चेन्नई टेस्ट मैच ड्रॉ की ओर जा रहा था लेकिन रविन्द्र जडेजा की फिरकी की फांस में अंग्रेज बल्लेबाज ऐसे फंसे कि सीधे पवेलियन जाकर ही आराम मिला होगा। जडेजा ने सिर्फ 7 इंग्लिश बल्लेबाजों के विकेट चटकाए बल्कि जॉनी बैर्स्टो का शानदार कैच भी लपका। भारत ने चेपॉक में आखिरी दिन ये टेस्ट मैच में पारी और 75 रन से जीता। चेन्नई टेस्ट में जडेजा के बल्लेबाजी करने आने से पहले ही करूण नायर और लोकेश राहुल ने मिलकर टीम को इतनी लीड दिला दी थी कि भारत आसानी से इस मैच में जीत दर्ज कर सकता था। लेकिन कोहली ने पारी घोषित करने में काफी समय लिया जिसके चलते ये मैच ड्रॉ की ओर भी जा सकता था क्योंकि इंग्लैंड को इस मैच को ड्रॉ कराने के लिए सिरफ 95 ओवर तक विकेट पर डटे रहना था। हालांकि जडेजा ने ऐसा होने नहीं दिया। जडेजा की स्पिन के आगे इंग्लिश बल्लेबाज संघर्ष करते नजर आए जबकि ये वही पिच थी जहां इंग्लैंड ने पहली पारी में अच्छा प्रदर्शन करते हुए 477 रन बनाए थे। हालांकि चेपॉक की पिच पर भी इंग्लैंड के बल्लेबाज स्पिन के आगे टिक नहीं पाए बावजूद इसके वो इस सीरीज से कुछ अच्छी चीजें भी ले जा रहे हैं। 4-0 से सीरीज गंवाने के बाद भी इस सीरीज में इंग्लैंड के लिए कुछ सकाराक्मक बातें भी रही। खासकर उनके बल्लेबाज जो रूट और जॉनी बैरिस्टो का प्रदर्शन अच्छा रहा। इसके अलावा उनके युवा ओपनर्स ने भी अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया। लेकिन इस सीरीज हार में सबसे बड़ी भूमिका रही इंग्लैंड के गेंदबाजों की जिनके खराब प्रदर्शन का खामियाजा टीम को सीरीज गंवाकर चुकानी पड़ी। आइए नजर डालते हैं चेन्नई में हुई आखिरी टेस्ट की कुछ अहम बातों पर: #5 इंग्लैंड के सबसे मेहनती खिलाड़ी, मोइन अली मोइन अली इंग्लैंड के ऐसे खिलाड़ी बनते जा रहे हैं जो किसी भी हालात में इंग्लैंड के लिए सबसे उपयोगी साबित होते हैं। अगर इंग्लैंड को ब्रेक थ्रू की जरूरत होती है तो मोइन अली टीम को अहम ब्रेक थ्रू दिलाते हैं। अली नंबर 4 पर बेन डकेट की कमी भी पूरी करते हैं। अगर इंग्लैंड को कुक के साथ ओपनिंग पार्टनर की जरूरत है तो मोइन अली का इस्तेमाल ओपनिंग में क्यों नहीं करते हैं। इस उपयोगी खिलाड़ी का इस्तेमाल इंग्लैंड की टीम हर जगह करती है। मोइन अली ने अपने करियर में 1 से लेकर नंबर 9 तक बल्लेबाजी की है। सईद अजमल से दूसरा सीखने के बाद अली ने उसे टेस्ट में इस्तेमाल भी किया लेकिन अली उसका ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया क्योंकि उन्हें संदिग्ध एक्शन का डर था। लेकिन क्या अली को इसकी जरूरत है ? वो एक स्पिनर के तौर पर इंग्लैंड की पहली पसंद हैं जो बल्लेबाजी भी कर सकता है। भारत के खिलाफ पहली पारी में मोइन अली ने 41 ओवर गेंदबाजी की। इसके बल्लेबाजी में अली ने 97 गेंदों का सामना करते हुए 44 रन बनाए, जो मैच बचाने के लिए संघर्ष कर रही इंग्लैंड की टीम के लिहाज से बेहद अहम था। अपनी मेहनत के दमपर अली कुक के लिए ऐसे खिलाड़ी बन चुके हैं जिन्हें वो कहीं भी किसी भी हालात में इस्तेमाल कर सकते हैं। #4 बैर्स्टो को पछाड़कर जो रूट 2016 में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बने 2016 में टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने की लड़ाई में जो रूट और जॉनी बैर्स्टो के बीच मुकाबला कांटे की टक्कर का था। नंबर 5 पर जॉनी बैर्स्टो इंग्लैंड के लिए बेहद कंसीसटेंट रहे हैं। उन्होंने इस साल कई अच्छी पारियां खेलीं हैं। रूट दूसरी पारी में सिर्फ 6 ही रन बना पाए उन्हें रविन्द्र जडेजा ने एल्बीडब्लयू आउट किया। हांलाकि बैर्स्टो रूट से आगे नहीं निकल पाए। उन्हें इशांत शर्मा ने जडेजा के हाथों कैच आउट करवाया। बैर्स्टो ने सिर्फ 1 रन बनाया। इसका मतलब ये है कि एक कैलेंडर ईयर में माइकल वॉन का 1481 रन का रिकॉर्ड वैसे ही बरकरार रहा। रूट ने इस साल टेस्ट क्रिकेट में 49.23 की औसत से 1477 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 3 शतक और 10 अर्धशतक भी जड़े। रूट माइकल वॉन के 1481 रन से 4 रन पीछे रह गए। जबकि बैर्स्टो ने 3 शतक और 8 अर्धशतकों की मदद से 1470 रन बनाए। #3 लोकेश राहुल ने अपने प्रदर्शन के