बांग्लादेश के खिलाफ एकमात्र टेस्ट से पहले भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली और कोच अनिल कुंबले ने तेज गेंदबाजों को स्पीड शॉटगन नामक नई तकनीक से परिचित कराया है। भारतीय टीम प्रबंधन के एक सदस्य ने तकनीक का इस्तेमाल करने की पुष्टि करते हुए कहा, 'जी हां सोमवार को अभ्यास के समय तकनीक का इस्तेमाल किया गया जिससे पता लगता है कि भारतीय गेंदबाज किस गति से गेंद कर रहे हैं।' यह राज की बात नहीं है कि कप्तान विराट कोहली का उन तेज गेंदबाजों पर विश्वास है जिसके पास काफी अच्छी गति है और वह कई बार कह चुके है कि तेज गेंदबाज पाटा विकेट पर भी विकेट ले सकते हैं। कप्तानी की जिम्मेदारी मिलने के बाद कोहली ने उन तेज गेंदबाजों का समर्थन किया है जो लगातार 140 किमी प्रति घंटे की गति से गेंदबाजी करते हैं। इसका प्रमाण इस तरह मिलता है कि कोहली ने अधिकांश उमेश यादव को भुवनेश्वर कुमार पर तरजीह दी। क्या है स्पीड शॉटगन स्पीड शॉटगन ऐसी मशीन है जो गेंदबाज द्वारा की जा रही गेंद की गति का पता लगाने में मदद करती है। जब गेंदबाज गेंद डालने के लिए आता है तब मशीन स्टंप्स के पीछे लगाईं जाती है। सपोर्ट स्टाफ का सदस्य नेट्स के पीछे खड़े होकर मशीन पर ध्यान रखता है और गेंदबाज को उसकी गति से अवगत कराता है। मशीन गेंद की गति का पता तब लगाती है जब गेंद विकेट पर टप्पा खाती है। सिर्फ तेज गेंदबाज ही नहीं बल्कि स्पिनरों के लिए भी यह मशीन मददगार है। अनिल कुंबले स्पिनरों पर काफी बारीकी से नजर रखते हैं और उन्हें गति नियंत्रित करने के साथ मिश्रण करने की जानकारी भी देते हैं। यह पहला मौका नहीं है जब भारतीय टीम ने अनिल कुंबले के मार्गदर्शन में नई तकनीक का इस्तेमाल किया हो। इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय बल्लेबाजों को रंगीन रबर गेंदों से अभ्यास कराया गया था। प्रत्येक गेंद से स्पिन गेंदबाजी का जवाब देने के बारे में बताया गया था।