भारत में बीसीसीआई ने 9 नवंबर से शुरू हो रही पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए पहले दो टेस्ट के लिए टीम का चयन किया है, जिसमें कई फैसले चौंकाने वाले हैं जबकि कुछ ऐसे फैसले भी लिए गए हैं जिसकी उम्मीद की जा रही थी। हार्दिक पांड्या को टेस्ट टीम में जगह मिलना एक सर्प्राइज था, जबकि न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट में टीम इंडिया में वापसी करने वाले गौतम गंभीर को इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में भी जगह मिली है। वहीं ईशांत शर्मा की वापसी की लगभग तय मानी जा रही थी और चयनकर्ताओं ने भी ईशांत के नाम पर मुहर लगाई। वहीं केएल राहुल, रोहित शर्मा, शिखर धवन और भुवनेश्वर कुमार को इंजरी के चलते टीम में जगह नहीं मिल पाई है। एमएसके प्रसाद ने आज सुबह इन फैसलों की जानकारी दी, लेकिन कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं जो इस चयन से दुखी हैं। यहां देखिए उन खिलाड़ियों को जो इस अहम सीरीज में अपनी जगह नहीं बना पाए: #5 कुलदीप यादव कुलदीप यादव, उत्तरप्रदेश के चाइनामैन गेंदबाज, लम्बे समय से भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए बेताब हैं। लेकिन अभी तक कुलदीप चयनकर्ताओं को इम्प्रैस करने में सफल नहीं हो सके हैं। 2014 में, कुलदीप यादव ने उत्तरप्रदेश की ओर से फॉर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू किया और 17 मैचों में 65 विकेट अपने नाम दर्ज किए इस दौरान उनका औसत 34 रहा। उनका सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन 6-79 रणजी ट्रॉफी के इस सीजन में दिल्ली के खिलाफ देखने को मिला। वो मौजूदा समय में 6 पारियों में 19 विकेट हासिल कर रणजी ट्रॉफी के टॉप 10 गेंदबाजों में शामिल हैं। वो आईपीएल में कोलकाता नाइटराइडर्स की ओर से खेलते हैं, उन्होंने 2016 में आईपीएल में डेब्यू किया और 3 मैचों में 6 विकेट झटके। #4 अभिनव मुकुंद पूर्व भारतीय टेस्ट खिलाड़ी भारतीय चयनकार्ताओं के सामने कड़ी चुनौती है क्योंकि पिछले कई वर्षों से अभिनव मुकुंद तमिल नाडु के लिए रणजी ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। चेन्नई के ओपनिंग बल्लेबाज ने 2010 में भारत के वेस्टइंडीज दौर पर डेब्यू किया था। अपने प्रदर्शन से कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ पाए और इंग्लैंड दौर के बाद टीम से उन्हें बाहर कर दिया गया। अभिनव 10 पारियों में 211 रन ही जोड़ पाए जिसमें उनका औसत मजह 21.10 रहा और सर्वोच्च स्कोर 62 रन रहा था। उसके बाद से, वो घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं और रणजी ट्रॉफी के इस सीजन में अब तक तमिल नाडु के लिए खेली गई 6 पारियों में 338 रन बना चुके हैं जिसमें उनका औसत 56.33 रहा और इस दौरान उनके नाम दो अर्धशतक और एक शतक शामिल है। #3 मनीष पांडे 2009 में आईपीएल में रॉयल चैलेंजर बैंगलोर के लिए जबर्दस्त प्रदर्शन कर सुर्खियों में आए मनीष पांडे कई बार भारतीय टीम में जगह बनाने के दावेदार रहे। लेकिन 2015 में उन्होंने जिब्बावे के खिलाफ डेब्यू किया और हरारे में उन्होंने 71 रन की शानदार पारी खेली जिसने भारतीय टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। बीते कई वर्षों से वो रणजी ट्रॉफी मे कर्नाटक के लिए भरोसेमंद खिलाड़ी की भूमिका निभा रहे हैं और घरेलू क्रिकेट में उनके नाम 5000 रन दर्ज हैं जिसमें उनका औसत 49.37 रहा। उन्हें इस वर्ष ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में लगाई नाबाद 104 रन की मैच विनिंग पारी के लिए हमेशा याद किया जाता है। उन्हें हाल ही में हुई न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में शामिल किया गया था लेकिन खराब प्रदर्शन के चलते उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में जगह नहीं मिल सकी। #2 पंकज सिंह पंकज सिंह, मौजूदा वक्त में रणजी ट्रॉफी में राजस्थान के सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं, उन्होंने अब तक इस सीजन में 7 पारियों में कुल 24 विकेट चटकाए हैं जिसमें उनकी औसत 16 रही। पंकज सिंह इस बात से बिल्कुल नाखुश होंगे कि रणजी ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन करने के बाद भी इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में उन पर चयनकर्ताओं ने ध्यान नहीं दिया। इस तेज गेंदबाज को 2014 में इंग्लैंड के खिलाफ भारतीय टीम में शामिल होने का मौका मिला था, लेकिन सिर्फ दो मैच में उनके प्रदर्शन को देखकर उन्हें खुद को साबित करने का कोई मौका नहीं दिया गया। उन्होंने अभी तक अपने करियर में एक ही अंतर्राष्ट्रीय वनडे मैच खेला है, जो श्रीलंका के खिलाफ हरारे में खेला गया था। इस मैच में पंकज ने अपने प्रदर्शन से काफी निराश किया, वो एक विकेट लेने में भी कामयाब नहीं हो पाए जबकि उन्होंने 7 ओवर में 45 रन लुटाए। पंकज सिंह ने पिछले कई वर्षों में अपने प्रदर्शन में काफी सुधार किया है और इस वक्त वो राजस्थान के अहम गेंदबाज हैं, इसलिए उन्हें बड़े प्लेटफॉर्म पर खुद को साबित करने का एक मौका मिलना चाहिए। #1 युवराज सिंह भारत के सफलतम खिलाड़ियों में से एक युवराज सिंह भारतीय टीम में वापसी करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं जिसकी झलक रणजी ट्रॉफी में दिखाई दे रही है। वो पंजाब की ओर से खेल रहे हैं और उनका बेहतरीन प्रदर्शन जारी है। मौजूदा समय में, युवराज रणजी ट्रॉफी में चार मैचों में 587 रन बनाकर सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी का तमगा हासिल कर चुके हैं। उन्होंने बड़ौदा के खिलाफ फॉर्स्ट क्लास क्रिकेट में अपना अब तक का निजी सर्वोच्च स्कोर बनाया जहां उन्होंने 240 रन की पारी खेली। 35 वर्षीय ये खिलाड़ी अब तक 40 टेस्ट में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व कर चुका है जिसमें उन्होंने 33.92 की औसत से कुल 547 रन बनाए। गौतम गंभीर के टीम में वापसी के बाद अब युवराज भी भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए पूरी तरह तैयार दिखाई दे रहे हैं।