दमपर गंभीर और धवन को टेस्ट टीम से बाहर रखा लोकेश राहुल के फॉर्म में होने का मतलब है गौतम गंभीर और शिखर धवन तब तक टीम से बाहर होंगे जबतक लोकेश राहुल या मुरली विजय में से कोई चोटिल ना हो। हालांकि पार्थिव पटेल ने भी बैकअप ओपनर के तौर पर कुछ अच्छी पारियां जरूर खेली हैं लेकिन ओपनर के तौर पर पार्थिव के टीम में बने रहने के बहुत कम चांस है। कप्तान कोहली इस ओर भी इशारा कर चुके हैं कि ऋिद्धिमान साहा की वापसी पर पार्थिव पटेल रिजर्व बल्लेबाज होंगे। जब चेतेश्वर पुजारा और पार्थिव पटेल काम कर सकते हैं तो रिजर्व ओपनर रखने की उम्मीद बेहद कम हो जाती है। खासकर करूण नायर के तिहरे शतक के बाद मिडिल ऑर्डर में बहुत सारे विकल्प मिल गए हैं। अगर विजय और राहुल चोटिल होते हैं तो इसका मतलब होगा कि पुजारा और पटेल ओपनिंग करेंगे और रिजर्व मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज को टीम में शामिल किया जाएगा। के एर राहुल की 199 रन की पारी का मतलब है कि अब धवन और गंभीर को कुछ समय तक रणजी क्रिकेट में ही दम दिखाना होगा। #2 करूण नायर ने सलेक्टर्स का काम किया मुश्किल अपनी इस पारी से पहले करूण नायर रन बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे और हो सकता है कि अगर चोटिल रहाणे ठीक होकर टीम में वापसी कर लेते तो, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के लिए उन्हें टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता। लेकिन नायर की शानदार ट्रिपल सेंचुरी की बदौलत अब उन्हें 15 खिलाड़ियों में नहीं बल्कि प्लेइंग इलेवन में शामिल करने के लिए टीम मैनजमेंट को माथापच्ची करनी होगी। अगर रहाणे चोट के बाद टीम में वापसी करते हैं तो भारतीय टीम में रहाणे और नायर दोनों के लिए जगह बनाने में मुश्किल का सामना करना पड़ेगा। टेस्ट क्रिकेट में कोहली 5 गेंदबाजों के साथ उतरते हैं ऐसे में बल्लेबाजों के लिए ज्यादा जगह बचती नहीं है। कोहली को उनकी रणनीति के लिए गलत भी नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि आर अश्विन, रविन्द्र जडेजा और जयंत यादव इन तीनों गेंदबाजों ने बल्ले से भी अच्छे हाथ दिखा हैं। अब जब सलेक्टर्स ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम चुनने बैठेंगे तो ये उनके लिए बेहद मुश्किल होने वाला है। 303 रन की नाबाद पारी के बाद वो नायर को टीम से बाहर नहीं रख सकते और ना ही वो टीम इंडिया के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज रहाणे को टीम से बाहर रख सकते हैं ऐसे में अब असली परीक्षा तो चयनकर्ताओं की होने वाली है। #1 आप जडेजा को गेम से बाहर रख ही नहीं सकते चाहे बल्ले से हो या गेंद से या फिर फील्डिंग आप रविन्द्र जडेजा को किसी भी चीज से बाहर नहीं रख सकते। राजकोट का ये खिलाड़ी चेपॉक में छा गया। इंग्लैंड की दूसरी पारी के दौरान जब टीम इंडिया विकेट की तलाश में थी तब रविन्द्र जडेजा ने ही टीम इंडिया की नैया पार लगाई। एलिस्टेयर कुक और कीटन जेनिंग्स टिककर बल्लेबाजी करते हुए मैच को ड्रॉ की ओर ले जा रहे थे तभी जडेजा ने बड़ा ब्रेक थ्रू दिलाते हुए कुक को लेग स्लिप में के एल राहुल के हाथों कैच करवाया। अगले ही ओवर में जडेजा ने फ्लाइटेड गेंद की और जेनिंग्स को कॉट और बोल्ड किया। इसके बाद जडेजा ने इंग्लैंड के सबसे बेस्ट बल्लेबाज जो रूट को एल्बीडबल्यू आउट किया। जडेजा ने कोहली को रिव्यू लेने के लिए मनाया और उनका ये फैसला सही साबित हुआ। जडेजा यहीं नहीं रूके इसके बाद ईशांत ने भागकर जबरदस्त कैच लपकते हुए जॉनी बैर्स्टो को पवेलियन लौटाया और जडेजा के खाते में एक और विकेट जोड़ दिया। इसके बाद जडेजा ने मोइन अली और बेन स्टोक्स का विकेट लेकर टीम इंडिया को ड्राइविंग सीट पर ला दिया। आखिर में जडेजा ने स्टुअर्ट ब्रॉड और जेक बाल का विकेट लेकर 7 विकेट चटकाए और टीम इंडिया को जीत दिलाकर ही दम लिया। इतना ही नहीं जडेजा ने पहली पारी में भी जो रूट को चलता किया था। जबकि इस सीरीज में उन्होंने कुक को 6 बार आउट किया था। बावजूद इसके इस सीरीज में आर अश्विन और जयंत यादव ज्यादा लाइम लाइट में रहे। जबकि जडेजा चुपचाप टीम के लिए अपना अहम योगदान देते रहे।