बुधवार से नवंबर से भारत और इंग्लैंड के बीच 5 टेस्ट मैचों की सीरीज शुरू हो रही है | न केवल फैन्स के लिए ये खुशी की बात है, बल्कि इंग्लैंड भी इस सीरीज से अपनी खोई हुई लय हासिल कर सकता है | भारत और इंग्लैंड के बीच अब तक 112 टेस्ट मैच खेले गए हैं, जिनमें से इग्लैंड ने 43 और भारत ने महज 21 टेस्ट ही जीते हैं | आखिरी बार भारत ने 2008 में इंग्लैंड से 2 टेस्ट मैचों की सीरीज जीती थी | उसके बाद भारत हर इंग्लैंड से हर सीरीज में हारा | पहले इंग्लैंड में उसे 2011 में 0-4 से हार का सामना करना पड़ा, फिर 2012 में भारत अपनी जमीन पर भी 1-2 से सीरीज हार गया, फिर दोबारा 2014 में इंग्लैंड में हुए सीरीज में 1-3 से हार झेलनी पड़ी | 2012 में घरेलू सीरीज में हार भारत के लिए हैरान कर देने वाली थी | इंग्लिश टीम ने भारत के ही मजूबत पक्ष स्पिन गेंदबाजी को अपना हथियार बना लिया | इंग्लैंड के दोनों स्पिनरों मोंटी पनेसर और ग्रीम स्वान ने भारतीय बल्लेबाजों को खूब छकाया | उन्होंने भारतीय स्पिनरों से अच्छी गेंदबाजी की | उस दौरे में एलिस्टेयर कुक और केविन पीटरसन ने शानदार यादगार पारिया खेली थीं | लेकिन इस बार भारतीय टीम फेवरेट दिख रही है, और इसके कई कारण हैं | #1 इंग्लैंड की टीम में अनुभव की कमी 2012 की सीरीज में कुक, पीटरसन, जोनाथन ट्रॉट और मैट प्रायर ने क्रमश : 562, 338, 294 और 258 रन बनाए थे | ये चारो बल्लेबाज टॉप 5 स्कोर करने वाले बल्लेबाजों में थे | प्रज्ञान ओझा और रविचंद्रन अश्विन ने जहां 20 और 14 विकेट लिए थे, वहीं ग्रीम स्वान, मोंटी पनेसर और जेम्स एंडरसन ने 20, 17 और 12 विकेट लिए थे | ये तीनों टॉप 5 गेंदबाजों में से टॉप थ्री विकेटटेकर थे | लेकिन इस बार की इंग्लैंड टीम में केवल कुक और जोए रूट ही ऐसे बल्लेबाज हैं, जिनके पास अनुभव है, और लंबे समय से वो इंग्लैंड की टेस्ट टीम में हैं | इंग्लैंड पूरी तरह से बेन स्टोक्स पर निर्भर है, लेकिन अपने ऑलराउंड प्रदर्शन के बावजूद वो उप महाद्वीप की पिचों पर अभी पूरी तरह से जम नहीं पाए हैं | कुक और रूट के अलावा इंग्लैंड की टीम बेन स्टोक्स, जॉनी बैरिस्टो , गैरी बैलेंस और बेन डकेत पर निर्भर है, लेकिन ये सब उतने बने नाम नहीं हैं | इंग्लैंड की बॉलिंग भी इस पर कमजोर लग रही है| #2 बांग्लादेशी के खिलाफ इंग्लैंड के बल्लेबाजों का निराशाजनक प्रदर्शन बांग्लादेश जैसी टीम के खिलाफ हार से इंग्लिश टीम के हौंसले पस्त होंगे | यहां तक कि पहले टेस्ट में भी इंग्लैंड को मुश्किल से जीत मिली | इंग्लैंड के बल्लेबाजों के निराशानजक प्रदर्शन का हाल ये था कि 2 मैचों में 128 रन के साथ स्टोक्स सीरीज में इंग्लैंड के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे | क्रिस वोक्स जिनको गेंदबाज के तौर पर टीम में रखा गया, 110 रनों के साथ वो तीसरे हाईएस्ट स्कोरर थे | वोक्स ने पाकिस्तान के खिलाफ घरेलू सीरीज में 4 टेस्ट मैचो में 177 रन बनाए थे | बार-बार मौके मिलने के बावजूद गैरी बैंलेस अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए | पाकिस्तान के खिलाफ 4 मैचों में उन्होंने 27.85 की औसत से 185 रन बनाए थे | जबकि बांग्लादेश में 6.00 की औसत से महज 24 रन बनाए| लेकिन उनके स्थान पर खेलने के लिए ज्यादा प्लेयर इंग्लिश टीम में उपलब्ध नहीं हैं | ये इंग्लैंड के लिए गहरी चिंता का विषय है, उन्हें स्कोर के लिए बस रूट, स्टोक्स और कुक पर निर्भर रहना पड़ रहा है| #3 स्वान-पनेसर से अली-रशीद इसमें कोई शक नहीं है कि मोइन अली और अली रशीद अच्छे स्पिनर हैं, लेकिन 2012 की सीरीज में शानदार प्रदर्शन करने वाले ग्रीम स्वान और मोंटी पनेसर जितने असरदार वो नहीं हैं | बांग्लादेश दौरे पर अली और रशीद को महज 11 और 7 विकेट मिले, वहीं दूसरी तरफ बांग्लादेश के युवा गेंदबाज हसन मिराज ने 19 और अनुभवी शाकिब अल हसन ने 12 विकेट लिए | अली ने बैट और बॉल से अच्छा प्रदर्शन किया है | हालांकि उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ घरेलू सीरीज में 11 विकेट जरुर लिए लेकिन 46 की औसत से | वहीं दूसरी तरफ रशीद 37 वनडे मैच खेल चुके हैं, लेकिन टेस्ट मैच सिर्फ 5, जिसमें उन्होंने 15 विकेट लिए हैं | भारतीय बल्लेबाजों के सामने उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा | अगर इंग्लैंड को भारत को टक्कर देनी है तो उनके स्पिनरों को अश्विन और जडेजा की जोड़ी की तरह अच्छी गेंदबाजी करनी होगी | वहीं दूसरी तरफ भारत लेग स्पिनर अमित मिश्रा को भी अंतिम 11 में जगह दे सकता है, इससे भारतीय गेंदबाजी में विविधता आएगी | #4 एंडरसन की कमी ये एक ऐसा विभाग है जिसमें इंग्लैंड का पलड़ा भारत से भारी दिख रहा है | नई गेंद से जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड की जोड़ी को खेलना सबसे मुश्किल काम है | वहीं अगर बात भारत की बात करें तो केवल मोहम्मद शमी ही एकमात्र गेंदबाज नजर आते हैं, जो अपनी स्विंग से बल्लेबाजों को खूब परेशान कर रहे हैं, लेकिन दूसरे छोर से उन्हें अच्छा साथ नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि उमेश यादव के प्रदर्शन में निरंतरता नहीं हैं, और इंशात शर्मा इंजरी से उबर रहे हैं | हालांकि चोट की वजह से जेम्स एंडरसन पहला टेस्ट मैच नहीं खेल पाएंगे, ऐसे में उनके स्थान पर स्टीव फिन को टीम में जगह मिल सकती है | फिन ने बांग्लादेश के खिलाफ मात्र एक टेस्ट खेला था, जिसमें उन्हें कोई विकेट नहीं मिला था | हालांकि अपने लंबे कद के कारण उन्हें बाउंस तो अच्छा मिलता है, लेकिन एक ऐसी पिच जिसपर तेज गेंदबाजों के लिए कुछ भी ना हो और आउटफील्ड फास्ट हो उस पर वो क्या करते हैं, ये देखने वाली बात होगी | स्टोक्स पार्ट टाइम गेंदबाजी कर सकते हैं, लेकिन इससे उनकी बल्लेबाजी पर भी असर पड़ सकता है | वोक्स जिन्होंने बल्लेबाजी अच्छी की है, उनको भी फिन पर तरजीह दिया जा सकता है | कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि इंग्लैंड टीम में एंडरसन का कोई विकल्प नहीं है | 5. अश्विन-जडेजा की खतरनाक जोड़ी पिछले 2 सालों में अश्विन और जडेजा ने भारत में 7 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें से अश्विन ने 14.22 की औसत से 58 विकेट तो जडेजा ने 15.83 की औसत से 37 विकेट झटके हैं | पिछले 2-3 सालों में अश्विन ने कुल मिलाकर 18 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 113 विकेट लिए हैं |सबसे तेज 200 विकेट लेने या लगातार 5 विकेट लेने की बात की जाए तो अश्विन सर्वकालिक महान खिलाड़ियों की सूची में पहले ही जगह बना चुके हैं | वहीं लेग स्पिनर अमित मिश्रा ने पिछले 2 सालों में 7 टेस्ट मैचो में 20.64 की औसत से 28 विकेट लिए हैं, वो अश्विन-जडेजा के शानदार विकल्प के तौर पर उभरे हैं | जब टीम को जरुरत पड़ी तो अश्विन और मिश्रा ने श्रीलंका में श्रीलंका के खिलाफ मिलकर धारदार गेंदबाजी की | अश्विन ने जहां 18.0 की औसत से 21 विकेट तो मिश्रा ने 23.60 की औसत से 15 विकेट चटकाए | हाल ही में न्यूजीलैंड के खिलाफ हुए टेस्ट सीरीज में अश्विन ने 17.77 की औसत से 27 विकेट तो जडेजा ने 24.07 की औसत से 14 विकेट लेकर दिखा दिया कि इस वक्त वो अपने चरम पर हैं | इन दोनों की जोड़ी अनुभवहीन इंग्लिश बल्लेबाजों के लिए बहुत ही खतरनाक साबित हो सकती है, क्योंकि इस इंग्लैंड टीम में 2012 जैसे ज्यादा अनुभवी बल्लेबाज नहीं हैं |