इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे वन-डे के लिए भारतीय टीम की संभावित एकादश

भारतीय टीम इस समय शानदार फॉर्म में हैं और इंग्लैंड की टीम को भारत में फ़िलहाल काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। टेस्ट सीरीज में बुरी तरह हारने के बाद इंग्लैंड की टीम पहले वन-डे में भी बाजी हार गई। इयोन मॉर्गन के नेतृत्व वाली टीम ने पहले वन-डे में शानदार प्रदर्शन करते हुए विशाल स्कोर खड़ा किया, लेकिन फिर वह भारतीय बल्लेबाजों पर काबू पाने में नाकाम रही और मैच गंवा बैठी। विराट कोहली की टीम के खिलाफ इंग्लिश गेंदबाज एक समय के बाद पूरी तरह फीके साबित हुए। भारतीय टीम में भी कुछ कमियां निकलकर बाहर आई, जिसे देखते हुए दूसरे वन-डे में इस एकादश को आजमाने की पूरी उम्मीद है। चलिए गौर करते हैं कि दूसरे वन-डे में भारतीय टीम किस संयोजन के साथ मैदान संभाल सकती है :


शिखर धवन

- बाएं हाथ के बल्लेबाज के लिए यह सीरीज निर्णायक साबित हो सकती है क्योंकि वह लंबे समय से बेहतर फॉर्म के लिए जूझ रहे हैं। रोहित शर्मा की गैर-मौजूदगी में शिखर धवन के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है और उन्हें रन बनाने की जरुरत है। शिखर के लिए वर्ष 2016 ज्यादा अच्छा नहीं रहा था और भारतीय खिलाड़ियों में प्रतिस्पर्धा को देखते हुए उनके पास प्रदर्शन करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा है। चयनकर्ता उन्हें और मौका दे सकते हैं ताकि वह समय रहते फॉर्म में लौट आएं।


लोकेश राहुल

- कर्नाटक के बल्लेबाज के लिए 2016 वर्ष शानदार रहा और उन्होंने तीनों प्रारूपों में बेहतरीन प्रदर्शन किया। हालांकि उन्हें निरंतर बेहतर प्रदर्शन करने की जरुरत है। वह पहले वन-डे में अच्छी लय में नजर आ रहे थे, लेकिन एक गेंद पर अपने पैर और पेड के बीच अंतर रहने के कारण उन्हें विकेट गंवाना पड़ा। उन्हें शुरुआत से ही संभलकर खेलते हुए बड़ी पारी खेलने की जरुरत है। राहुल की तकनीक उन्हें खेल के तीनों प्रारूपों में बेहतर प्रदर्शन करने की इजाजत देती है और बल्लेबाज को इस बात को जल्द ही समझने की जरुरत है।


विराट कोहली

- विराट कोहली की बल्लेबाजी अभी अलग स्तर पर है। वह टेस्ट के बाद वन-डे में भी बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं और पहले मैच में उन्होंने इसे साबित भी किया। वह टीम इंडिया की रन मशीन कहलाते है। कोहली से दूसरे वन-डे में भी बेहतर बल्लेबाजी की उम्मीद है और भारतीय कप्तान से सभी को 28वें शतक की आस जरुर होगी।


युवराज सिंह

- खब्बू बल्लेबाज दर्शकों के चहेते क्रिकेटरों में से एक हैं और उनकी उपस्थिति टीम में भी बड़ा जोश भरती है। हालांकि, उनके चयन पर कई सवाल उठे थे, लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ पहले वन-डे में छक्का मारते ही उन्होंने अपने इरादे स्पष्ट कर दिए थे। युवराज सिंह रणजी ट्रॉफी के शानदार फॉर्म को वन-डे में भी जारी रखने की कोशिश करेंगे और बड़ी पारी खेलकर अपनी वापसी से सभी को रूबरू कराना चाहेंगे। भारतीय टीम की सफलता में उनसे बड़े योगदान की उम्मीद क्रिकेट फैंस को जरुर होगी।


एमएस धोनी

- कप्तानी छोड़ने के बाद से धोनी कैसा खेलेंगे, इस पर विचार-विमर्श शुरू हो गया है। रांची के धाकड़ विकेटकीपर बल्लेबाज हालांकि पहले वन-डे में सफल नहीं हुए, लेकिन उनकी काबिलियत पर किसी को शक नहीं होना चाहिए। वह चौथे क्रम पर उतरकर टीम की बल्लेबाजी इकाई को गहराई दिला सकते हैं। धोनी की विकेटकीपिंग से किसी की प्रतिस्पर्धा नहीं है और विराट कोहली उनकी सलाह का पूरा फायदा भारतीय क्रिकेट को पहुंचा सकते हैं।


