राजकोट टेस्ट में कड़े मुकाबले के बाद दोनों ही टीमों को विशाखापट्टनम टेस्ट में जीत की जरुरत थी । टॉस जीतने के साथ ही पूरे मैच में टीम इंडिया ने मैच पर अपनी पकड़ बनाए रखी और अंत में 246 रनों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की । सीरीज में 1-0 की बढ़त बनाने के साथ ही भारत को कुछ फायदे इस जीत के साथ मिले । टिपिकल इंडियन पिच ना होने के बावजूद गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया । आइए नजर डालते हैं 5 ऐसे ही फायदे के बारे में जो दूसरे टेस्ट के बाद टीम इंडिया को मिली :
5. इंग्लैंड की बैटिंग गहराई को तहस-नहस करना-
90 और 2000 के दशक की टीम से इतर इंग्लैंड की बल्लेबाजी में अभी बहुत गहराई है, उनको जल्द समेटना आसान काम नहीं है। कई सारे मल्टी टैलेंटेड क्रिकेटर होने के बावजूद उनके निचलेक्रम के बल्लेबाजों में किसी भी गेंदबाजी अटैक का सामना करने की क्षमता है। भारतीय गेंदबाजों ने हालांकि इस बार विपक्षी बल्लेबाजों को खुलकर खेलने का मौका नहीं दिया, अपनी पकड़ उन्होंने इंग्लिश बल्लेबाजों पर बनाए रखी। हालांकि तीसरे टेस्ट में क्रिस वोक्स और जॉस बटलर अगर टीम में शामिल किए जाते हैं तो इंग्लैंड की बल्लेबाजी क्रम को मजबूती मिलेगी। लेकिन निचलेक्रम की बल्लेबाजी पर गौर करने वाली बात होगी। 4. तेज गेंदबाजों की विकेट टेकिंग गेंदबाजी-
सीरीज शुरु होने से पहले इंग्लैंड के थिंक टैंक ने शायद भारतीय स्पिनरों के बारे में ज्यादा प्लान बनाया होगा, उन्होंने शायद सोचा ही नहीं होगा कि भारतीय तेज गेंदबाज भी खतरनाक साबित होंगे। भारतीय टीम में इस समय दो ऐसे तेज गेंदबाज हैं जो नई गेंद को स्विंग करा सकते हैं और पुरानी गेंद को रिवर्स स्विंग। मोहम्मद शमी ने जहां पहली पारी में एक बेहतरीन गेंद पर इंग्लिश कप्तान एलिस्टेयर कुक का ऑफ स्टंप उखाड़ दिया तो दूसरी पारी में भी अपनी अनुशासन भरी गेंदबाजी से जोए रुट जैसे बड़े बल्लेबाज का विकेट निकाला। वहीं दूसरी तरफ उमेश यादव ने पहली पारी में एक बेहतरीन यॉर्कर पर जॉनी बैरिएस्टो का विकेट उखाड़कर एक अच्छी साझेदारी को तोड़ा। सीरीज में अभी 3 मैच बाकी हैं, ऐसे में ये दोनों गेंदबाज भारतीय टीम के लिए बहुत ही अहम रहने वाले हैं। 3. अश्विन अपने पूरे लय में दिखे- दुनिया का बेस्ट ऑफ स्पिनर की वजह से अश्विन पर दबाव रहता है कि वो उस पिच पर भी विकेट निकालें, जो स्पिनरों की मददगार ना हो। पहले टेस्ट में अश्विन ने बहुत कोशिश की, लेकिन उन्हें उतनी सफलता नहीं मिली, जिसकी वजह से इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने पूरे मैच पर अपनी पकड़ बनाए रखी। लेकिन विशाखापट्टनम टेस्ट में अश्विन अपने पूरी फॉर्म में दिखे और पहली पारी में इंग्लैंड के बल्लेबाजों पर पूरी तरह हावी रहे। जोए रुट को डाली गई उनकी गेंद कमाल की थी। हर मैच में अश्विन का मुकाबला खुद से ही होता है। अश्विन को पूरी सीरीज में इंग्लैंड के बल्लेबाजों को स्पिन खेलने का टेस्ट लेते रहना चाहिए। 2. कोहली ने टेस्ट मैचों में क्लास दिखाया-
भारत की इस समय की बल्लेबाजी लाइन अप को देखें तो विराट कोहली जब भी क्रीज पर आते हैं तो सबका ध्यान उन्हीं की तरफ होता है। यहां तक कि दुनिया के बेस्ट बल्लेबाजों के साथ उनकी तुलना की जाती है और उन पर इन सबसे मुकाबले का दबाव रहता है। फिर भी कई बार कठिन परिस्थितियों में उनके संयम और धैर्य के ऊपर सवाल उठते रहे हैं । लेकिन विशाखापट्टनम टेस्ट में उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से आलोचकों का मुंह बंद कर दिया। विशाखापट्टनम की पिच पर जहां अनियमित बाउंस था वहां कोहली ने गजब का धैर्य और क्लास दिखाया। दोनों ही पारियों में कोहली ने लाजवाब बल्लेबाजी की। कोहली के ऊपर टेस्ट मैचों के लिए वो संयम और धैर्य बनाए रखने का दबाव था। लेकिन वाइजैग टेस्ट की पहली पारी में 167 और दूसरी पारी में 81 रन बनाकर कोहली ने बता दिया कि अब कोहली टेस्ट में भी बेस्ट हो गए हैं।
- जंयत यादव को टेस्ट क्रिकेट का अनुभव मिला-
वाइजैग टेस्ट भारतीय टीम को जो सबसे बड़ा लाभ मिला वो था जयंत यादव का टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण । जयंत ने बिना किसी दिक्कत के प्रथम श्रेणी से अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट मैच तक का सफर पूरा किया । जयंत का डेब्यू ड्रीम डेब्यू रहा, अपने पहले ही मैच में जयंत ने तीनों ही विभागों में अच्छा खेल दिखाया । रिद्धिमान साहा के साथ मिलकर उन्होंने जहां एक बेहतरीन रन आउट किया तो दोनों ही पारियों में अपनी लाजवाब बल्लेबाजी से टीम के लिए अच्छा रन बनाया, जिससे टीम को बहुत फायदा हुआ । लेकिन उनकी गेंदबाजी ने भी सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा । हाई ऑर्म एक्शन के साथ जयंत को पिच से अनियमित बाउंस भी मिला । जयंत अगर इसी तरह से गेंदबाजी करते रहे तो निश्चित ही अश्विन जैसे गेंदबाज से उनकी तुलना की जाएगी ।