भारत और इंग्लैंड के बीच सीरिज का पहला राजकोट में ड्रा हो गया था। जिसके बाद भारतीय टीम पर दबाव आ गया था। लेकिन इस दबाव से बाहर निकलते हुए कोहली एंड कंपनी ने वाईजैग और मोहाली में जीत हासिल करके तकरीबन सीरिज का रुख खोल दिया है। भारतीय टीम के स्पिनरों ने इस जीत में गेंद और बल्ले से शानदार खेल दिखाया। मोहाली में भारत ने इंग्लैंड को 8 विकेट से हराकर सीरिज में 2-0 की बढ़त हासिल कर ली है। पंजाब के पीसीए स्टेडियम में हुए इस मुकाबले में ये 5 बातें चर्चा का विषय बनीं, एक नजर:
टॉस जीतने से आप मैच नहीं जीत सकते
भारतीय उपमहाद्वीप में टॉस की भूमिका काफी अहम होती है। हालांकि टॉस आपकी जीत की गारंटी नहीं बन सकता है। ये बात मोहाली टेस्ट में बखूबी साबित हुई। इंग्लैंड इस टॉस का जरुरी फायदा उठाने में नाकामयाब रहा। टॉस जीतने के बाद इस ताजे विकेट पर इंग्लैंड को बड़ा स्कोर करना जरुरी था। जो वह करने में असफल रहे। इधर एक और दिलचस्प बात सामने आई कि पाकिस्तान और कीवी टीम के बीच हैमिल्टन में हुए टेस्ट में टॉस जीतने वाली टीम हार गयी। कोहली और स्टोक्स ने मुकाबले में लगाया तड़का इस मुकाबले में विराट कोहली और बेन स्टोक्स ने तड़का लगाने का काम किया। भारतीय कप्तान ने इस स्लेजिंग की शुरुआत की। दिल्ली के बल्लेबाज़ कोहली की कलाई पर डरहम के इस आलराउंडर ने तकरीबन चाटा जड़ दिया था। जिसकी वजह से आईसीसी ने स्टोक्स को कोड ऑफ़ कंडक्ट को तोड़ने पर कार्यवाही की। स्टोक्स की गेंद पर जब विराट आउट हुए तो स्टोक्स ने मुंह पर हाथ रखकर उन्हें चिढ़ाया। मामला यहीं शांत नहीं हुआ। जब स्टोक्स आउट हुए तो कोहली ने उन्हें होंठ पर ऊँगली रखकर चिढ़ाया। इंग्लैंड जडेजा की तलवारबाजी के सामने पस्त(पार्ट-2) याद करिये साल 2014 का लॉर्ड्स टेस्ट, जब जडेजा ने कठिन वक्त में इंग्लैंड के गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाते हुए बेहतरीन अर्धशतकीय पारी खेली थी। तब जडेजा ने बल्ले को तलवारबाज़ी के अंदाजा में लहराया था। इस बार जगह मोहाली थी और जडेजा ने लम्बे समय बाद अर्धशतक बनाया था। वह जब बल्लेबाज़ी करने उतरे थे तो भारत 79 रन से पिछड़ रहा था। लेकिन जडेजा ने अपने करियर की सबसे बेहतरीन पारी खेली। इस बार भी उन्होंने तलवारबाजी के अंदाज में अपना बल्ला लहराकर ख़ुशी जाहिर की। दर्द से निकले हसीब हमीद उमेश यादव की एक गेंद लगने से हसीब हमीद चोटिल हो गये थे। लेकिन हसीब हमीद ने दर्द के साथ बेहतर खेल दिखाया। उन्होंने जिस तरह से जमकर बल्लेबाज़ी की उस पर मजाक में उन्हें लोगों ने “बेबी बायकाट” तक कह दिया। 19 वर्षीय बल्लेबाज़ ने मेडिकल रिपोर्ट आने का इंतजार किया, जिसकी वजह से वह सलामी बल्लेबाज़ी करने नहीं गये। लेकिन जब टीम को उनकी जरूरत पड़ी तो वह मैदान पर गये और आउट ही नहीं हुए। 156 गेंदों में हमीद ने 59 रन बनाये। शमी ने दिखाया दम तो जयंत में दिखी आशा की किरण साल 2011 में जब भारतीय टीम इंग्लैंड दौरे पर थी तो सर इयान बाथम ने भारतीय गेंदबाज़ी आक्रमण को टेलीट्युबिस बताया था। लेकिन साल 2016 मोहाली में इंग्लैंड की दूसरी पारी में मोहम्मद शमी ने इयान बाथम को भारतीय तेज गेंदबाज़ी बिलकुल अलग ही अनुभव कराया। शमी अपना आदर्श मैल्कम मार्शल को मानते हैं। शमी की स्लिपरी तेज गेंदें उमेश यादव से बेहतर साबित होती हैं। भारतीय उपमहाद्वीप में लोग ज्यादतर स्पिनरों पर भरोसा की निगाहों से देखते हैं। लेकिन बीती कुछ सीरिज में मोहम्मद शमी ने जिस तरह से गेंदबाज़ी की है। उससे आने वाले विदेशी दौरों के लिए उनसे उम्मींदे बड़ी हैं।