विराट कोहली ने चतुराई से डीआरएस का उपयोग कर मोइन अली को पवेलियन जाने पर मजबूर किया

भारत में निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) पहली बार लागू हुआ है और भारतीय खिलाड़ी इसकी तह तक जाकर इसका उपयोग कर रहे हैं। इसका उपयोग करने पर भारतीय टीम को भरपूर मदद मिली है तथा तीन अवसरों पर यह टीम इंडिया के लिए बचाव कार्य करने वाला सिस्टम साबित हुआ है। ताजा मामला अभी विशाखापट्टनम टेस्ट मैच में इंग्लैंड की पारी का है। इसमें बल्लेबाज मोइन अली को जयंत यादव की एक ऑफ स्पिन गेंद पर LBW की अपील पर नॉट आउट करार दिया गया था। गेंद मोइन के पैड से टकराने के बाद बैट से टकराई, इसके बाद मैदानी अंपायर कुमार धर्मसेना ने उन्हें नॉट आउट करार दिया। जयंत यादव के मन में कोई शंका नहीं थी कि यह गेंद लेग स्टम्प से टकरा रही थी, उन्होंने कप्तान कोहली को रिव्यू लेने को कहा। इसके बाद भारतीय कप्तान विराट कोहली ने रिव्यू लिया। तीसरे अंपायर ने पाया कि गेंद सीधे विकेटों की लाइन में टप्पा खाकर लेग स्टंप को टकरा रही थी। यह एक महत्वपूर्ण विकेट था जिसमें रिव्यू ने अहम भूमिका निभाई क्योंकि ये वही मोइन अली हैं जो राजकोट टेस्ट मैच में मैन ऑफ-द-मैच का खिताब जीत चुके हैं। इस रिव्यू के बाद अंपायर कुमार धर्मसेना का एक और फैसला गलत साबित हो गया। गौरतलब है कि बांग्लादेश और इंग्लैंड के बीच खेली गई सीरीज में भी धर्मसेना का अंपायरिंग में प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था। इस आउट के बाद इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने कमेंट्री करते हुए कहा कि क्रिकेट इतिहास में कभी भी इस तरह आउट नहीं दिया जाएगा। आईसीसी के नियमानुसार एक बल्लेबाज को स्टम्प से 2.5 मीटर दूर होना चाहिए तथा गेंद के पिच होने एवं पैड पर लगने की दूरी 40 सेमी. होनी चाहिए। विशाखापट्टनम टेस्ट के दूसरे दिन अश्विन, जडेजा और पदार्पण करने वाले जयंत यादव इंग्लिश बल्लेबाजों से काफी सवाल पूछ रहे हैं। इसके अलावा इंग्लैंड के बल्लेबाजों पर स्कोर का भी दबाव बना हुआ है। इंग्लैंड की टीम भारतीय स्पिन तिकड़ी के सामने काफी परेशानी महसूस कर रही है।

Edited by Staff Editor
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