमान टीम की प्रशंसा करते हुए गावस्कर ने कहा "ऐसी पिच जिससे वे अनजान थे, उन्हें मुकाबला करते हुए देखना बड़ा शानदार रहा। इसका श्रेय मैट रेनशो और स्मिथ को जाता है, क्योंकि उन्होंने बल्लेबाजी की। ऑस्ट्रेलिया ने वास्तव में अच्छी क्रिकेट खेली। स्मिथ ने कप्तानी पारी खेली, यह एक श्रेष्ठ टेस्ट शतक है।" गौरतलब है कि भारतीय टीम ने 2012 में इंग्लैंड के विरुद्ध कोलकाता के ईडन गार्डन्स में टेस्ट मैच हारने के बाद अब तक कोई टेस्ट नहीं हारा था। विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया लगातार 19 टेस्ट मैचों में अविजित रही लेकिन शनिवार को पुणे में कंगारूओं ने इस सिलसिले को रोक दिया। उन्होंने एशियाई जमीन पर पिछले 9 टेस्ट मैचों में हारने के बाद पुणे में जीत का स्वाद चखा। उल्लेखनीय है कि पुणे में हुए पहले टेस्ट में भारतीय टीम दोनों पारियों को मिलाकर भी 250 रनों तक का आंकड़ा नहीं छू पाई, दूसरी तरफ मेहमान बल्लेबाजों ने भारतीय स्पिनरों का बखूबी सामना करते हुए दोनों पारियों में 250 से ऊपर का स्कोर बनाकर मेजबान टीम को पटखनी देते हुए चार मैचों की सीरीज में 1-0 से बढ़त हासिल कर ली।