सौराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन की मेजबानी में राजकोट में पहला टेस्ट मैच ही नहीं हो रहा था, जबकि इस मैच में पहली बार डीआरएस का भी इस्तेमाल हो रहा था। जो भारत की धरती पर पहली बार हुआ है। इससे पहले भारतीय टीम डीआरएस का विरोध करती थी। लेकिन इस मैच में चेतेश्वर पुजारा को डीआरएस ने अहम समय पर जीवनदान दिलाया। जिसकी वजह से वह शतक बनाने में कामयाब हुए। हालांकि दूसरी पारी में उनका डीआरएस असफल साबित हुआ। जहां बॉल बकायदा लेग स्टंप की तरफ पिच हो रही थी। हालांकि इस तकनीक पर कोई राय बनाने से पहले हमे आने वाले मैचों पर कड़ी नजर रखनी होगी।
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