केदार जाधव

- भारतीय क्रिकेट की नई सनसनी केदार जाधव ने पहले वन-डे में शतक लगाकर सभी की निगाहें अपनी ओर आकर्षित की हैं। घरेलू क्रिकेट में लंबे समय तक शानदार प्रदर्शन करने वाले जाधव ने अपने गृहनगर में शतक जमाकर फैंस को खुश कर दिया। हालांकि वह इस सफलता का उपयोग कैसे करेंगे, यही उनके वन-डे भविष्य का पैमाना भी बन सकता है। उनकी बल्लेबाजी में काफी सुधार आया है और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के लिए वह फ़िलहाल उपयुक्त विकल्प लग रहे हैं।


हार्दिक पांड्या

- ऑलराउंडर ने पहले वन-डे में गेंद और बल्ले दोनों से काफी प्रभावित किया। वह फैंस और टीम की जरुरत पर खरे उतरते हुए नजर आ रहे हैं। पहले वन-डे में पांड्या ने नई गेंद से बेहतरीन प्रदर्शन किया और समय पर विकेट भी निकालकर दिए। बल्ले के साथ वह टीम इंडिया को जीत दिलाकर ही पवेलियन लौटे। वह भारतीय क्रिकेट के भविष्य बन सकते हैं बशर्ते वह निरंतर बेहतर प्रदर्शन करते रहे।


रविंद्र जडेजा

- जडेजा ने उस पिच पर सटीक प्रदर्शन करते हुए रन रोके जहां गेंदबाजों के लिए कोई मदद मौजूद नहीं थी। बल्ले के साथ उन्होंने अपने इरादे जरुर स्पष्ट किये थे, लेकिन वह अपना विकेट गलत समय पर देकर पवेलियन लौटे। जडेजा की फील्डिंग से सभी वाकिफ हैं और उनकी मौजूदगी टीम में जोश भरने के लिए काफी है।


अमित मिश्रा

- पहले वन-डे में लेग स्पिनर का बाहर बैठना आश्चर्यजनक फैसला था। विराट कोहली को उनकी कमी भी खलती दिखाई दी जब बीच के ओवरों में कोई भी स्पिनर विकेट नहीं निकाल सका। मिश्रा काफी अनुभवी हैं तथा उनके पास कई विविधताएं है जो बल्लेबाज को उलझाने के लिए सहायक साबित हो सकती हैं। इंग्लैंड के बल्लेबाजों के लिए मिश्रा एक हथियार की तरह इस्तेमाल किये जा सकते हैं। न्यूजीलैंड के खिलाफ लेग स्पिनर मैन ऑफ़ द सीरीज रहे थे और इस प्रदर्शन के आधार पर उन्हें दूसरे वन-डे में मौका दिया जा सकता है।


भुवनेश्वर कुमार

- उमेश यादव पहले वन-डे में नई गेंद से बिलकुल प्रभावित नहीं कर सके। उनकी गति बल्लेबाजों को रन बनाने से रोक नहीं सकी और नई व पुरानी गेंद के साथ उन्होंने काफी रन भी खर्च किये। भुवनेश्वर कुमार को ऐसे में दूसरे वन-डे में आजमाया जा सकता है जो अपनी स्विंग के लिए काफी मशहूर हैं। आईपीएल में देखने को मिला कि भुवी अंतिम ओवरों में भी किफायती गेंदबाजी करना जानते हैं और वह कई मिश्रण करते हैं, जिस पर बल्लेबाज कंफ्यूज हो जाता है। ऐसे में दूसरे वन-डे में इन्हें आजमाना अच्छा विकल्प साबित हो सकता है।


जसप्रीत बुमराह - गुजरात का गेंदबाज भारतीय टीम के लिए बड़ी खोज साबित हुआ और वह अपनी यॉर्केर्स से बल्लेबाज को मुश्किल में डालना जानते हैं। हालांकि पहले मैच में वह नहीं चल सके, लेकिन दूसरे वन-डे में उनकी बेहतरीन वापसी की उम्मीद है।