IND vs WI 2016 : पहले टेस्ट में भारतीय क्रिकेटरों की प्रदर्शन के आधार पर रेटिंग

पारंपरिक रूप से कम ही देखने को मिला है की उपमहाद्वीप के बाहर भारतीय कप्तान ने पांच विशेषज्ञ गेंदबाजों के साथ मैदान संभाला हो। हालांकि विराट कोहली ने दर्शाया कि उनका मकसद गेंदबाजी विभाग पर भरोसा करते हुए विरोधी टीम को ऑलआउट करना है। अपने फैसले को सही साबित करने की प्रक्रिया में सितारा बल्लेबाज ने बल्लेबाजों के लिए मददगार पिच पर आगे बढ़कर नेतृत्व किया। उन्हें ऑलराउंडर रविचंद्रन अश्विन का भी बखूबी साथ मिला जिसकी मदद से भारत ने पहली पारी में 566 रन का भीमकाय स्कोर बनाया। बल्लेबाजी के बाद भारतीय तेज गेंदबाजों ने अनिरंतर रहने की सोच से ऊपर उठते हुए वेस्टइंडीज के बल्लेबाजी क्रम को तहस-नहस कर दिया। मेजबान टीम को फॉलोऑन देने के बाद भारतीय स्पिनरों ने अपनी उपयोगिता साबित की। अश्विन ने दोहरा प्रदर्शन करते हुए भारत की एशिया के बाहर सबसे बड़ी जीत पर मुहर लगाई। चलिए नजदीक से देखें कि चार मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बनाने वाली भारतीय टीम के खिलाड़ियों को प्रदर्शन के आधार पर क्या रेटिंग मिली है। नोट : सभी रेटिंग 10 में से दी गई है रविचंद्रन अश्विन - 9.5 इस दौरे से पहले अश्विन पर उपमहाद्वीप से बाहर बेहतर प्रदर्शन नहीं करने को लेकर काफी सवाल उठे हैं। पहली पारी में उनकी गेंदबाजी से इस प्रश्न को अधिक बल मिलता दिखाई दिया। लेकिन ऑफ स्पिनर ने दूसरी पारी में सभी प्रश्नों के जवाब अपनी गेंदबाजी से दिए। उन्होंने वेस्टइंडीज की दूसरी पारी में 83 रन देकर 7 विकेट चटकाए जो कि कैरीबियाई जमीन पर किसी भी भारतीय गेंदबाज द्वारा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा। बल्लेबाजी में भी अश्विन ने कमाल दिखाते हुए तीसरा टेस्ट शतक जड़ा। उन्होंने टेस्ट ऑलराउंडर बनने की अपनी उपयोगिता का बेहतरीन नमूना पेश किया। विराट कोहली - 9.5 अपने लक्ष्य की और केंद्रित कोहली की आक्रामक शैली शुरुआत से ही देखने को मिली। लंबी पारी खेलने के लिए खुद पर जिम्मेदारी लेने वाले कप्तान कोहली ने अच्छे से इसे पूरा किया। दाएं हाथ के बल्लेबाज ने कमजोर गेंदों पर प्रहार किया और पहला दोहरा शतक जमाया, जिसने महान विव रिचर्ड्स को काफी प्रभावित किया। कोहली से पहले कोई भारतीय कप्तान भारत से बाहर दोहरा शतक नहीं जमा पाया था। मोहम्मद शमी -8 चोट के 18 महीने के बाद टेस्ट खेलना किसी भी तेज गेंदबाज के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है, लेकिन मोहम्मद शमी पर इसका कोई प्रभाव नजर नहीं आया और वह बहुत ही जल्दी अपनी लय हासिल करते हुए दिखे। तेज गेंदबाज ने जल्द ही अपनी लाइन और लेंथ हासिल की और फिर बाउंस का अच्छा प्रयोग किया। उन्होंने पहली पारी में वेस्टइंडीज का शीर्ष क्रम उखाड़ दिया जिससे भारत के लिए मैच बन गया। उमेश यादव - 7.5 अधिकांश देखने में आया है कि भारतीय टीम को विरोधी टीम के निचले क्रम ने काफी परेशान किया। कई बार ऐसा