भारत बनाम इंग्लैंड 2016: 5 सकारात्मक बातें जो भारत को बीती टेस्ट सीरीज से मिली

भारत और इंग्लैंड के बीच हाल ही 5 मैचों की टेस्ट सीरिज सम्पन्न हो गयी है। इस सीरीज से भारत को बहुत कुछ हासिल हुई। इस सीरिज जीत ने भारत के लगातार इंग्लैंड से 3 सीरिज हार के सिलसिले को खत्म किया। भारत ने इस सीरिज को 4-0 से जीतकर इंग्लैंड को बुरी तरह हराया। सीरिज की शुरुआत राजकोट से ड्रा मैच से शुरू होकर चेन्नई में भारत की बड़ी जीत से खत्म हुई। इस सीरीज में भारत ने तकरीबन हर मैच में खूब रन बनाये, जो एक अच्छा संकेत मिला है:

Ad

निचला क्रम मजबूती के साथ उभरा

स्पिन जोड़ी आश्विन और रविन्द्र ने भारतीय निचले क्रम को मजबूती प्रदान की है। इससे अच्छा प्रदर्शन शायद ही इससे पहले कभी निचले क्रम में देखने को मिला है। जयंत यादव ने भी शतकीय पारी खेलकर अपनी उपयोगिता सिद्ध की है। अमित मिश्र जो राजकोट की पिच पर संघर्ष करते नजर आये थे। उनकी जगह पर जयंत ने कमाल का प्रदर्शन किया। वहीं ऑफस्पिनरों ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया। मुंबई टेस्ट में जयंत ने खुद को साबित किया और जोए रूट का विकेट लिया। साथ ही अपना पहला शतक ठोंका। टीम में स्थान पाने के लिए बढ़ी होड़ जब घरेलू सीजन की शुरुआत हुई, तो रोहित शर्मा ही मध्यक्रम के रिजर्व बल्लेबाज़ के तौर पर टीम में थे। लेकिन उनके चोटिल के होने के बाद टीम में करुण नायर ने जगह बनाई और आखिरी टेस्ट में तिहरा शतक ठोंककर इस बल्लेबाज़ी स्थान के लिए बड़ी चुनौती पेश की। 25 साल के इस दायें के हाथ के बल्लेबाज़ ने अजिंक्य रहाने की जगह टीम की अंतिम एकादश में जगह बनाई। जो चौथे टेस्ट से पहले चोटिल हो गये थे। इस मिले मौके को भुनाते हुए करुण ने 381 गेंद पर 303 रन बनाये। फरवरी में भारत को बांग्लादेश के खिलाफ एक टेस्ट खेलना है। उसके बाद 4 टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने ऑस्ट्रेलिया भारत आयेगी। तेज गेंदबाज़ी में दिखा दम सीरिज के अंत में इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने कहा कि इस सीरिज में भारतीय तेज गेंदबाजों का प्रदर्शन वास्तव में उम्दा रहा है। क्योंकि एलिस्टर कुक की टीम ने कभी भारतीय तेज गेंदबाजों के सामने कोई समस्या नहीं खड़ी की। सिर्फ तीन मैच खेलने वाले मोहम्मद शमी ने इंग्लैंड के किसी भी तेज गेंदबाज़ से सबसे ज्यादा विकेट अपने नाम किये हैं। इसके अलावा उमेश यादव, इशांत शर्मा और भुवनेश्वर कुमार ने अपनी भूमिका अदा की। तेज गेंदबाजों का प्रदर्शन ये प्रदर्शन कप्तान कोहली को विदेशी धरती पर काफी काम आयेगा। कोहली कप्तानी के मुकाम पर साल 2008 में अंडर-19 वर्ल्डकप जीतने वाली टीम के कप्तान रहे विराट कोहली ने जब से टेस्ट टीम की कमान संभाली है। तब से टीम लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रही है। साथ ही कोहली ने भी लगातार दो सीरिज में दोहरा शतक बनाया है। कोहली ने इसी सीरीज में 655 रन बनाये हैं। जिसमें उन्होंने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ स्कोर 235 भी बनाया है। उनका टेस्ट औसत 50 से ऊपर चल रहा है। जो किसी भी बल्लेबाज़ के लिए सबसे अच्छा संकेत माना जा सकता है। टर्निंग ट्रैक की जरूरत हुई कम श्रीलंका और वेस्टइंडीज में टेस्ट सीरिज जीतने के बाद घर में दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों के साथ अपने घर में स्पिन विकेटों पर भारत ने सीरिज जीती है। जिसमें न्यूज़ीलैंड को 3-0 और इंग्लैंड को 4-0 से हराने में टीम इंडिया कामयाब रही है। लेकिन आखिरी सीरीज में यानी इंग्लैंड के साथ हुए मैचों की पिच से उतनी स्पिनरों को मदद नहीं मिल रही थी। साथ ही इंग्लैंड ने सभी मुकाबलों में टॉस भी जीता। इसके अलावा उन्होंने तकरीबन सभी मैचों में 400 से ज्यादा रन भी बनाये। इसके बावजूद वह अंत में मैच हार गये। ऐसे में हार का दोष पिच को नहीं दिया जा सकता है।

Edited by Staff Editor
Sportskeeda logo
Close menu
Cricket
Cricket
WWE
WWE
Free Fire
Free Fire
Kabaddi
Kabaddi
Other Sports
Other Sports
bell-icon Manage notifications