राजकोट में पहला टेस्ट मैच शुरु होने से पहले इंग्लैंड के खिलाड़ियों के कंधे झुके हुए थे, क्योंकि वो बांग्लादेश जैसी टीम से टेस्ट मैच हार कर आए थे | लेकिन जब भारत के साथ उनका मुकाबला शुरू हुआ तो उन्होंने अपने प्रदर्शन से आलोचकों को करारा जवाब दिया | इंग्लिश टीम ने राजकोट की बैटिंग पिच का पूरा फायदा उठाया और भारत को उसके घरेलू दर्शकों के सामने ही दबाव में ला दिया | इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने खुलकर बल्लेबाजी की और उनके स्पिनर भी भारतीय स्पिनरों से ज्यादा असरदार रहे | हालांकि भारत ने किसी तरह मैच तो ड्रॉ करा लिया, लेकिन इससे पता चल गया कि ये सीरीज भारत के लिए उतनी आसान नहीं रहने वाली है, जितना की कहा जा रहा था | लेकिन टीम इंडिया का पूरा फोकस अब विशाखापट्टनम में होने वाले दूसरे मैच पर है | तो आइए आपको बताते हैं 5 ऐसी अहम चीजों के बारे में जिस पर अमल कर भारतीय टीम दूसरा टेस्ट जीत सकती है |
5.स्पिनरों के लिए मददगार पिच की उम्मीद-
अगर हम पहले मैच को देखें तो पता चलता है कि इंग्लैंड पर दबाव बनाने के लिए भारत को रन ज्यादा बनाने होंगे | क्योंकि दिन बीतने के साथ इंग्लैंड ने अपना धैर्य खोया और गुच्छों में विकेट गंवाए, भले ही उनकी बल्लेबाजी में गहराई हो | वहीं राजकोट में जरुरत से ज्यादा बैटिंग लायक पिच बना दी गई, जिसका इंग्लिश बल्लेबाजों ने खूब फायदा उठाया | लेकिन विशाखापट्टनम में भारतीय टीम स्पिन फ्रैंडली पिच चाहेगी, ताकि वो इंग्लैंड की बल्लेबाजी लाइन अप को मुश्किल में डाल सके | क्योंकि इंग्लैंड के ज्यादातर बल्लेबाजों को इन परिस्थितियों में खेलने का अनुभव नहीं है | हालांकि स्पिन फ्रैंडली पिच होने पर इंग्लैंड के स्पिनर भी इसका फायदा उठा सकते हैं, लेकिन कोहली यही चाहेंगी कि विशाखापट्टनम की पिच स्पिनरों के लिए मददगार हो | क्योंकि भारत के पास शानदार स्पिनर हैं | अगर न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए 5वें वनडे की तरह यहां पिच मिली तो मैच में कुछ धमाकेदार हो सकता है | 4. टीम कॉम्बिनेशन पर दोबारा सोंचने की जरुरत-
राजकोट टेस्ट में टीम मैनेजमेंट ने 5 नियमित गेंदबाजों की जरुरत समझी, इसलिए उन्होंने अश्विन और जाडेजा के साथ अमित मिश्रा को भी टीम में शामिल किया | टॉस जीतने के बाद इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए बड़ा स्कोर खड़ा किया, जिसके दबाव में भारतीय टीम आई तो जरुर लेकिन उस दबाव से निकलते हुए माकूल जवाब दिया | लेकिन अगर विशाखापट्टनम की पिच स्पिन फ्रैंडली होती है तो फिर भारत को उमेश यादव की जगह हार्दिक पांड्या को अंतिम 11 में जगह देना चाहिए | क्योंकि पांड्या नई गेंद के साथ अच्छी गेंदबाजी भी कर सकते हैं और निचले क्रम में उपयोगी रन भी बना सकते हैं | वहींं सलामी बल्लेबाज के एल राहुल भी पास के ही शहर विजायनगरम में फिटनेस टेस्ट दे रहे हैं, ऐसे में गौतम गंभीर की जगह उनको टीम में शामिल किया जा सकता है | 3. कुक के साथ ओपनिंग साझेदारी को जल्द तोड़ा जाए- 2012 में लॉर्ड्स में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच के बाद इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज एंड्र्यू स्ट्रॉस ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया | तब से इंग्लैंड की टीम एलिस्टेयर कुक के साथ ओपनिंग के लिए एक अच्छे नियमित ओपनर की तलाश कर रही है | इसलिए उन्होंने राजकोट टेस्ट में 19 साल के हसीब हमीद को टेस्ट में पदार्पण का मौका दिया और उनसे ओपनिंग करवाई | हमीद ने चयनकर्ताओं के फैसले पर खरा उतरते हुए शानदार बल्लेबाजी की | इसे संयोग भी कहा जा सकता है कि उनका परिवार मूल रूप से राजकोट का ही रहने वाला है | हालांकि उमेश यादव ने छठे ओवर में मौका बनाया, लेकिन मुरली विजय ने स्लिप में उस मौके को गंवा दिया | भारत को इस बात को ध्यान में रखना होगा कि इंग्लैंड की बल्लेबाजी में काफी गहराई है, इसलिए उन्हें हमीद को जल्द से जल्द पवेलियन भेजना होगा, ताकि कोई लंबी साझेदारी ना पनपने पाए | पहला विकेट जल्दी गिरने से कुक दबाव में आ जाएंगे जिससे मिडिल ऑर्डर भी दबाव में आ सकता है | 2. मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाजों को लेना होगी जिम्मेदारी-
319 रनों पर 4 विकेट खोने के बावजूद भारत पहले टेस्ट में इंग्लैंड पर बढ़त बना सकता था | लेकिन ऐसा नहीं हुआ कप्तान विराट कोहली ने जहां हिट विकेट आउट हो गए तो अंजिक्य रहाणे एक अजीबोगरीब शॉट खेलकर चलते बने |लेकिन रविचंद्रन अश्विन ने विकेटकीपर बल्लेबाज रिद्धिमान साहा के साथ मिलकर एक बार फिर अहम साझेदारी की | हालांकि कोहली ने दूसरी पारी में मैच के आखिरी दिन पूरी जिम्मेदारी के साथ बल्लेबाजी की, लेकिन अंजिक्य रहाणे का फ्लॉप शो जारी रहा | भारत के सलामी बल्लेबाज अच्छी टीम को शुरूआत दे रहे हैं, और आखिर के बल्लेबाज भी बढ़िया बल्लेबाजी कर टीम की बल्लेबाजी में और गहराई ला रहे हैं, ऐसे में जरुरत है तो बस मिडिल ऑर्ड के बल्लेबाजों को जिम्मेदारी से खेलने की | खासकर नंबर 4 और 5 के बल्लेबाज को अच्छी बल्लेबाजी करनी होगी | अश्विन को लय में आना होगा-
राजकोट टेस्ट में अश्विन पूरी तरह फ्लॉप रहे | उन्होंने राजकोट टेस्ट की पहली पारी में 46 ओवर गेंदबाजी की और 167 रन देकर मात्र दो विकेट लिए | इसके बाद भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने कहा कि भारत अश्विन पर कुछ ज्यादा ही निर्भर है | आंकड़े बताते हैं कि पिछली 4 सीरीज जो भारत ने जीते हैं, उसमें हर एक सीरीज में अश्विन मैन ऑफ द् सीरीज रहे हैं | लेकिन सच तो यही है कि राजकोट की पिच पर स्पिनरों के लिए कुछ भी नहीं था | लेकिन फिर भी अश्विन लगातार गेंदबाजी करते रहे और दोनों ही पारियों में उनकी गेंदबाजी से वो धार गायब थी, जिसके लिए वो जाने जाते हैं | उनका ड्रिफ्ट और लूप जो बहुत से बल्लेबाजों को परेशान करता है, बिल्कुल भी नहीं दिखा | नतीजा ये हुआ कि इंग्लैंड के बल्लेबाज बिना कोई खतरा लिए उनको आसानी से खेलते रहे | इसलिए अगर विशाखापट्टनम की पिच स्पिनरों के लिए मददगार होती है तो उन्हें दोबारा पहले मैच जैसी गलती नहीं दोहरानी चाहिए | अगर अश्विन लय में आते हैं तो निश्चित ही वो इंग्लैंड के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं और भारत को मैच जिता सकते हैं |