लम्बे और सफल घरेलू सत्र के बाद अब भारतीय टीम जनवरी से दक्षिण अफ्रीका का दौरा प्रारंभ कर रही है और वहां टीम इंडिया के ऊपर सबसे बड़ी जिम्मेदारी होगी दुनिया को बताना कि वह घर से बाहर भी मैच जीत सकती है। भारतीय टीम के ज्यादातर खिलाड़ी अभी फॉर्म में है इसी वजह से टीम के पास अच्छा मौका है कि मैच के साथ-साथ सीरीज पर भी कब्जा जमा लिया जाए। आज हम आपको यह बताने जा रहे हैं कि 5 जनवरी से केपटाउन में होने वाले पहले टेस्ट मैच में भारतीय टीम किन 11 खिलाड़ियों के साथ मैदान पर उतर सकती है: सलामी बल्लेबाज़ों की जोड़ी #1 मुरली विजय अगर सलामी जोड़ी को चुनने की बात कि जाए तो भारतीय टीम को ऐसी परेशानी है जिसे टीम हमेशा साथ रखना चाहेगी। जिस भी बल्लेबाज को सलामी बल्लेबाजी का मौका मिलता है वह उसे दोनों हाथों से भुना लेता है। तीनों सलामी बल्लेबाजों में मुरली विजय का दावा सबसे मजबूत है क्योंकि उन्हें विदेशी सरजमीं पर खेलने और रन बनाने का काफी अनुभव है। अन्य दोनों सलामी बल्लेबाजों से उनका रक्षात्मक खेल काफी बेहतर है और वह बाहर जाती गेंदों के अच्छी तरह छोड़ सकते हैं। दक्षिण अफ्रीका की टीम को आज भी याद होगा जब वह पिछली बार भारत के दौरे पर आये थे तो उन्हें नागपुर में धुल भरी पिच मिली थी और कोई शक नहीं कि इसके जवाब में वो भारतीय टीम का स्वागत हरी पिच के साथ करेंगे। भारतीय टीम में हरी पिचों पर विजय से बेहतर खेलने वाला कोई बल्लेबाज नहीं है, इसलिये पहले मैच में नई गेंद का समाना करने की जिम्मेदारी उन्हीं पर होगी। #2 केएल राहुल के एल राहुल पिछले कुछ समय से तीनों ही भारतीय सलामी बल्लेबाजों में सबसे निरन्तरता से रन बना रहे हैं और इस बात की पूरी सम्भावना है कि विजय के साथ नई गेंद खेलने की जिम्मेदारी उन्हें ही सौंपी जाएगी। हालांकि शिखर धवन ने पिछले कुछ मैचों में अच्छी बल्लेबाजी की है लेकिन उन्होंने ज्यादातर रन श्रीलंका के खिलाफ भारतीय उप-महाद्वीप की बेजान पिचों पर बनाये हैं। राहुल की तकनीक और कला ऐसी है कि वह विजय के साथ मिलकर हरी पिचों पर टीम को ठोस शुरुआत दे सकते हैं। इसलिये दूसरे सलामी बल्लेबाज के तौर पर उनका चयन तय लग रहा है। नंबर-3 और 4 #3 चेतेश्वर पुजारा यह सवाल पूछना भी बेवकूफी होगी कि तीसरे नंबर पर भारतीय टीम के लिए कौन बल्लेबाजी करेगा। चेतेश्वर पुजारा का मजबूत रक्षात्मक खेल, बाहर की गेंदें छोड़ने की कला और पिच पर लम्बा टिकने की काबिलियत उन्हें विदेशी सरजमीं पर काफी सफलता दिलाता है। वह घरेलू मैचों के शानदार फॉर्म को दक्षिण अफ्रीका दौरे पर भी बरकरार रखना चाहेंगे। #4 विराट कोहली सचिन तेंदुलकर के संन्यास लेने के बाद से ही कोहली ने इस क्रम को अपना बना लिया है। भारतीय कप्तान बनने के बाद कोहली इस बात को साबित करने के लिए व्याकुल हैं कि उनकी टीम विदेशों में भी जीत हासिल कर सकती है। वह अपने करियर के सबसे बेहतरीन दौर से गुजर रहे हैं और वह इस फॉर्म को आगे भी बरक़रार रखने की कोशिश करेंगे। उनके द्वारा शतक से नीचे खेली गयी कोई भी पारी अब लोगों को स्वीकार नहीं है और उनके लिए सबसे ज्यादा प्रेरित करने वाली बात यही है। मध्यक्रम #5 अजिंक्य रहाणे पिछले कुछ टेस्ट मैचों में उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे का फॉर्म काफी खराब रहा है लेकिन यह उन्हें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट