INDvENG 2016-17 : टीम इंडिया के 5 खिलाड़ियों ने किया सबसे ज्यादा निराश

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भारत दौरे पर आखिरकार इंग्लैंड टीम के लिए कुछ तो अच्छा हुआ। इंग्लैंड ने आखिरी वनडे मैच में भारत पर 5 रन से जीत दर्ज की। इसके अलावा भारतीय टीम इस सीरीज में इंग्लैंड से हर मोर्चे पर बेहतर थी। वनडे में टीम इंडिया को एक ऐसा बल्लेबाज चाहिए था, जो छठे या सातवें नंबर पर आकर विस्फोटक पारी खेल सके और इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में टीम इंडिया को ऐसा बल्लेबाज मिला केदार जाधव के रूप में मिला। केदार जाधव को इंग्लैंड सीरीज की खोज कहा जा सकता है। इसके अलावा इस सीरीज में युवराज सिंह ने भी जबरदस्त वापसी की। 2011 वर्ल्ड कप के बाद 2017 इंग्लैंड सीरीज में हमें पुराना युवराज देखने को मिला। उन्होंने धोनी के साथ साझेदारी कर पुरानी यादें ताजा की। कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि इंग्लैंड सीरीज में टीम इंडिया को बहुत सारे पॉजिटिवस मिले। जिससे अब टीम चैंपियंस ट्रॉफी में बढ़े हुए मनोबल के साथ उतरेगी। इन सबके बावजूद कुछ ऐसे फैक्टर्स भी जो टीम मैनेजमेंट के लिए चिंता का सबब हैं। आइए नजर डालते हैं इस वनडे सीरीज में टीम इंडिया की 5 खामियों पर :


#5 रविचंद्रन अश्विन

इसमें कोई दो राय नहीं है कि सफेद जर्सी में अश्विन टीम इंडिया की जीत का गारंटी हैं। इंग्लैंड के खिलाफ अश्विन के अहम योगदान के चलते ही टीम इंडिया ने उस सीरीज 4-0 से जीत दर्ज की थी। हालांकि वनडे सीरीज में अश्विन इस फॉर्म को बरकरार नहीं रख पाए। लंबे समय बाद वनडे सीरीज में वापसी करते हुए अश्विन ने अपने प्रदर्शन से सभी को निराश किया। टेस्ट सीरीज में विरोधी खेमे में खलबली मचाने वाले अश्विन पूरी तररह बेबस दिखे। टीम के सबसे अनुभवी गेंदबाज अश्विन ने 3 मैचों सिर्फ 3 विकेट चटकाए और इसके लिए 188 रन खर्च किए। #4 उमेश यादव

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उमेश यादव ने न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली गई पिछली वनडे सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया था, लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ उमेश उसी प्रदर्शन को दोहराने में नाकाम रहे। हालांकि उमेश को 3 वनडे मैचों की सीरीज के इस मैच में सिर्फ 1 ही मैच खेलने को मिला।

उमेश ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले वनडे मैच में 7 ओवर गेंदबाजी करते हुए 9 के इकोनोमी रेट से 63 रन दिए। उमेश नई गेंद पर नियंत्रण नहीं रख पाए और उन्होंने जमकर रन लुटाए।

इस साल जून में चैंपियंस ट्रॉफी इंग्लैंड में होनी है। वहां की पिचें तेज गेंदबाजों के लिए मददगार होती हैं। ऐसे में चैंपियंस ट्रॉफी से टीक पहले उमेश यादव का फॉर्म में ना होना चिंता का विषय है। #3 अजिंक्य रहाणे

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अजिंक्य रहाणे तीनों फॉर्मेट में भारत के मुख्य बल्लेबाज रहे हैं। हालांकि पिछले कुछ समय खासकर वनडे क्रिकेट में वो बुरे दौर से गुजर रहे हैं। उनके बल्ले से रन नहीं निकले रहे हैं। टेस्ट टीम में तो प्लेइंग्ल इलेवन में रहाणे की जगह पक्की नजर आती है लेकिन वनडे क्रिकेट में उन्हें इसके लिए काफी मशक्कत करनी पड़ेगी।

इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज के तीसरे मैच में रहाणे को शिखर धवन की जगह टीम में मौका मिला, लेकिन वो इस मौके को भुनाने में नाकाम रहे उन्होंने 6 गेंदों में सिर्फ 1 रन बनाया।

टी 20 टीम से तो रहाणे का पत्ता कट ही चुका है और जिस तरह से वनडे क्रिकेट में उनका फ्लॉप शो जारी है। इसे देखते हुए ऐसा लगता है कि उनको जल्दी ही वनडे टीम से भी बाहर का रास्ता देखना पड़ सकता है। #2 शिखर धवन

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वनडे में शिखर धवन का बल्ला भी उनसे रूठा हुआ है, लेकिन बावजूद इसके टीम मैनेजमेंट ने उनके टैलेंट पर भरोसा दिखाते हुए उन्हें कई मौके दिए, लेकिन शिखर ने सभी मौकों पर निराश ही किया।

2016 में शिखर का प्रदर्शन औसत दर्जे का रहा। जिसके बाद उनके पास मौका था कि साल इंग्लैंड के खिलाफ 2017 की पहली ही वनडे सीरीज में अपनी छाप छोड़े, लेकिन उन्होंने पहले वनडे मैच में 12 तो दूसरे वनडे में महज 2 रन बनाए।

इसका नतीजा ये हुआ उन्हें आखिरी वनडे मैच से बाहर बैठना पडा और ये इस बाएं हाथ के बल्लेबाज के लिए एक संकेत भी था, अगर आप अपनी फॉर्म में सुधार नहीं करते तो टीम इंडिया के पास ओपनर्स के काफी विकल्प मौजूद हैं। #1 के एल राहुल

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कर्नाटक के इस युवा बल्लेबाज के लिए पिछला सीजन काफी अच्छा रहा था। जब वो तीनों फॉर्मेट में शतक लगाने वाले तीसरे भारतीय खिलाड़ी बने थे। जिसके बाद से के एल राहुल से उम्मीदें काफी ज्यादा बढ़ गई थी।

इंग्लैंज के खिलाफ वनडे सीरीज में लोकेश राहुल ने भी निराश किया। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ तीनों वनडे मैचों में शुरुआत में कुछ अच्छे शाट्स जरूर लगाए लेकिन इसके बाद वो जल्द ही अपना विकेट इंग्लैंड के गेंदबाजों को तोहफे के रूप में देते चले गए।

के एल राहुल में टैलेंट की कोई कमी नहीं है पर उन्हें सिर्फ अपने टेंमरामेंट पर काम करना होगा। हालांकि वनडे सीरीज में खराब प्रदर्शन के बाद भी सलेक्टर्स और टीम मैनेजमेंट ने उनपर काफी भरोसा दिखाया है। जिससे इस युवा बल्लेबाज का आत्मविश्वास बढ़ेगा और वो आगे आने वाले मैचों में फिर से लय में लौटने में उनकी मदद करेगा।