हो चुका है कि गैर विशेषज्ञ बल्लेबाजों ने भारत के हाथ से टेस्ट छीन लिया हो। हालांकि उमेश यादव ने एंटीगुआ टेस्ट में ऐसा नहीं होने दिया। उन्होंने अपनी गति से विंडीज बल्लेबाजों को हमेशा परेशान रखा। उमेश ने पहली पारी में वेस्टइंडीज के पूछल्ले बल्लेबाजों को आउट करते हुए चार विकेट लिए। दूसरी पारी में उन्होंने खतरनाक बल्लेबाज डैरेन ब्रावो को आउट किया। शिखर धवन - 7.5 वेस्टइंडीज दौरे पर पहुंचने से पहले शिखर धवन की अंतिम एकादश में जगह को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। हालांकि विराट कोहली ने उन पर भरोसा कायम रखा और धवन ने भी उसे साबित किया। पहले टेस्ट के पहले दिन वेस्टइंडीज के गेंदबाज शानदार प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन धवन ने डटकर उनका मुकाबला किया। बाएं हाथ के बल्लेबाज ने पुजारा और कोहली के साथ उपयोगी साझेदारियां करते हुए भारत को शुरुआती झटके से उबारा। धवन को अच्छी पारी खेलने का लाभ मिला और अब उनके विश्वास में बढ़ोतरी हुई है। उनके बल्ले से अच्छे टाइमिंग के साथ बाउंड्री निकल रही थी। अमित मिश्रा - 7.5 अनिल कुंबले की नियुक्ति से सबसे अधिक लाभ लेग-स्पिनर अमित मिश्रा को मिला है। रवीन्द्र जडेजा के साथ दूसरे स्पिनर की दौड़ में शामिल मिश्रा को अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में रहना जरुरी है। बल्लेबाजी करते समय मिश्रा ने भारतीय पारी को मजबूत स्कोर तक पहुंचाया। वह दोनों पारियों में मिलाकर कुल तीन विकेट ही ले सके, लेकिन उन्होंने गेंदबाजी में कभी ढिलाई नहीं बरती। रिद्धिमान साहा - 7 निःसंदेह मौजूदा समय में देश के सबसे शानदार विकेटकीपर साहा ने पहले टेस्ट में शानदार प्रदर्शन किया। बाउंस और स्पिन के खिलाफ सहज रहने वाले 31 वर्षीय साहा ने विकेट के पीछे शानदार कम किया। जब टीम को तेज रन बनाने की जरुरत थी तब साहा ने 40 रन का योगदान दिया था। ईशांत शर्मा - 6.5 भारत के स्कोरबोर्ड को देखने के बाद गेंदबाजी विभाग में ईशांत की उपयोगिता कम लगी हो, लेकिन टीम के सबसे वरिष्ठ गेंदबाज होने के नाते उन पर काफी जिम्मेदारी है। उन्होंने दूसरी पारी में क्रैग ब्रैथवेट को आउट करके अपनी महत्वता का नमूना पेश किया। अजिंक्य रहाणे - 5 टीम के सबसे अधिक विविधता वाले बल्लेबाज रहाणे ने पहले टेस्ट में निराश किया। वह देवेन्द्र बिशु की गेंद पर एलबीडब्लू हो गए। हालांकि डैरेन ब्रावो का शानदार कैच पकड़ने वाले रहाणे ने स्लिप फील्डर के रूप में शानदार उदाहरण पेश किया। चेतेश्वर पुजारा - 3.5 तकनीकी बल्लेबाज पुजारा ने शुरुआत तो अच्छी की। जब लगने लगा कि वह बड़ा स्कोर बनाएंगे तो बिशु की गेंद पर आउट हो गए। मुरली विजय - 3 मुरली विजय बल्लेबाजी में नहीं चल पाए, लेकिन इससे परे चिंता का कारण उनकी फिटनेस है। शेनन गेब्रियल की गेंद पर उनकी अंगुली में चोट आई थी और वह अधिकांश समय मैदान पर मौजूद नहीं थे।

Edited by Staff Editor
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