से बाहर रखने के लिए काफी नहीं है। विदेशी सरजमीं पर वह भारत के सबसे सफल बल्लेबाज रहे हैं और उन्होंने बार-बार अपनी उपयोगिता सिद्ध की है। लॉर्ड्स के हरे पिच पर टेस्ट मैच के पहले दिन का उनका शतक काफी समय तक याद किया जायेगा। रहाणे बैकफुट पर बेहतरीन खेलने के साथ ही लम्बी पारी भी खेल सकते हैं, जो भारतीय टीम के लिए फायदेमंद होगा। #6 रोहित शर्मा भारतीय टीम को कम से कम पहले टेस्ट मैच में अतरिक्त बल्लेबाज के साथ उतरना पड़ेगा, इसलिए रोहित शर्मा टीम में रहेंगे। वह एकदिवसीय मैचों में सलामी बल्लेबाजी करते हैं और उनपर दूसरी नई गेंद को खेलने की जिम्मेदारी रहेगी। हालिया समय में रोहित का फॉर्म शानदार रहा है और उन्होंने पिछली 5 पारियों में हर बार 50 का आंकड़ा पार किया है। इसी वजह से वह दक्षिण अफ्रीका में भारतीय टीम के लिए महत्वपूर्ण पारियां खेल सकते हैं। निचला मध्यक्रम #7 रविचंद्रन अश्विन हालांकि, दक्षिण अफ्रीका की पिचों पर घुमाव नहीं होता लेकिन वहां की पिचों पर ठोस होने की वजह से उछाल मिलता है। जिसका फायदा लम्बे कद का गेंदबाज उठा सकता है। अश्विन चालाक गेंदबाज हैं और उन्होंने दक्षिण अफ्रिका के भारत दौरे पर बल्लेबाजों को खासा परेशान किया था। मेजबान टीम के बल्लेबाजी क्रम में 4 बाएं हाथ के बल्लेबाज है, ऐसे में अश्विन महत्वपूर्ण हो जाते हैं। वह नीचे आकर बल्लेबाजी में भी हाथ आजमा सकते हैं। #8 ऋद्धिमान साहा टेस्ट मैचों में ऋद्धिमान साहा देश के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर हैं और धोनी के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद से लगातार भारतीय टीम का हिस्सा भी हैं। उन्होंने अपनी बल्लेबाजी में काफी सुधार किया है और पिछले दो सालों में घरेलू मैदान पर कई महत्वपूर्ण पारियां भी खेली है। अब उनके ऊपर जिम्मेदारी रहेगी कि वह दक्षिण अफ्रीका की तेज पिचों पर भी बड़े स्कोर बनाये। अगर वो बल्ले से बेहतर करने में सफल रहते हैं तो उन्हें बल्लेबाजी क्रम में ऊपर भी खिलाया जा सकता है, इसलिए वह बल्ले और दस्तानों से बेहतर करने के लिए काफी व्याकुल होने। पेस बैट्री #9 भुवनेश्वर कुमार अपने करियर के शुरुआती दौर में भुवी गेंद को सिर्फ हवा में स्विंग कराते थे लेकिन पिछले कुछ समय में उन्होंने अपनी गति भी बढ़ा ली है। दक्षिण अफ्रीका की तेज गेंदबाजों की मददगार पिचों पर वह दुनिया के सबसे खतरनाक गेंदबाज साबित हो सकते हैं। 9वें क्रम पर आकर उनके द्वारा बनाये गये रन भी टीम के लिए काफी महत्वपूर्ण होंगे। #10 इशांत शर्मा इशांत शर्मा श्रीलंका के खिलाफ हुए टेस्ट सीरीज में आग उगलती गेंदबाजी कर रहे थे और वह ऐसा ही प्रदर्शन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दिखाते हैं तो भारतीय टीम के लिए इससे अच्छा कुछ नहीं हो सकता। वह अपनी लम्बाई का फायदा उठाकर पिच से अतरिक्त उछल हासिल कर सकते हैं जिससे बल्लेबाजों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। #11 मोहम्मद शमी मोहम्मद शमी भारत के नंबर एक सीम गेंदबाज हैं और वह पूरी तरह फिर रहते हैं तो वह टीम की पहली पसंद होंगे। ऑस्ट्रेलिया की पिचों पर उन्होंने 2015 विश्वकप के दौरान जबरदस्त गेंदबाजी का प्रदर्शन किया था इसलिए यह देखना रोचक होगा कि दक्षिण अफ्रीका की मददगार पिचों पर वह कैसी गेंदबाजी करते हैं। लेखक- श्रीराग श्री अनुवादक- ऋषिकेश सिंह