भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज का कार्यक्रम घोषित होने के बाद से ही चेन्नई में होने वाले टेस्ट मैच पर काले बादल मंडराने लगे। पांचवें टेस्ट मैच को मध्य दिसंबर में दक्षिण भारत के समुद्र तट पर बसे शहर चेन्नई में आयोजित करवाना तय किया गया। पिछले दो वर्षों से सर्दी के महीनों में चेन्नई में काफी मात्रा में बारिश होती है। खासकर 2015 में बारिश ने इस शहर को अपंग बना दिया था, इस दौरान भयंकर बाढ़ आई। इसके एक वर्ष बाद ही लोग बारिश से चिंतित हो उठे। 12 दिसंबर और अगले दो दिनों तक वहां वरदा नामक तूफान आने की चेतावनियाँ जारी की जाने लगी और कहा गया कि इससे यह शहर प्रभावित हो सकता है। निश्चित रूप से 12 दिसंबर को तूफान चेन्नई से टकराया और इस शहर की हालत बिगाड़ दी। 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं ने टेलीफोन, बिजली आदि बुनियादी सुविधाओं को तहस-नहस कर दिया। राहत की बात यह रही कि मैच से पहले तमिलनाडू क्रिकेट संघ के सचिव काशी विश्वनाथन मीडिया से मुखातिब हुए और एमए चिदम्बरम स्टेडियम की स्थिति के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि तूफान ने कहर बरपाया है। इस दौरान मैदान की साइट स्क्रीन टूटी, फ़्लड लाइट्स के बल्ब टूटे और स्टेडियम के कई हिस्सों में एयर कंडीशनर्स नष्ट हुए। 16 दिसंबर को मैच शुरू होना है, ऐसे में उन्होंने 2 दिनों में चीजें ठीक करने की जरूरत बताई। एक उम्मीद की किरण तब दिखी, जब उन्होंने कहा कि पिच और आउटफील्ड पर 'वरदा' का कोई असर नहीं हुआ है। चेन्नई में टेस्ट मैच का इंतजार कर रहे फैंस के लिए यह खबर एक संगीत की तरह कानों में गूंजी है। विश्वनाथन ने पीटीआई से बातचीत में कहा "यह सुनिश्चित करने वाली बात है कि पिच और आउटफील्ड पर चक्रवात का कोई असर नहीं हुआ है। साइट स्क्रीन, बल्बस और एयर कंडीशनर्स टूट गए हैं। सड़क से स्टेडियम तक सैंकड़ों पेड़ गिरे हुए हैं, हमारे सामने अगले दो दिन में स्थिति ठीक करने की चुनौती है। मुझे विश्वास है कि हम सब चीजें ठीक कर लेंगे।" इंग्लैंड की टीम चेन्नई में सीरीज के इस अंतिम टेस्ट मैच में जीत दर्ज कर साख बचाना चाहेगी, क्योंकि वो 3-0 से पहले ही यह सीरीज गंवा चुकी है।