बांग्लादेश सीरीज के बाद इंग्लैंड की मीडिया और पूर्व क्रिकेटरों ने भारत के खिलाफ भी एलिस्टर कुक की टीम के बल्लेबाजी क्रम को उसी तरह निराश करने वाला बताया था। इंग्लैंड के बल्लेबाजी क्रम ने इस बार अच्छी बल्लेबाजी का प्रदर्शन करते हुए बड़ा स्कोर खड़ा किया। घरेलू पिचों पर विपक्षी टीम के बल्लेबाजों को जल्दी ही गिराने की आदी भारतीय टीम को 159 ओवर से भी अधिक समय तक फील्ड पर रहना पड़ा। यह सब भारतीय टीम के फील्डरों द्वारा मैदान पर कई कैच टपकाने के कारण हुआ। लेकिन लेफ्ट आर्म स्पिनर रविन्द्र जडेजा इसे खेल का एक हिस्सा मानते हैं। दूसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद हुई प्रेस वार्ता में जडेजा ने माना कि कैच छूटना टेस्ट मैच के पांचों दिन चलता है। ऐसा भी होता है कि आपने जिस खिलाड़ी का कैच छोड़ा हो वो शतक भी बना दे। यह हमारे साथ भी हुआ और बेन स्टोक्स के कुछ मौके हमने गँवाए। इसलिए यह खेल का हिस्सा है जो सब टीमों के साथ घटित होता है। महत्वपूर्ण टॉस हारने के बाद भारत ने इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाजों को मजबूत शुरुआत करने से रोक दिया लेकिन उनके मध्यक्रम के तीन बल्लेबाजों जो रूट, मोइन अली और स्टोक्स ने इंग्लैंड का स्कोर 537 रनों तक पहुंचा दिया। हालांकि मेहमान टीम ने भी दूसरे दिन बिना किसी नुकसान के 63 रन बनाए। आगे सतह का बर्ताव बदलने पर उन्हे परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। सौराष्ट्र के लिए बहुत से मैच जीतने वाले जड़ेजा मानते हैं "खेल आगे बढ़ने के साथ पिच धीमी होती चली जाएगी। विकेट के दोनों तरफ बने पैरों के निशान से स्पिनरों को मदद मिलेगी। पिच के बीच के हिस्से को हम इसी प्रकार देखने की उम्मीद करते हैं।" जडेजा का कहना था "दूसरे दिन गेंद बल्ले पर अच्छी तरह आ रही थी लेकिन खेल आगे बढ्ने के साथ पिच धीमी होगी और तीसरे दिन का खेल हमारे लिए सकारात्मक क्रिकेट खेलने के लिए महत्वपूर्ण होगा।" जडेजा का राजकोट में घरेलू मैदान है जहां उन्होने पहली पारी में 30 ओवर में 86 रन देकर 3 विकेट झटके।