इंग्लैंड ने भारत दौरे की शुरुआत एक शानदार ड्रॉ के साथ की। इसके बाद राजकोट की पिच को लेकर काफी सवाल खड़े हुए थे, क्योंकि इसमें भारतीय स्पिनरों के लिए कुछ खास नहीं था। बांग्लादेश दौरे पर संघर्ष करने वाले इंग्लिश बल्लेबाजों ने अनोखे ढंग से वापसी करते हुए भारतीय स्पिनरों को जमकर खेला। अश्विन द्वारा इस मैच में गेंद से अच्छा प्रदर्शन न कर पाने के बावजूद इंग्लैंड के बल्लेबाज बेन डकेट को उनकी गेंदें खेलने में परेशानी हुई। पहले टेस्ट में अश्विन ने डकेट की तकनीक की परीक्षा लेते हुए पहली स्लिप में अजिंक्य रहाणे के हाथों कैच कराया। यह प्रवृति विशाखापट्टनम टेस्ट में भी जारी रही जहां पिच स्पिनरों के लिए कहीं अधिक बेहतर रही। जब डकेट चार नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आए तब अश्विन गेंदबाजी पर थे। जिस तरह डकेट आउट हुए वो इंग्लैंड के लिए चिंताजनक बात है। इस दौरान डकेट की तकनीक बिल्कुल निम्न दर्जे की नजर आई। उनकी तकनीक में सुधार की जरूरत है। अश्विन गेंद को स्पिन कराने के लिए अपने शरीर का अच्छा इस्तमाल करते हैं। गेंद छोड़ने के बाद वो मिडल और लेग स्टम्प पर जाकर खत्म होती है। यही कार्य उन्होंने युवा बल्लेबाज बेन डकेट के सामने किया, डकेट गेंद की पिच तक पहुँचने से पहले अपना दांया पांव हटाकर खेल रहे थे और अश्विन की गेंद उनकी ऑफ और मिडल स्टम्प की गिल्लियां ले उड़ी। अगर हम राजकोट में हुए पहले टेस्ट मैच की बात करें तो ठीक इसी प्रकार डकेट ने उस गेंद को खेलने का प्रयास भी किया, और वे पहली स्लिप में कैच आउट हो गए। उनकी यही स्थिति बांग्लादेश के युवा स्पिनर मेहदी हसन मिराज के खिलाफ रही। यह तकनीक बहुत खतरनाक साबित होने वाली है। डकेट को गेंद की पिच तक पहुँचकर गेंद की लाइन में खेलने की जरूरत है। अगर वे गेंद की पिच से थोड़ा दूर हैं और गेंद घूमती है तो वे बीट होंगें। डकेट की समस्या के लिए इंग्लैंड टीम प्रबंधन और कोच को भी काम करने की जरूरत है।