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वनडे में शिखर धवन का बल्ला भी उनसे रूठा हुआ है, लेकिन बावजूद इसके टीम मैनेजमेंट ने उनके टैलेंट पर भरोसा दिखाते हुए उन्हें कई मौके दिए, लेकिन शिखर ने सभी मौकों पर निराश ही किया।
2016 में शिखर का प्रदर्शन औसत दर्जे का रहा। जिसके बाद उनके पास मौका था कि साल इंग्लैंड के खिलाफ 2017 की पहली ही वनडे सीरीज में अपनी छाप छोड़े, लेकिन उन्होंने पहले वनडे मैच में 12 तो दूसरे वनडे में महज 2 रन बनाए।
इसका नतीजा ये हुआ उन्हें आखिरी वनडे मैच से बाहर बैठना पडा और ये इस बाएं हाथ के बल्लेबाज के लिए एक संकेत भी था, अगर आप अपनी फॉर्म में सुधार नहीं करते तो टीम इंडिया के पास ओपनर्स के काफी विकल्प मौजूद हैं।
Edited by Staff Editor